Cultivate these 5 vegetables in November-December: ठंड का मौसम भारतीय किसानों के लिए सुनहरा अवसर लेकर आता है। नवंबर और दिसंबर का समय सब्जियों की खेती के लिए बहुत ही अनुकूल होता है। इस दौरान न तो गर्मी ज्यादा होती है और न ही सर्दी, जिससे फसलों की बढ़वार शानदार रहती है। अगर सही योजना के साथ खेती की जाए, तो कम मेहनत और लागत में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में मटर, फूलगोभी, पालक, सोया (हरा साग), और मेथी की खेती से न केवल पैदावार अच्छी होती है, बल्कि बाजार में इनकी मांग भी हमेशा बनी रहती है। आइए जानते हैं कि इन सब्जियों की खेती कैसे करें और इनसे कैसे अधिक लाभ कमाया जा सकता है।
मटर की खेती से जल्दी मुनाफा
मटर ठंड के मौसम की सबसे लोकप्रिय फसलों में से एक है। इसकी बुवाई नवंबर के पहले या दूसरे हफ्ते में करना सबसे अच्छा रहता है। मटर को ठंडा और नम मौसम पसंद होता है, जो इस समय आसानी से उपलब्ध होता है। किसान भाई खेत को अच्छी तरह तैयार करें और बीज को राइजोबियम कल्चर से उपचारित करें, ताकि पौधों की जड़ें मजबूत हों और पैदावार बढ़े।
मटर की फसल 60 से 75 दिन में तैयार हो जाती है, जिससे जल्दी कमाई शुरू हो जाती है। बाजार में मटर की मांग पूरे सर्दी के मौसम में रहती है, और इसे स्थानीय मंडियों से लेकर बड़े शहरों तक अच्छे दामों पर बेचा जा सकता है। साथ ही, मटर की खेती में लागत कम लगती है, जिससे छोटे किसानों के लिए भी यह फायदेमंद है।
फूलगोभी से बाजार में धूम
फूलगोभी की खेती के लिए नवंबर-दिसंबर का समय आदर्श माना जाता है। इस दौरान तापमान 15 से 20 डिग्री के बीच रहता है, जो फूलगोभी के पौधों के लिए बहुत अच्छा होता है। खेत की तैयारी के लिए मिट्टी को भुरभुरा करें और गोबर की खाद या जैविक उर्वरक डालें। रोपाई नवंबर के पहले हफ्ते तक पूरी कर लें। फूलगोभी की फसल 70 से 90 दिन में तैयार हो जाती है और बाजार में इसकी कीमत हमेशा अच्छी मिलती है। भारतीय गृहणियाँ और रेस्तराँ इसकी मांग करते हैं, जिससे किसानों को मुनाफा सुनिश्चित होता है। अगर आप जैविक खेती करते हैं, तो फूलगोभी की कीमत और भी बढ़ सकती है।
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पालक: बार-बार कटाई, लगातार कमाई
पालक एक ऐसी हरी सब्जी है, जो ठंड के मौसम में खूब उगती है। इसकी बुवाई नवंबर से जनवरी तक की जा सकती है। पालक की खेती में ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती, बस मिट्टी में हल्की नमी बनाए रखें। यह फसल 25-30 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती है और इसे कई बार काटा जा सकता है। यानी, एक बार बुवाई करने पर कई बार कमाई का मौका मिलता है। पालक की मांग गाँवों से लेकर शहरों तक रहती है, क्योंकि यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। स्थानीय बाजारों में इसे आसानी से बेचा जा सकता है, और इसकी खेती छोटे खेतों में भी आसानी से की जा सकती है।
सोया (हरा साग): स्वाद और सेहत का खजाना
सोया, जिसे हरा साग भी कहते हैं, ठंड के मौसम में उगाने के लिए बेहतरीन सब्जी है। नवंबर में इसकी बुवाई करना सबसे अच्छा रहता है। यह फसल जल्दी तैयार होती है और इसे ताजा साग के रूप में बाजार में बेचा जा सकता है। सोया की पत्तियाँ आयरन और प्रोटीन से भरपूर होती हैं, जिस वजह से इसकी मांग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों में खूब रहती है। छोटे किसान इसे आसानी से उगा सकते हैं, क्योंकि इसकी खेती में ज्यादा खर्च नहीं होता। अगर आप इसे जैविक तरीके से उगाएँ, तो बाजार में इसकी कीमत और भी अच्छी मिल सकती है।
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मेथी: पौष्टिक और लाभकारी
मेथी की खेती ठंड के मौसम में बहुत आसान और फायदेमंद है। इसकी बुवाई नवंबर से दिसंबर तक की जा सकती है। मेथी की पत्तियाँ 25-30 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती हैं और इसे 2-3 बार काटा जा सकता है। यह न केवल खाने में स्वादिष्ट होती है, बल्कि औषधीय गुणों के कारण भी इसकी मांग रहती है। मेथी को छोटे खेतों या यहाँ तक कि गमलों में भी उगाया जा सकता है, जिससे यह उन किसानों के लिए भी उपयोगी है जिनके पास कम जमीन है। बाजार में मेथी की ताजी पत्तियाँ अच्छे दामों पर बिकती हैं, और इसकी खेती में लागत भी बहुत कम लगती है।
कुछ अतिरिक्त टिप्स
इन सब्जियों की खेती को और सफल बनाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखें। सबसे पहले, अच्छी गुणवत्ता वाले बीज चुनें और मिट्टी की जाँच करवाएँ। जैविक खाद और कीटनाशकों का उपयोग करें, क्योंकि आजकल जैविक सब्जियों की मांग बढ़ रही है। साथ ही, सरकार की योजनाओं, जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि या कृषि बीमा योजना, का लाभ उठाएँ। ये योजनाएँ खेती में जोखिम को कम करने में मदद करती हैं। अगर आप अपने उत्पादों को सीधे ग्राहकों तक पहुँचाना चाहते हैं, तो स्थानीय मंडियों के अलावा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स या किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) से जुड़ें। इससे आपको बेहतर दाम मिल सकते हैं।
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