फरवरी में खेती के लिए ये 3 सब्जियाँ हैं शानदार, बेहतर पैदावार के लिए ध्यान रखें ये अहम बातें!

vegetable farming in February: भारत में खेती के तीन मुख्य सीजन होते हैं – रबी, खरीफ और जायद। फरवरी में जायद की फसल की बुवाई शुरू होती है, जो मार्च तक चलती है। इस दौरान सही सब्जियों की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

आजकल किसान खेती को सिर्फ आजीविका नहीं, बल्कि एक व्यवसाय की तरह देखते हैं। बाजार में किस फसल की ज्यादा मांग है और कौन-सी फसल ज्यादा मुनाफा देगी, यह जानना बहुत जरूरी है। भारत में अलग-अलग मौसम में अलग-अलग सब्जियों की मांग बनी रहती है, जिससे खेती का सही समय पर किया जाना आवश्यक है।

खीरे की खेती

खीरे की खेती फरवरी से मार्च तक की जाती है। इसके लिए जल निकासी वाली दोमट और बलुई दोमट मिट्टी उत्तम मानी जाती है। बुवाई के समय प्रत्येक गड्ढे में 3 से 4 बीज लगाने चाहिए। जब बीज अंकुरित हो जाएं तो उनमें से दो मजबूत पौधे छोड़कर बाकी को हटा देना चाहिए। खेत की मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए 60 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से गोबर की खाद और जैविक खाद का छिड़काव करें। ध्यान दें कि पहला छिड़काव बुवाई के समय, दूसरा पत्तियां आने पर और अंतिम छिड़काव फूल आने पर करें।

खरबूजे की खेती

खरबूजे की खेती कई प्रकार की मिट्टी में आसानी हो सकती है. लेकिन अच्छी फसल के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे बेस्ट होती है. खरबूजे की बुवाई के लिए खेत की तैयारी के लिए मिट्टी की पहली जुताई हल से करें और फिर दो-तीन बार कल्टीवेटर से जुताई करें। वहीं, प्रत्येक जुताई के बाद पाटा चलाकर मिट्टी को भुरभुरा कर लें. फिर अंतिम जुताई के समय ही खेत में 200 से 250 क्विंटल सड़ी गोबर की खाद को अच्छी प्रकार मिला लें और बीज की बुवाई करें.

ककड़ी की खेती

अगर आप ककड़ी की खेती करने की सोच रहें हैं तो इसके लिए बलुई दोमट मिट्टी भी काफीअच्छी मानी जाती है. ककड़ी की खेती करने के लिए जमीन जल निकासी की सुविधा बेहद जरूरी है. जल जमाव वाली जमीन में ककड़ी की खेती न करें. वहीं, खेती की सबसे पहले गहरी जुताई करें. इसके बाद उसमें 12 से 15 गाड़ी पुरानी गोबर की सड़ी खाद को प्रति हेक्टेयर के हिसाब डालें. फिर जब खेत बिलकुल तैयार हो जाए तो बीज की बुवाई कर दें.

खेती में ध्यान रखने योग्य बातें

फरवरी में उगाई जाने वाली सब्जियों को अधिक पानी की जरूरत होती है, क्योंकि इसके बाद गर्मी बढ़ने लगती है। इसलिए नियमित सिंचाई करें। पौधों की ग्रोथ के लिए सही मात्रा में खाद और पोषक तत्वों का छिड़काव जरूरी है। साथ ही खेत को खरपतवार से साफ रखना भी आवश्यक है।

फरवरी का महीना सब्जी उत्पादन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। खीरा, खरबूजा और ककड़ी जैसी सब्जियां सही तकनीक से उगाई जाएं तो किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। खेती में आधुनिक तकनीकों और बाजार की मांग को ध्यान में रखकर काम करने से लाभ बढ़ सकता है।

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  • Shashikant

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