Garmi Mein Me Matar Ki Kheti: किसान भाइयों, मटर को हमेशा सर्दी की फसल समझा जाता था, लेकिन अब नई तकनीक और रिसर्च ने खेल बदल दिया है। अब गर्मी में भी मटर की खेती हो रही है, वो भी कम पानी और कम मेहनत में। वैज्ञानिकों ने ऐसी उन्नत किस्में बनाई हैं, जो गर्मी को झेल सकती हैं और 50-60 दिन में फसल दे देती हैं। बाजार में गर्मी के मौसम में मटर की कमी रहती है, जिससे दाम दोगुने-तिगुने मिलते हैं। तो चलिए, देसी अंदाज़ में जानते हैं कि गर्मी में मटर की खेती कैसे आपके लिए सोने का अंडा बन सकती है।
गर्मी में मटर की खास किस्में (Garmi Mein Me Matar Ki Kheti)
वैज्ञानिकों ने गर्मी के लिए कुछ ऐसी मटर की किस्में तैयार की हैं, जो कम पानी और ज्यादा तापमान में भी लहलहाती हैं। इनमें से हर किस्म अपने आप में खास है और गर्मी में खेती के लिए बेस्ट है।
1. अर्का प्रगति (Arka Pragati)

पहली किस्म है अर्का प्रगति, जो खास तौर पर गर्म और सूखे मौसम के लिए बनाई गई है। ये किस्म इतनी तेज है कि सिर्फ 50-55 दिन में फल देना शुरू कर देती है। सबसे बड़ी बात, इसे ज्यादा पानी की जरूरत नहीं पड़ती, और फिर भी ये अच्छी उपज देती है। जिन किसानों के खेत में पानी की कमी रहती है, उनके लिए ये किस्म किसी वरदान से कम नहीं।
2. अर्का विभा (Arka Vibha)

दूसरी किस्म है अर्का विभा, जो गर्मी को झेलने में माहिर है। इसके दाने इतने कोमल और स्वादिष्ट होते हैं कि बाजार में इनकी खूब डिमांड रहती है। ये किस्म झुलसा और फफूंदी जैसे रोगों से भी लड़ सकती है, जिससे आपको दवाइयों पर कम खर्च करना पड़ता है। गर्मी में मटर की खेती के लिए ये एक भरोसेमंद साथी है।
3. Pusa Summer Pea-1

तीसरी किस्म है पुसा समर पी-1, जिसे भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (ICAR) ने तैयार किया है। ये किस्म 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को आसानी से झेल लेती है। उत्तर भारत के खेतों में इसका ट्रायल हुआ है, और ये खूब कामयाब रही है। जिन इलाकों में गर्मी जोरों पर रहती है, वहां ये किस्म किसानों के लिए गेम-चेंजर साबित हो रही है।
4. Kashi Nandini (काशी नंदिनी)

चौथी किस्म है काशी नंदिनी, जो अपने लंबे और मीठे फलों के लिए जानी जाती है। ये किस्म रोगों से लड़ने में माहिर है, जिससे आपकी फसल सुरक्षित रहती है। गर्मी में भी ये अच्छी पैदावार देती है, और इसके फल बाजार में खूब पसंद किए जाते हैं। स्वाद और उपज दोनों के मामले में ये किस्म किसानों की पसंद बन रही है।
गर्मी में मटर की खेती का सही तरीका
गर्मी में मटर की खेती (Garmi Mein Me Matar Ki Kheti) के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। बुवाई का सबसे अच्छा समय मार्च का मध्य या अप्रैल का पहला हफ्ता है, जब मौसम गर्म होने लगता है। खेत को तैयार करने के लिए मिट्टी को अच्छे से जोत लें और गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालें। मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए खेत में घास-फूस या पत्तियों की मल्चिंग करें, ताकि पानी जल्दी सूखे नहीं।
सिंचाई के लिए ड्रिप इरीगेशन या नाली विधि सबसे अच्छी है, क्योंकि इससे पानी की बचत होती है और पौधों को सही मात्रा में नमी मिलती है। खाद के लिए जैविक खाद का इस्तेमाल करें, और अगर जरूरी हो तो बायोफर्टिलाइज़र डालें।
गर्मी में मटर की खेती (Garmi Mein Me Matar Ki Kheti) के फायदे
गर्मी में मटर की खेती किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं। सबसे बड़ा फायदा ये है कि इस मौसम में बाजार में मटर की सप्लाई कम होती है, जिससे दाम 2-3 गुना ज्यादा मिलते हैं। हरियाणा के किसान मोहित राठी ने अप्रैल में अर्का प्रगति किस्म लगाई और सिर्फ 60 दिन में एक एकड़ से 70,000 रुपये की कमाई की।
दूसरा फायदा ये है कि ये फसल जल्दी तैयार हो जाती है, यानी 50-60 दिन में आपका मुनाफा आपके हाथ में होता है। नई किस्में रोगों और कीटों से लड़ने में माहिर हैं, जिससे दवाइयों का खर्च बचता है। साथ ही, मटर एक लेग्युम फसल है, जो मिट्टी में नाइट्रोजन बढ़ाती है। इससे अगली फसल के लिए खेत और उर्वर हो जाता है।
खेती शुरू करने से पहले ध्यान दें
गर्मी में मटर की खेती (Garmi Mein Me Matar Ki Kheti) शुरू करने से पहले कुछ बातों का ख्याल रखें। सबसे पहले, अपने नजदीकी कृषि केंद्र से इन उन्नत किस्मों के बीज लें। बीज को बुवाई से पहले पानी में भिगोकर या बायोफर्टिलाइज़र से उपचारित करें, ताकि अंकुरण अच्छा हो। खेत में पौधों के बीच 20-25 सेंमी और कतारों के बीच 30-40 सेंमी की दूरी रखें। गर्मी में पानी का खास ध्यान रखें, लेकिन ज्यादा पानी देने से बचें, वरना जड़ें सड़ सकती हैं। समय-समय पर खरपतवार हटाएं और पौधों की जांच करते रहें। अगर ड्रिप इरीगेशन की सुविधा है, तो उसे जरूर अपनाएं, क्योंकि ये पानी और मेहनत दोनों बचाता है।
किसानों के लिए सलाह
किसान भाइयों, गर्मी में मटर की खेती आपके लिए कम लागत में बड़ा मुनाफा ला सकती है। ये मौसम ऐसा है, जब बाजार में मटर की कमी रहती है, और अच्छी क्वालिटी की मटर की डिमांड आसमान छूती है। अर्का प्रगति, काशी नंदिनी या पुसा समर पी-1 जैसी किस्में चुनें, जो गर्मी में भी लहलहाती हैं। शुरुआत में छोटे खेत में इसे आजमाएं, और फिर बड़े पैमाने पर लगाएं। जैविक खाद और ड्रिप इरीगेशन का इस्तेमाल करें, ताकि लागत कम रहे। अपनी फसल को सही समय पर बाजार में बेचें, ताकि ज्यादा से ज्यादा दाम मिलें। अगर कोई सवाल हो, तो अपने नजदीकी कृषि विशेषज्ञ से संपर्क करें।
तो देर किस बात की? इस गर्मी में मटर की खेती शुरू करें, और देखें कि कैसे ये फसल आपके खेतों को हरा और जेब को भरा रखती है। मुनाफा आपकी मेहनत का इंतजार कर रहा है!
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