Crop Minder Robot: खेती में मजदूरों की कमी आजकल किसानों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है। लेकिन अब नोएडा की एमिटी यूनिवर्सिटी के बीटेक रोबोटिक्स के छात्रों ने इस समस्या का हल निकाला है। उन्होंने क्रॉप माइंडर रोबोट बनाया है, जो खेतों में फल और सब्जियों की कटाई को आसान और सस्ता बना देगा। ये स्मार्ट रोबोट मशीन लर्निंग से लैस है, जो खुद सीखता है, अपनी गलतियों को सुधारता है, और समय के साथ काम को और बेहतर करता है। खास बात ये है कि इसे सिर्फ 2 लाख रुपये की लागत से बनाया गया है, और किसान इसे 4-4.5 लाख रुपये में खरीद सकते हैं।
स्ट्रॉबेरी से शुरू हर फसल के लिए तैयार
क्रॉप माइंडर रोबोट को खास तौर पर स्ट्रॉबेरी की कटाई के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका स्मार्ट कैमरा केवल पके हुए फलों को पहचानता है और बिना नुकसान पहुँचाए उनकी तुड़ाई करता है। लेकिन इसकी खूबी यहीं खत्म नहीं होती। छात्रों ने इसकी प्रोग्रामिंग ऐसी बनाई है कि इसे दूसरी फसलों, जैसे टमाटर, सेब, या सब्जियों की कटाई के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। बस प्रोग्रामिंग में छोटा-सा बदलाव, और ये रोबोट किसी भी फल या सब्जी के लिए तैयार हो जाएगा। ये तकनीक किसानों को मेहनत और समय दोनों बचाएगी।
विदेशी रोबोट से 10 गुना कम कीमत
विदेशों में फसल कटाई के रोबोट 20-25 लाख रुपये तक के आते हैं, जो छोटे और मझोले किसानों की पहुँच से बाहर हैं। लेकिन क्रॉप माइंडर रोबोट को सिर्फ 2 लाख रुपये की लागत से तैयार किया गया है, और इसे 4-4.5 लाख रुपये में खरीदा जा सकता है। ये पूरी तरह भारतीय तकनीक पर बना है, जो इसे ‘मेक इन इंडिया’ का शानदार नमूना बनाता है। इसकी सस्ती कीमत इसे छोटे किसानों के लिए भी किफायती बनाती है, और खेती के खर्च को काफी हद तक कम करती है।
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स्मार्ट फीचर्स
क्रॉप माइंडर रोबोट में कई स्मार्ट फीचर्स हैं, जो इसे खेती के लिए गेम-चेंजर बनाते हैं। इसमें लगा जीपीएस और मैपिंग सिस्टम रोबोट को खेत की सीमा में रखता है, ताकि ये भटके नहीं। किसान को बस अपने खेत का क्षेत्रफल और फैलाव रोबोट की प्रोग्रामिंग में सेट करना है। इसके बाद ये रोबोट करीने से फल और सब्जियों की कटाई कर लेगा। इसमें 20 किलो की क्षमता वाला टैंक है, जिसे ज़रूरत पड़ने पर बढ़ाया जा सकता है। रोबोट 80 सेमी ऊँचाई के पौधों पर काम कर सकता है, और मांग के हिसाब से इसे ऊँचे पेड़ों के लिए भी तैयार किया जा सकता है।
सोलर बैटरी और मोबाइल से कंट्रोल
रोबोट में 40,000 एमएएच की सोलर-पैनल से चार्ज होने वाली बैटरी है, जो इसे 8-9 घंटे तक लगातार काम करने की ताकत देती है। ये दो बीघा खेत में आसानी से काम कर सकता है। सबसे खास बात, किसान अपने मोबाइल फोन से रोबोट का काम देख सकता है। रोबोट कितने फल तोड़ चुका है, कितने क्षेत्र की कटाई हो गई, और कितनी कीमत की फसल तैयार हुई, ये सारी जानकारी फोन पर मिलेगी। किसान को बस ये सेट करना है कि रोज़ कितने क्षेत्र की कटाई करनी है, और रोबोट बाकी काम संभाल लेगा।
किसानों के लिए समय और मुनाफे की बचत
छात्र दक्ष शर्मा और जोएल वी जार्ज के मुताबिक, क्रॉप माइंडर रोबोट किसानों का समय बचाएगा और उनकी कमाई बढ़ाएगा। ये रोबोट न सिर्फ मजदूरों की कमी की समस्या हल करेगा, बल्कि सटीक कटाई से फसल की बर्बादी भी कम करेगा। मशीन लर्निंग की वजह से ये समय के साथ और स्मार्ट होता जाएगा, जिससे कटाई की गुणवत्ता और बढ़ेगी। छात्रा ऐश्वर्या त्रिपाठी ने बताया कि रोबोट का पेटेंट लेने के लिए जल्द आवेदन किया जाएगा। इसे बनाने में एक साल का समय और 2 लाख रुपये की लागत लगी, और इसकी टेस्टिंग सफल रही है।
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