बाजार छोड़ो, सीधे ANDUAT से लो बीज: किसानों की आय दोगुनी करने वाला फार्मूला, उन्नत किस्में, 70 क्विंटल/हेक्टेयर तक पैदावार

आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (ANDUAT), कुमारगंज, अयोध्या, ने 2025 के लिए धान के उन्नत बीजों की बिक्री शुरू कर दी है। पूर्वांचल के किसान विश्वविद्यालय कैंपस और कृषि विज्ञान केंद्र, मसौधा से बीज खरीद सकते हैं। इस वर्ष 7000 क्विंटल बीज उपलब्ध हैं, जो उच्च पैदावार और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जाने जाते हैं। बलरामपुर, बस्ती, गोंडा, आजमगढ़, और सुल्तानपुर जैसे जिलों के किसान इन बीजों से अपनी आय बढ़ा रहे हैं। आइए, जानें उपलब्ध किस्में और खरीदारी की प्रक्रिया।

Table of Contents

उन्नत बीज: उच्च पैदावार की गारंटी

ANDUAT ने धान की कई उन्नत किस्में विकसित की हैं, जो उत्तर प्रदेश की मिट्टी और जलवायु के लिए आदर्श हैं। MTU-7029 (मीडियम मोटा धान) के 1100 क्विंटल बीज उपलब्ध हैं। यह 155-160 दिन में तैयार होता है और 65-70 क्विंटल/हेक्टेयर उपज देता है। BPT-5204 (महीन धान) के 880 क्विंटल बीज 60-62 क्विंटल/हेक्टेयर पैदावार देते हैं। सरयू-52 के 753 क्विंटल बीज 145-150 दिन में 55-60 क्विंटल/हेक्टेयर उपज देते हैं। बस्ती के किसान रामकुमार कहते हैं, “MTU-7029 ने मेरी फसल को दोगुना किया। अब बाजार से बीज नहीं लेते, सीधे ANDUAT जाते हैं।”

विशेष किस्में: कम समय, अधिक मुनाफा

कम अवधि वाली किस्मों में NDR-2065 (142 क्विंटल) शामिल है, जो 120-135 दिन में 55-60 क्विंटल/हेक्टेयर देता है। पूसा KN-01 (35 क्विंटल) और पूसा CRD KN-02 (142 क्विंटल) उच्च गुणवत्ता वाले महीन धान हैं। NDRA-2064 (48 क्विंटल) विशेष वीडर सीड्स हैं, जिन्हें तीन बार बोया जा सकता है। ये किस्में रोगों से बचाव और जलवायु अनुकूलता के लिए जानी जाती हैं। गोंडा के धीरज पाण्डेय बताते हैं, “NDR-2065 ने कम समय में ज्यादा उपज दी। ANDUAT के बीजों पर भरोसा बढ़ गया है।”

बीज खरीदने की प्रक्रिया: पारदर्शी और आसान

बीज खरीदना अब किसानों के लिए और भी आसान कर दिया गया है। बीज विधायन संयंत्र, कुमारगंज के प्रभारी डॉ. ऋषभ कुमार सिंह के अनुसार, सभी बीज प्रमाणित और उच्च गुणवत्ता वाले हैं। कीमतें भी स्पष्ट रूप से तय की गई हैं:

सरकार द्वारा इन बीजों पर 50% सब्सिडी भी दी जा रही है, जो डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से किसानों के खातों में भेजी जाती है।

बीज खरीदने के लिए किसान सीधे कुमारगंज स्थित ANDUAT कैंपस या मसौधा के कृषि विज्ञान केंद्र में जाकर संपर्क कर सकते हैं। बीज बोने से पहले ट्राइकोडरमा से बीज शोधन की भी सलाह दी जाती है, जिससे बीज फफूंद जनित रोगों से सुरक्षित रहते हैं।

किसानों की सफलता: विश्वास का आधार

पिछले पांच वर्षों से बलरामपुर के राम सजीवन और जौनपुर के त्रिलोकी नाथ ANDUAT से बीज खरीद रहे हैं। वे कहते हैं, “पहले बाजार के बीजों से उपज कम थी। 2020 में कृषि विज्ञान केंद्र के प्रचार के बाद हमने ANDUAT के बीज लिए। अब 60-70 क्विंटल/हेक्टेयर उपज मिलती है।” विश्वविद्यालय ने 196 से अधिक उन्नत प्रजातियां विकसित की हैं, जो पूर्वांचल की खेती को समृद्ध कर रही हैं।

आप उत्तर प्रदेश या पूर्वांचल के किसान हैं और अपनी धान की पैदावार बढ़ाना चाहते हैं, तो ANDUAT के बीजों को अपनाना आपके लिए एक सुनहरा अवसर है। ये बीज न केवल उपज बढ़ाते हैं बल्कि फसल की गुणवत्ता और बाजार भाव को भी मजबूत बनाते हैं। आज ही अपने नजदीकी केंद्र पर संपर्क करें और अपनी खेती को बनाएं मुनाफे का सौदा।

ये भी पढ़ें – उत्तर प्रदेश बनेगा हरी मिर्च के निर्यात का सुपर पावर! जानें किसानों को कैसे मिलेगा जबरदस्त मुनाफा

Author

  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

    View all posts

Leave a Comment