Genhu Ke Khet Ko Aag se Bachane Ke Upay: गर्मी का मौसम आते ही गेहूं के खेतों में आग लगने की खबरें बढ़ जाती हैं। चाहे गाँव हो या शहर के पास के इलाके, मार्च-अप्रैल में ये हादसे आम हो जाते हैं। अभी 18 मार्च 2025 है, और तापमान तेज़ी से चढ़ रहा है। तेज़ लू चल रही है, और रबी की सबसे बड़ी फसल गेहूं पककर तैयार हो रही है। मार्च के आखिरी हफ्ते से कटाई शुरू हो जाएगी। लेकिन इसी वक्त आग का खतरा भी मंडराने लगता है।
एक छोटी सी चिंगारी आपकी 5-6 महीने की मेहनत को चंद सेकंड में राख कर सकती है। हर साल हज़ारों एकड़ गेहूं की फसल जलकर खाक हो जाती है, और किसानों का भारी नुकसान हो जाता है। लेकिन अगर आप थोड़ी सावधानी बरतें और कुछ आसान उपाय करें, तो इस नुकसान को कम कर सकते हैं। चलिए, सब कुछ विस्तार से समझते हैं।
आग क्यों लगती है, और हालात कैसे बिगड़ते हैं?
गर्मी में तापमान 40-45 डिग्री तक पहुँच जाता है। सूखी हवा और लू चलती है, जिससे छोटी सी चिंगारी भी बड़ी आग बन जाती है। गेहूं की फसल पकने पर सूखी और हल्की हो जाती है, जो आग को तेज़ी से फैलने में मदद करती है। कई बार ये आग इंसानी लापरवाही से लगती है, तो कभी बिजली की लाइनों या मौसम की वजह से। एक बार आग शुरू हुई, तो पूरे खेत को चपेट में लेने में वक्त नहीं लगता। अगर खेत बड़ा है, तो लाखों का नुकसान हो सकता है। लेकिन आप सही वक्त पर सही कदम उठाएँ, तो अपनी फसल को बचा सकते हैं।
सावधानियाँ जो आपकी फसल बचाएँगी
1. खेत के आसपास कूड़ा न रखें
गेहूं के खेत के पास कूड़ा-करकट जमा न होने दें। कई बार लोग खेत की मेड़ पर सूखी घास, पत्तियाँ, या प्लास्टिक का ढेर लगा देते हैं। इसे जलाने की गलती बिल्कुल न करें। एक छोटी चिंगारी हवा से खेत में पहुँच सकती है, और फिर सब खत्म। कूड़े को खेत से दूर ले जाएँ और वहाँ नष्ट करें। ये छोटी सी सावधानी आपकी मेहनत को राख होने से बचा सकती है।
2. बिजली की लाइनों को दुरुस्त करें
आपके खेत में ट्यूबवेल के लिए बिजली की तारें खेत के बीच से गुज़रती होंगी। गर्मी में ढीले या पुराने तार आपस में टकराते हैं, जिससे चिंगारी निकलती है। ये चिंगारी सीधे सूखे गेहूं पर गिरे, तो आग पक्की। अभी मार्च में ही अपने तारों की जाँच कर लें। अगर वो जर्जर हैं या ढीले लटक रहे हैं, तो बिजली विभाग से कहकर ठीक करवाएँ। ये काम पहले करेंगे, तो बाद में पछतावा नहीं होगा।
3. खेत में सिगरेट-बीड़ी से दूर रहें
गेहूं के पके खेत में सिगरेट या बीड़ी पीना आग को न्योता देना है। एक छोटी सी तीली या सुलगी हुई बीड़ी हवा में उड़कर खेत में गिरे, तो सब तबाह। कई बार मजदूर या खुद किसान लापरवाही कर बैठते हैं। आप एक जिम्मेदार पशुपालक की तरह ये गलती न करें। खेत में स्मोकिंग बिल्कुल बंद रखें, और दूसरों को भी रोकें। ये छोटा नियम बड़ा नुकसान रोक सकता है।
4. ट्यूबवेल को तैयार रखें
अगर खेत में आग लग जाए, तो फायर ब्रिगेड का इंतज़ार करना बेकार है। गाँव में फायर ब्रिगेड का जल्दी पहुँचना मुश्किल होता है। ऐसे में आपका ट्यूबवेल ही सबसे बड़ा हथियार है। अभी से अपने ट्यूबवेल की जाँच कर लें। मोटर ठीक करें, पाइप चेक करें, और बिजली का कनेक्शन पक्का रखें। अगर आग लगे, तो तुरंत ट्यूबवेल चलाकर पानी डालें। पास के खेतों से भी मदद लें। थोड़ी तैयारी आपको भारी नुकसान से बचा सकती है।
अगर आग लग जाए, तो क्या करें?
मान लीजिए, सारी सावधानी के बाद भी आग लग गई। अब घबराने से काम नहीं चलेगा। सबसे पहले ट्यूबवेल चलाएँ और पानी से आग बुझाने की कोशिश करें। पास-पड़ोस के लोगों को बुलाएँ सब मिलकर पानी डालें या हरी टहनियों से आग पर मारें। आग छोटी हो, तो गीली मिट्टी डालकर भी बुझा सकते हैं। अगर आग ज़्यादा फैल जाए, तो तुरंत नज़दीकी पुलिस या फायर ब्रिगेड को फोन करें। लेकिन कोशिश करें कि आग शुरू में ही काबू में आ जाए। गाँव में कई बार लोग मिलकर आग बुझा लेते हैं, तो हिम्मत रखें।
नुकसान कितना बड़ा हो सकता है?
सोचिए, एक एकड़ गेहूं से आपको 15-20 क्विंटल फसल मिलती है। बाज़ार में 20-25 रुपए किलो भी भाव मिले, तो 30-50 हज़ार की कमाई होती है। लेकिन आग लगी, तो सब राख। 5-6 महीने की मेहनत बीज, खाद, पानी, मज़दूरी सब बर्बाद। बड़े खेत हों, तो लाखों का नुकसान। पिछले साल 2024 में भी मार्च-अप्रैल में ऐसी कई घटनाएँ हुईं। लेकिन आप अभी से सावधान रहें, तो अपनी फसल बचा सकते हैं।
पहले से तैयारी, बाद में राहत
मार्च 2025 का तीसरा हफ्ता चल रहा है। अभी से अपने खेत की जाँच करें। कूड़ा हटाएँ, तार ठीक करें, स्मोकिंग बंद करें, और ट्यूबवेल तैयार रखें। कटाई से पहले खेत की मेड़ों को साफ करें, ताकि सूखी घास न रहे। मजदूरों को समझाएँ कि लापरवाही न करें। ये छोटे-छोटे कदम आपकी मेहनत को आग की भेंट चढ़ने से रोकेंगे। सावधानी बरतेंगे, तो गेहूं का एक-एक दाना आपके गोदाम तक पहुँचेगा।
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