राजस्थान सरकार ने उपभोक्ताओं को मिलावटी सामान से निजात दिलाने और शुद्ध ऑर्गेनिक खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राजधानी जयपुर में जल्द ही प्रदेश का पहला ऑर्गेनिक बाजार शुरू होने जा रहा है। यह बाजार दुर्गापुरा स्थित राज्य कृषि प्रबंध संस्थान परिसर में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सितंबर 2025 से शुरू होगा। इस बाजार में ऑर्गेनिक गेहूं, दालें, मोटे अनाज, मसाले, तेल, सब्जियाँ, दूध-दही और अन्य प्रमाणित उत्पाद एक ही छत के नीचे मिलेंगे। खास बात यह है कि यहाँ क्यूआर कोड सिस्टम से उपभोक्ताओं को उत्पाद की शुद्धता की पूरी गारंटी मिलेगी। साथ ही, किसानों को बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी और उनकी मेहनत का सही दाम मिलेगा। आइए, इस खबर की पूरी जानकारी लेते हैं।
जयपुर में ऑर्गेनिक बाजार की शुरुआत
राजस्थान सरकार ने जयपुर के दुर्गापुरा में राज्य कृषि प्रबंध संस्थान परिसर में पहला ऑर्गेनिक बाजार शुरू करने का ऐलान किया है। इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत 10 दुकानें स्थापित की जाएंगी, जो किसानों और ऑर्गेनिक उत्पादकों को मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएंगी। यहाँ ऑर्गेनिक गेहूं, दालें, बाजरा, ज्वार जैसे मोटे अनाज, मसाले, तेल, ताज़ी सब्जियाँ, और दूध-दही जैसे उत्पाद बेचे जाएंगे। उद्यानिकी विभाग के मुताबिक, यह बाजार सितंबर 2025 से शुरू होगा। अगर यह प्रोजेक्ट सफल रहा, तो राजस्थान के अन्य बड़े शहरों जैसे जोधपुर, उदयपुर, और कोटा में भी ऐसे बाजार खोले जाएंगे। यह पहल उपभोक्ताओं को शुद्ध खाद्य सामग्री देने के साथ-साथ ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देगी।
क्यूआर कोड से शुद्धता की गारंटी
इस ऑर्गेनिक बाजार की सबसे खास बात है क्यूआर कोड सिस्टम। बाजार में बिकने वाले हर उत्पाद पर एक क्यूआर कोड होगा। ग्राहक अपने मोबाइल से इस कोड को स्कैन करके उत्पाद की पूरी जानकारी पा सकेंगे। इसमें बताया जाएगा कि उत्पाद कहाँ उगा, किस किसान ने इसे तैयार किया, और किस संस्था ने इसका ऑर्गेनिक प्रमाणन किया है। यह सिस्टम उपभोक्ताओं को भरोसा दिलाएगा कि वे जो सामान खरीद रहे हैं, वह 100 प्रतिशत शुद्ध और ऑर्गेनिक है। राज्य कृषि प्रबंध संस्थान के अतिरिक्त निदेशक हीरेंद्र शर्मा ने बताया कि आजकल लोग ऑर्गेनिक खाद्य सामग्री खरीदना चाहते हैं, लेकिन बाजार में मिलावट का डर रहता है। यह क्यूआर कोड सिस्टम पारदर्शिता लाएगा और ग्राहकों का भरोसा बढ़ाएगा।
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किसानों को मिलेगा सीधा मुनाफा
इस ऑर्गेनिक बाजार से राजस्थान के किसानों को बड़ा फायदा होगा। अभी तक ऑर्गेनिक उत्पाद बेचने के लिए किसानों को बिचौलियों पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे उनकी मेहनत का पूरा दाम नहीं मिलता था। अब इस बाजार में किसान खुद अपनी दुकान लगाकर सीधे ग्राहकों को सामान बेच सकेंगे। इससे उनकी कमाई बढ़ेगी और बिचौलियों का रोल खत्म होगा। हालांकि, बाजार में साफ-सफाई, सुरक्षा, और पार्किंग जैसी सुविधाओं के लिए किसानों से हर हफ्ते एक छोटा-सा शुल्क लिया जाएगा। यह शुल्क मामूली होगा और किसानों की जेब पर भारी नहीं पड़ेगा। यह पहल छोटे और सीमांत किसानों के लिए खास तौर पर फायदेमंद होगी, जो ऑर्गेनिक खेती करते हैं।
ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा
राज्य सरकार का यह कदम ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में भी अहम है। जयपुर का यह ऑर्गेनिक बाजार न सिर्फ़ उपभोक्ताओं को शुद्ध सामान देगा, बल्कि किसानों को ऑर्गेनिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित भी करेगा। हीरेंद्र शर्मा ने बताया कि इस बाजार में सिर्फ़ प्रमाणित ऑर्गेनिक उत्पाद ही बेचे जाएंगे। इसके लिए किसानों को अपने उत्पादों का ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन कराना होगा। सरकार इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए भी काम कर रही है। इस बाजार से उपभोक्ताओं को ताज़ा और शुद्ध सामान मिलेगा, जिससे उनकी सेहत बनी रहेगी। साथ ही, ऑर्गेनिक खेती से मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी और पर्यावरण को भी फायदा होगा।
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