किसान भाइयों ने अक्सर देखा होगा कि खीरा, लौकी, तोरई के फल कभी-कभी टेढ़े-मेढ़े हो जाते हैं, बाजार में इनका दाम कम मिलता है, और मेहनत बेकार लगती है। इसका बड़ा कारण एक खास मक्खी है, जिसे फ्रूट फ्लाई या कद्दू मक्खी कहते हैं। ये मक्खी फूलों और छोटे फलों पर अंडे देती है, इसके बच्चे (लार्वा) फल के अंदर बढ़ते हैं, और उसे खोखला कर देते हैं। नतीजा, फल टेढ़ा हो जाता है, और कई बार सड़ भी जाता है। लेकिन चिंता न करें, कुछ आसान उपायों से इस मक्खी से बचा जा सकता है।
फ्रूट फ्लाई का हमला कैसे होता है
ये मक्खी गर्मी और बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा सक्रिय होती है, खीरा, लौकी, तोरई के फूलों को देखते ही उस पर अंडे देती है। अंडों से लार्वा निकलता है, जो फल के अंदर घुसकर उसे खाना शुरू करता है। इससे फल का आकार बिगड़ जाता है, लौकी टेढ़ी हो जाती है, खीरा छोटा और मुड़ा रह जाता है, तोरई का स्वाद भी खराब हो जाता है। अगर फल को तोड़कर देखें, तो अंदर छोटे-छोटे कीड़े दिखते हैं, ये मक्खी के बच्चे ही होते हैं। इसे रोकना जरूरी है, वरना फसल का बड़ा नुकसान हो सकता है।
मक्खी से बचने का पहला उपाय : ट्रैप लगाएं
फ्रूट फ्लाई से बचने का सबसे आसान तरीका है ट्रैप लगाना, एक पुरानी प्लास्टिक बोतल लें, उसमें छेद करें, और अंदर गुड़ का पानी (100 ग्राम गुड़ 1 लीटर पानी में) डाल दें। इसे खेत में 5-6 जगह लटकाएं, मक्खियाँ इसकी मिठास की ओर खींची चली आएंगी, और बोतल में फंस जाएंगी। हर हफ्ते पानी बदलें, ये सस्ता और कारगर तरीका खीरा, लौकी की बेलों को बचाता है, और फल सीधे-स्वस्थ रहते हैं।
दूसरा उपाय : नीम का छिड़काव
नीम का तेल मक्खी को भगाने में बहुत असरदार है, 5 मिलीलीटर नीम तेल को 1 लीटर पानी में मिलाएं, और शाम के वक्त तोरई, लौकी, खीरे की बेलों पर छिड़कें। ये मक्खी को अंडे देने से रोकता है, और लार्वा को भी मार देता है। नीम की पत्तियों को उबालकर ठंडा करें, उस पानी का छिड़काव भी कर सकते हैं। ये देसी तरीका फलों को टेढ़ा होने से बचाता है, और पौधों को ताकत भी देता है।
तीसरा उपाय : फेरोमोन ट्रैप
बाजार में फेरोमोन ट्रैप मिलते हैं, जो मक्खी को खास खुशबू से लुभाते हैं। प्रति एकड़ 4-5 ट्रैप लगाएं, ये नर मक्खियों को पकड़ते हैं, जिससे अंडे देने वाली मादा मक्खियाँ कम होती हैं। गाँव की दुकानों या ऑनलाइन इंडिया मार्ट से इन्हें ले सकते हैं। खीरे और लौकी के खेत में ये ट्रैप फल को सीधा रखने में मदद करते हैं, और फसल की गुणवत्ता बढ़ाते हैं।
चौथा उपाय : सही समय पर फल तोड़ें
मक्खी ज्यादातर छोटे फलों पर अंडे देती है, अगर खीरा, तोरई, लौकी को सही समय पर तोड़ लिया जाए, तो नुकसान कम होगा। सुबह जल्दी फल तोड़ें, जब वे 6-8 इंच के हों। टेढ़े या खराब फलों को खेत से हटाकर गड्ढे में दबा दें, ताकि मक्खी के अंडे फैलने का मौका न मिले। ये तरीका फसल को बर्बाद होने से बचाता है, और बाजार में अच्छा माल पहुँचता है।
सावधानियाँ और देखभाल
खेत में साफ-सफाई रखें, पुरानी पत्तियाँ और सड़े फल हटाएं, क्योंकि मक्खी इन्हीं पर बढ़ती है। गर्मी में हर 4-5 दिन में हल्का पानी दें, ताकि पौधे स्वस्थ रहें। रसायनिक कीटनाशक जैसे मैलाथियॉन (20 मिलीलीटर प्रति 10 लीटर पानी) का छिड़काव जरूरत पड़ने पर करें, लेकिन पहले प्राकृतिक तरीके आजमाएं। छिड़काव शाम को करें, ताकि धूप से पत्तियाँ न जलें। खेत की निगरानी रखें, मक्खी दिखे तो तुरंत कदम उठाएं।
बंपर फसल और अच्छा मुनाफा
खीरा, लौकी, तोरई के टेढ़े फल न सिर्फ देखने में खराब लगते हैं, बल्कि बाजार में इनका दाम भी कम मिलता है। फ्रूट फ्लाई से बचने के लिए ट्रैप, नीम, और सही देखभाल अपनाएं। इससे फल सीधे, स्वस्थ रहेंगे, और बाजार में 50-100 रुपये किलो तक बिकेंगे। अपने खेत में ये उपाय आजमाएं, और देखें कैसे ये बेलें बंपर फसल देती हैं, और जेब भरती हैं।
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