Fish Farming Tips in Summer : किसान भाइयों, अप्रैल का महीना बिहार में गर्मी की शुरुआत लाता है, और मछली पालकों के लिए यह सतर्कता का समय है। मत्स्य निदेशालय, पटना ने सभी मछली पालकों से अपील की है कि गर्मी की मार से तालाबों को बचाएँ और मछलियों की सेहत का ख्याल रखें। बढ़ता तापमान तालाब के पानी की क्वालिटी को बिगाड़ सकता है, जिससे मछलियों का विकास और मुनाफा ठप हो सकता है। सही समय पर तालाब की सफाई, पानी की देखभाल, और मछलियों का खानपान मछली पालन को मुनाफे का धंधा बना सकता है। आइए, निदेशालय की सलाह और अप्रैल में मछली पालन के गुर समझते हैं।
तालाब की सफाई, मछलियों की सेहत
गर्मी शुरू होते ही तालाबों में गंदगी और खरपतवार बढ़ने लगते हैं, जो मछलियों के लिए मुसीबत बन सकते हैं। मत्स्य निदेशालय, पटना के निदेशक सलाह देते हैं कि अप्रैल में तालाबों की साफ-सफाई ज़रूर करें। पुराने तालाबों में जमा गाद निकालें और किनारों की मरम्मत कर लें। अगर आप नया तालाब बनाना चाहते हैं, तो अप्रैल इसके लिए सबसे अच्छा समय है।
सही जगह चुनकर खुदाई शुरू करें, ताकि बरसात से पहले तालाब तैयार हो जाए। वैशाली के एक मछली पालक ने बताया कि उसने अप्रैल में तालाब की गाद निकाली, और मछलियों की सेहत में 20 प्रतिशत सुधार देखा। जलीय कीटों और खरपतवारों को हर 10-15 दिन में साफ करें। यह छोटा कदम आपकी मछलियों को स्वच्छ माहौल देगा और मुनाफा बढ़ाएगा।
पानी की क्वालिटी, मछलियों का आधार
गर्मी में पानी का तापमान बढ़ने से ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है, जो मछलियों के लिए खतरनाक है। निदेशालय सलाह देता है कि तालाब में हमेशा 1.5 मीटर गहराई तक पानी रखें। सुबह और शाम 2-4 घंटे एरेटर या एयर ब्लोअर चलाएँ, ताकि पानी में ऑक्सीजन बनी रहे। पंगेशियस मछली वाले तालाबों को छोड़कर, महीने के आखिर में जाल चलाकर मछलियों की सेहत जाँचें। प्रति एकड़ 100-150 किलो बुझा हुआ चूना डालें, ताकि पानी की क्वालिटी सुधरे। मुजफ्फरपुर के एक पालक ने चूना डालकर तालाब का पीएच संतुलित किया, और मछलियों की वृद्धि 15 प्रतिशत बढ़ी। यह देखभाल मछलियों को गर्मी की मार से बचाएगी और पैदावार को चमकाएगी।
खानपान और बीज उत्पादन का जुगाड़
अप्रैल में मछलियों का खानपान मुनाफे की कुंजी है। पशुपालन और मत्स्य संसाधन विभाग की सलाह है कि हैचरी संचालक और बीज उत्पादक मछलियों को प्रोटीन युक्त आहार और गट प्रोबायोटिक दें। इससे अंडों का निषेचन बेहतर होता है और स्पॉन का विकास तेज़ी से होता है। प्लैंक्टन नेट से नर्सरी और संचयन तालाबों में प्राकृतिक भोजन की जाँच करें।
ग्रास कार्प मछली के बीज उत्पादन के लिए यह समय शानदार है। बीज उत्पादन से एक महीने पहले नर और मादा प्रजनक मछलियों को अलग-अलग तालाबों में रखें। समस्तीपुर के एक पालक ने प्रोटीन आहार देकर बीज उत्पादन दोगुना किया। समय-समय पर जाल डालकर मछली बीज की सेहत जाँचें, ताकि नुकसान न हो। यह मेहनत आपकी मछलियों को मज़बूत बनाएगी।
नए तालाब, नई शुरुआत
अप्रैल का महीना नए मछली पालकों के लिए सुनहरा है। मत्स्य निदेशालय सलाह देता है कि इस समय तालाब की खुदाई शुरू करें। सही जगह चुनें, जहाँ पानी की उपलब्धता और मिट्टी की क्वालिटी अच्छी हो। तालाब की गहराई कम से कम 1.5-2 मीटर रखें, ताकि गर्मी में पानी सूखे नहीं। पुराने तालाबों की मरम्मत के लिए भी यह समय मुफीद है। गाद निकालें, किनारों को मज़बूत करें, और चूना डालकर पानी को तैयार करें। भागलपुर के एक नए पालक ने अप्रैल में तालाब बनवाया और पहली फसल से 3 लाख रुपये कमाए। यह शुरुआत आपके खेतों को मछली पालन का हब बनाएगी।
मुनाफे की राह
मछली पालन बिहार में मुनाफे का बड़ा ज़रिया है, लेकिन गर्मी में लापरवाही भारी पड़ सकती है। मत्स्य निदेशालय की सलाह मानें तालाब की सफाई, पानी की क्वालिटी, और मछलियों का खानपान ठीक रखें। एक हेक्टेयर तालाब से 4-5 टन मछली आसानी से मिल सकती है, जो 100-150 रुपये प्रति किलो बिकती है। पटना के एक पालक ने ड्रिप सिस्टम और प्रोटीन आहार से 6 टन मछली उगाई और 7 लाख रुपये कमाए। अपने नजदीकी मत्स्य कार्यालय से सलाह लें और तालाब की देखभाल के लिए ज़रूरी उपकरण, जैसे एरेटर, खरीदें। जब आपकी मछलियाँ मंडी में चमकेंगी और खाते में मुनाफा आएगा, तो मेहनत का असली मज़ा आएगा।
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