श्री अन्न और दलहनी-तिलहनी फसलों को बढ़ावा, वाराणसी चिरईगांव में श्रम मंत्री का बीज मिनीकिट वितरण

वाराणसी के चिरईगांव विकासखंड में एक नई क्रांति की शुरुआत हुई है, जहां श्रम एवं सेवायोजन समन्वय विभाग के मंत्री अनिल राजभर ने शनिवार को किसानों के लिए बीज मिनीकिट का नि:शुल्क वितरण किया। यह पहल श्री अन्न, दलहनी, और तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए की गई, ताकि किसानों की आय में इजाफा हो और वे कम लागत में मुनाफा कमा सकें। जैविक और टिकाऊ खेती की राह भी दिखा रहा है। आइए, इस महत्वपूर्ण पहल के उद्देश्य, प्रक्रिया, और इससे जुड़े लाभों को विस्तार से जानते हैं।

कार्यक्रम का आयोजन और उद्देश्य

चिरईगांव विकासखंड (Chiraigaon Seed Distribution Varanasi) के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में मंत्री अनिल राजभर ने उर्द, अरहर, तिल, ज्वार, बाजरा, और मड़ुआ के बीज मिनीकिट का वितरण किया। इसी तरह, बहुउद्देशीय किसान कल्याण केंद्र काशी विद्यापीठ पर जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, सेवापुरी केंद्र पर विधानसभा सदस्य सेवापुरी के प्रतिनिधि कुमारी अदिति पटेल, और हरहुआ के राजकीय कृषि बीज भंडार पर भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष राम प्रकाश सिंह वीरू ने भी बीज वितरण में हिस्सा लिया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य श्री अन्न (ज्वार, बाजरा, मड़ुआ) और दलहनी-तिलहनी फसलों (उर्द, अरहर, तिल) को प्रोत्साहित करना है, जो कम पानी और कम लागत में उगाई जा सकती हैं।

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जैविक खेती और आय वृद्धि का आह्वान

मंत्री अनिल राजभर ने किसानों को जैविक खेती और श्री अन्न की ओर कदम बढ़ाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज की खेती से कम लागत में अधिक मुनाफा हासिल किया जा सकता है, जो पारंपरिक फसलों जैसे धान या गेहूं से सस्ती पड़ती है। इसके साथ ही, प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पंजीकरण करने की सलाह दी गई। जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या ने भी पारंपरिक खेती से हटकर पशुपालन, मत्स्य पालन, औद्योगिक फसलें, और सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने का आह्वान किया, ताकि किसानों की आय में विविधता आए। यह कदम न सिर्फ आर्थिक स्थिरता लाएगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।

कृषि विभाग की योजनाएं और सहायता

उप कृषि निदेशक अमित जायसवाल ने किसानों को कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि राजकीय बीज गोदाम से धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए खरपतवारनाशी और कीट नियंत्रण के लिए कीटनाशी 50% अनुदान पर उपलब्ध हैं। इसके अलावा, बायो पेस्टीसाइड जैसे ट्राईकोडर्मा और वेवेरिया वैसियाना 75% अनुदान पर दिए जा रहे हैं, जो जैविक खेती को बढ़ावा देंगे। जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह मौर्या ने किसानों से मृदा परीक्षण के आधार पर उर्वरकों का इस्तेमाल करने की सलाह दी और वैज्ञानिक सुझावों का पालन करने को कहा। उन्होंने विभागीय हेल्पलाइन नंबर (9984151548 और 9369560120) भी साझा किए, ताकि कोई भी समस्या होने पर तुरंत मदद मिल सके।

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बीज वितरण और अनुदान की जानकारी

इस कार्यक्रम में जनपद के सभी राजकीय कृषि बीज भंडारों से उर्द, अरहर, तिल, हाइब्रिड मक्का, हाइब्रिड बाजरा, और हाइब्रिड ज्वार के बीज मिनीकिट वितरित किए गए। इन पर 50% से लेकर 100% तक अनुदान उपलब्ध है, जो किसानों के लिए बड़ी राहत है। बीज वितरण “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर हो रहा है, इसलिए जल्दी पंजीकरण कराना जरूरी है। इसके लिए किसानों का पंजीकरण योजना में होना अनिवार्य है, और वितरण पीओएस मशीन के जरिए बायोमेट्रिक प्रक्रिया से किया जा रहा है। जल्द ही कोदो (667 पैकेट) और सांवा (800 पैकेट) के बीज भी वितरित किए जाएंगे, जो श्री अन्न की विविधता को और बढ़ाएंगे।

मौके पर मौजूद लोग और उत्साह

चिरईगांव कार्यक्रम में भाजपा उपाध्यक्ष संजय सिंह, खंड विकास अधिकारी बीएन द्विवेदी, सहायक विकास अधिकारी देवेंद्र पांडे, और कई ग्राम प्रधान जैसे मंगरु राजभर (सीवों), ला बहादुर पटेल (खानपुर), और दलसिंगार राजभर (जयरामपुर) मौजूद रहे। काशी विद्यापीठ पर बालकेश्वर सिंह पटेल, राहुल राज, और अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जबकि सैकड़ों किसान संजय पटेल, दिनेश पटेल, प्रेम प्रकाश, और प्रभाकर शर्मा जैसे नाम इस मौके पर उत्साह से शामिल हुए। वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र गुप्ता ने भी कार्यक्रम की कवरेज की, जो इस पहल की व्यापकता को दर्शाता है।

चिरईगांव में बीज मिनीकिट वितरण न सिर्फ किसानों को आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में ले जा रहा है, बल्कि श्री अन्न और जैविक खेती को बढ़ावा देकर पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दे रहा है। यह पहल एक नई शुरुआत है, जो कम पानी और कम लागत वाली खेती को प्रोत्साहित करती है। सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी और बीमा योजना किसानों के लिए सुरक्षा कवच बनेगी। अब जरूरत है कि किसान इन योजनाओं का पूरा लाभ उठाएं और अपने खेतों को सोने का ढेर बनाएं। आइए, इस बदलाव का हिस्सा बनें और खेती को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं!

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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