किसान ध्यान दें! टपक सिंचाई लगाने पर मिलेगी 80% सब्सिडी, उपज में 150% का इजाफा

पानी की बर्बादी और कम उपज से परेशान किसानों के लिए टपक सिंचाई (ड्रिप इरिगेशन) वरदान साबित हो रही है। यह प्रणाली पानी को पाइपों से सीधे पौधों की जड़ों तक बूंद-बूंद पहुँचाती है, जिससे सब्जी उत्पादन में जल की 70% तक बचत होती है। कृषि विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद कुमार के अनुसार, उपज में 120-150% वृद्धि, खाद-दवा की 30-40% बचत और फर्टिगेशन (खाद पानी में घोलकर) से लागत में कमी आती है। पहाड़ी, रेतीली और लवणीय मिट्टी में भी यह प्रभावी है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के तहत 50-80% सब्सिडी मिलती है। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के किसान इसे अपनाकर मालामाल हो रहे हैं।

टपक सिंचाई कैसे काम करती है

टपक सिंचाई में पानी टंकी, बोरवेल या नहर से पंप के जरिए मुख्य पाइप में जाता है। फिर सब-मेन और लेटरल पाइपों से ड्रिपर (बूंद छोड़ने वाले नोजल) के माध्यम से पौधों की जड़ों तक पहुँचता है। हर पौधे को दिन में 2-4 लीटर पानी मिलता है, जो जरूरत के हिसाब से सेट किया जा सकता है। परंपरागत बाढ़ सिंचाई में 60-70% पानी बेकार चला जाता है, लेकिन टपक में 90-95% उपयोग होता है। सब्जियों (टमाटर, भिंडी, बैंगन) में यह सबसे कारगर है। फर्टिगेशन से खाद भी पानी में घोलकर दी जाती है, जिससे पौधे 20-30% तेज बढ़ते हैं।

फायदे: 70% पानी बचत

टपक सिंचाई से सब्जी उत्पादन में जल की 70% बचत होती है। उपज 120-150% बढ़ती है – एक एकड़ टमाटर में 300-400 क्विंटल तक। खरपतवार 80% कम, कीट-रोग 50% कम। फर्टिगेशन से खाद की 30-40% बचत। पहाड़ी क्षेत्रों (हिमाचल, उत्तराखंड) में ढलान पर भी समान सिंचाई। रेतीली मिट्टी में नमी जड़ों के पास रहती है। कुल मिलाकर, प्रति एकड़ 50,000-70,000 रुपये की अतिरिक्त कमाई। झारखंड के पलामू जिले में किसान रामेश्वर सिंह ने 1 एकड़ में टपक लगाकर 2 लाख की सब्जी बेची, जबकि पहले 80,000 ही मिलते थे।

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PMKSY से 80% तक सहायता

एक एकड़ के लिए टपक सिस्टम की लागत 80,000-1,20,000 रुपये है (पाइप, ड्रिपर, पंप, फिल्टर सहित)। PMKSY के तहत सामान्य किसानों को 55%, SC/ST/महिलाओं को 70-80% सब्सिडी। यूपी-बिहार में 1 एकड़ पर 40,000-60,000 सब्सिडी। किसान का खर्च मात्र 25,000-40,000 रुपये। सब्सिडी DBT से सीधे खाते में। सिस्टम 8-10 साल चलता है। फर्टिगेशन टैंक अलग से 5,000-8,000 में लग जाता है।

आवेदन प्रक्रिया

आवेदन जिले के कृषि/उद्यान विभाग या ग्राम पंचायत में करें। ऑनलाइन pmksy.gov.in या राज्य पोर्टल (जैसे upagriculture.com) पर फॉर्म भरें। दस्तावेज: आधार, बैंक पासबुक, खेत का नक्शा, मिट्टी परीक्षण। सत्यापन के बाद सब्सिडी मंजूर। कंपनी (जैन, नेताफिम) से सिस्टम लगवाएँ। प्रक्रिया 15-30 दिनों में पूरी। हेल्पलाइन 1800-180-1551।

टपक सिंचाई सब्जी-फल उत्पादकों के लिए जरूरी है। पहले मिट्टी परीक्षण करवाएँ। सब्जी फसल चुनें। फर्टिगेशन सीखें। सब्सिडी के लिए जल्द आवेदन करें। यह तकनीक जल संरक्षण और टिकाऊ खेती का भविष्य है।

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  • Shashikant

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