करें कुछ हटकर : गन्ने की नर्सरी लगाए और एक हेक्टेयर में 30 लाख रुपये कमाएं

किसान भाइयों, गन्ने की नर्सरी लगाना एक शानदार बिजनेस है, जो कम समय में मोटी कमाई देता है, गन्ने की खेती उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पंजाब में बड़े पैमाने पर होती है, और अच्छी क्वालिटी के पौधों की माँग हमेशा रहती है, एक हेक्टेयर नर्सरी से 2-3 लाख पौधे तैयार किए जा सकते हैं, जो 5-10 रुपये प्रति पौधा बिकते हैं, यानी 10-30 लाख रुपये की कमाई संभव है, ये 30-40 दिन में तैयार हो जाती है, और लागत सिर्फ 50-60 हजार रुपये आती है, छोटे-बड़े किसानों के लिए ये वरदान है, अप्रैल-मई या अक्टूबर-नवंबर में शुरू करें, और अपनी मेहनत को लाखों में बदलें।

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मिट्टी और जलवायु नर्सरी की नींव

गन्ने की नर्सरी के लिए सही मिट्टी, जलवायु जरूरी है, बलुई दोमट, चिकनी मटियार मिट्टी जिसमें जल निकासी अच्छी हो, इसके लिए बेस्ट है, मिट्टी का pH 6.5-7.5 होना चाहिए, 25-35 डिग्री तापमान उपयुक्त है, ज्यादा ठंड (15 डिग्री से कम) या गर्मी (40 डिग्री से ऊपर) से बचाएँ, खेत की गहरी जुताई करें, 10-12 टन गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट प्रति हेक्टेयर डालें, अप्रैल-मई या अक्टूबर में नर्सरी तैयार करें, मिट्टी को भुरभुरा बनाने के लिए रोटावेटर चलाएँ, हल्की सिंचाई करें, ताकि नमी बनी रहे, सही मिट्टी, मौसम से पौधे स्वस्थ, मजबूत उगते हैं, और बाजार में ज्यादा दाम मिलता है।

बीज और पौध तैयार करना

गन्ने की नर्सरी के लिए स्वस्थ, रोगमुक्त गन्ने चुनें, उन्नत किस्में जैसे Co-0238, Co-86032, CoJ-64, CoPant-84211 लें, जो ज्यादा उपज, रस देती हैं, प्रति हेक्टेयर 8-10 टन गन्ने (2-3 गांठ वाले टुकड़े) चाहिए, गन्नों को 30-45 सेमी लंबे टुकड़ों में काटें, प्रत्येक में 2-3 गांठ हों, बीज को बवेरिया बैसिलस (10 ग्राम प्रति किलो) या ट्राइकोडर्मा (5 ग्राम प्रति किलो) से उपचारित करें, अप्रैल-मई में पॉली बैग (15×25 सेमी) में मिट्टी, गोबर खाद, रेत (2:1:1) भरें, प्रति बैग 1-2 टुकड़े 45 डिग्री कोण पर रोपें, 7-10 दिन में अंकुरण शुरू होता है, सही बीज से पौधे 30-40 दिन में बिक्री के लिए तैयार हो जाते हैं।

देखभाल और सिंचाई, पौधों का रखें ख्याल

नर्सरी की देखभाल में पानी, पोषण का ध्यान रखें, रोपाई के बाद तुरंत हल्की सिंचाई करें, फिर 5-7 दिन के अंतर पर पानी दें, ड्रिप सिस्टम से 20-30% पानी बचता है, हर 10 दिन में जीवामृत (200 लीटर प्रति हेक्टेयर) छिड़कें, 1 टन वर्मी कम्पोस्ट प्रति हेक्टेयर डालें, कीट जैसे दीमक, तना छेदक से बचाने के लिए नीम का तेल (5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) इस्तेमाल करें, फफूंद रोग के लिए ट्राइकोडर्मा (10 ग्राम प्रति लीटर) छिड़कें, 15-20 दिन बाद खरपतवार हटाएँ, पौधों को छायादार जाल से ढकें, अगर गर्मी ज्यादा हो, सही देखभाल से पौधे 30-40 सेमी लंबे, स्वस्थ तैयार होते हैं।

बिक्री और कटाई का उचित समय

इसकी नर्सरी के पौधे 30-40 दिन में बिक्री के लिए तैयार हो जाते हैं, जब पौधे 30-40 सेमी लंबे, 4-5 पत्तियों वाले हों, सुबह के समय पॉली बैग सहित पौधे निकालें, और बंडल बनाएँ, एक हेक्टेयर से 2-3 लाख पौधे तैयार होते हैं, इन्हें 5-10 रुपये प्रति पौधा बेचें, कटाई के बाद पौधों को छाया में रखें, और 1-2 दिन में बेचें, ताकि ताजगी बनी रहे, स्थानीय किसानों, चीनी मिलों, कृषि मेलों में बेचें, सही समय पर बिक्री से 10-30 लाख रुपये की कमाई हो सकती है, ये मेहनत का सबसे बड़ा इनाम है, और नर्सरी का बिजनेस सालों तक चलता है।

मुनाफा और बाजार, खूब पैसा कमाएँ

गन्ने की नर्सरी से लाखों की कमाई संभव है, एक हेक्टेयर में लागत 50-60 हजार रुपये लगती है, जिसमें बीज, खाद, मजदूरी, पॉली बैग शामिल हैं, 2-3 लाख पौधे 5-10 रुपये प्रति पौधा बिकने पर 10-30 लाख रुपये की कमाई होती है, लागत निकालकर 9-29 लाख मुनाफा बचता है, लोकल मार्केट, चीनी मिलों, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे Agrostar, IndiaMART पर बेचें, गन्ने की बढ़ती माँग से पौधों की डिमांड सालभर रहती है, सरकार की बागवानी, कृषि योजनाओं, सब्सिडी का फायदा उठाएँ, छोटे स्तर पर 0.5 हेक्टेयर से शुरू करें, ये बिजनेस मेहनत को सोने में बदल देता है।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

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