किसानों के लिए इस रबी सीजन में चना की खेती एक बड़ा अवसर लेकर आ रही है। नई उन्नत किस्में जैसे आरजी चना-1, जीएस चना-2 और एचबीआर चना-3 अपनाकर आप अपनी पैदावार को 20-25 प्रतिशत तक बढ़ा सकते हैं। ये किस्में कम समय में तैयार होती हैं, रोगों से लड़ने में माहिर हैं और स्थानीय मिट्टी व मौसम के अनुकूल हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि पारंपरिक किस्मों की तुलना में ये न सिर्फ उपज बढ़ाती हैं, बल्कि बाजार में अच्छे दाम भी दिलाती हैं। सरकार और बीज कंपनियाँ इनके उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध करा रही हैं, साथ ही उन्नत खेती के गुर सिखाने के लिए ट्रेनिंग भी दे रही हैं।
आरजी चना-1
आरजी चना-1 चना की एक ऐसी किस्म है, जो उदयपुर जैसे क्षेत्रों के लिए बिल्कुल सही साबित हो रही है। यह कम अवधि में परिपक्व हो जाती है और विभिन्न मिट्टियों में अच्छा प्रदर्शन करती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता ऊँची होने से फसल को ज्यादा दवाओं की जरूरत नहीं पड़ती। किसान भाइयों ने बताया कि इस किस्म से उपज में अच्छी बढ़ोतरी हुई है, और बाजार में इसकी माँग भी स्थिर रहती है। अगर आप छोटे खेत में चना उगाना चाहते हैं, तो यह किस्म चुनें, क्योंकि यह कम लागत में ज्यादा फायदा देती है।
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जीएस चना-2 और एचबीआर चना-3
जीएस चना-2 चना की खेती को आसान बना रही है, क्योंकि यह मौसम की बदलती स्थितियों को आसानी से झेल लेती है। इसकी पत्तियाँ मजबूत होती हैं और जड़ें गहरी होने से पानी की कम जरूरत पड़ती है। वहीं, एचबीआर चना-3 रोगों के खिलाफ सबसे मजबूत ढाल है, जो फसल को झुलसा और अन्य बीमारियों से बचाती है। दोनों किस्में उदयपुर के ग्रामीण इलाकों में लोकप्रिय हो रही हैं, क्योंकि इनसे 20-25 प्रतिशत ज्यादा पैदावार मिल रही है। विशेषज्ञों की सलाह है कि इनकी बुवाई समय पर करें, तो फसल हरी-भरी रहेगी और मंडी में ऊँचे दाम मिलेंगे।
बुवाई के गुर
चना की इन किस्मों की सफल खेती के लिए बुवाई का सही समय चुनना बहुत जरूरी है। विशेषज्ञ बताते हैं कि समय पर बुआई से फसल मजबूत बनती है। खेत की अच्छी तैयारी करें, उचित खाद डालें और सिंचाई का ध्यान रखें। कीट प्रबंधन के लिए जैविक तरीके अपनाएँ, ताकि फसल सुरक्षित रहे। पोषण संबंधी ट्रेनिंग लें, जिसमें सही उर्वरकों का इस्तेमाल सिखाया जाता है। इससे न सिर्फ उपज बढ़ेगी, बल्कि गुणवत्ता भी ऊँची रहेगी। बाजार में इनकी अच्छी माँग होने से किसान आसानी से मुनाफा कमा सकेंगे।
चना खेती से समृद्धि की नई राह
आरजी चना-1, जीएस चना-2 और एचबीआर चना-3 जैसी किस्में अपनाकर उदयपुर के किसान अपनी आय को नई ऊँचाई दे सकते हैं। ये न सिर्फ उत्पादकता बढ़ाती हैं, बल्कि रोगों से फसल को बचाकर मेहनत का पूरा फल देती हैं। सरकार की मदद से बीज आसानी से मिल रहे हैं, तो देर न करें। इन टिप्स को अपनाकर रबी सीजन को यादगार बनाएँ और बाजार में अपनी फसल का अच्छा दाम पाएँ।
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