Ethanol Production in UP : हमारे देश में पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल मिलाने का बड़ा लक्ष्य है, और इसमें केंद्र के साथ-साथ कई राज्य सरकारें हाथ बँटा रही हैं। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बायोफ्यूल यानी जैव ईंधन पर खूब जोर दिया जा रहा है। इथेनॉल को इसमें बेस्ट माना जा रहा है, और यूपी तो देश का नंबर वन इथेनॉल बनाने वाला राज्य बन गया है। अब गोरखपुर भी इस काम में बड़ा नाम कमाने जा रहा है। आपके लिए ये खबर इसलिए खास है, क्योंकि गाँव के किसान भाइयों को इससे मोटी कमाई का रास्ता खुल रहा है।
गोरखपुर में इथेनॉल की बहार
गोरखपुर अब इथेनॉल बनाने का बड़ा ठिकाना बनने वाला है। यहाँ एक बड़े इथेनॉल प्लांट का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 6 अप्रैल को करने जा रहे हैं। दो और प्लांट भी जल्द तैयार होंगे। एक ही जिले में तीन जगहों पर इथेनॉल बनेगा, तो गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश इथेनॉल का हब बनकर चमकेगा। गाँव के भाइयों के लिए ये बड़ी बात है, क्योंकि खेतों की मेहनत अब सीधे पैसे में बदलेगी।
ग्रीन एनर्जी का नया ठिकाना
योगी जी की सोच है कि गोरखपुर को ग्रीन एनर्जी का नया केंद्र बनाया जाए। इसी के तहत गीडा के सेक्टर 26 में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा इथेनॉल प्लांट तैयार हो गया है। 1200 करोड़ रुपये की ये परियोजना मेसर्स केयान डिस्टिलरी की है। इसका शिलान्यास 12 अगस्त 2023 को हुआ था, और अब उद्घाटन का वक्त आ गया है। ये प्लांट गाँव की मिट्टी को सोना बनाने का काम करेगा।
चावल-मक्के से बनेगा इथेनॉल
केयान डिस्टिलरी के मालिक विनय सिंह बताते हैं कि उनके प्लांट में चावल और मक्के से इथेनॉल बनना शुरू हो गया है। पहले चरण में हर दिन 3 लाख लीटर इथेनॉल बनेगा। तीन चरणों के बाद ये 10 लाख लीटर प्रतिदिन तक पहुँच जाएगा। इंडियन ऑयल के साथ इनका करार हो चुका है, तो बिक्री की टेंशन नहीं। इस प्लांट से 4000 लोगों को सीधे-टेढ़े तरीके से रोजगार भी मिलेगा। गाँव में जो भाई चावल-मक्का उगाते हैं, उनके लिए ये बड़ा मौका है।
पिपराइच चीनी मिल में भी इथेनॉल
योगी सरकार ने पिपराइच चीनी मिल में भी इथेनॉल बनाने का प्लान तैयार किया है। 2025-26 के बजट में इसके लिए 90 करोड़ रुपये रखे गए हैं। यहाँ हर दिन 60 हजार लीटर इथेनॉल बनेगा। गन्ने के रस से सीधे इथेनॉल बनाने का प्लांट लगेगा। इससे गन्ना किसानों को पैसा जल्दी मिलेगा, और चीनी मिल की कमाई भी बढ़ेगी। गाँव में गन्ना बोने वाले भाइयों के लिए ये खुशखबरी है।
धुरियापार में बायोफ्यूल का कमाल
धुरियापार में भी इथेनॉल का प्लांट आने वाला है। यहाँ इंडियन ऑयल का बायोफ्यूल कॉम्प्लेक्स बन रहा है। पहले चरण में 165 करोड़ रुपये से कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) का प्लांट शुरू हो चुका है। दूसरे चरण में इथेनॉल बनेगा। ये प्लांट गाँव के कचरे और फसल के अवशेषों से ईंधन बनाएगा, जिससे खेतों की सफाई भी होगी और कमाई भी।
किसानों के लिए फायदे
ये इथेनॉल प्लांट आपके लिए कई फायदे लाएँगे। गन्ना, चावल और मक्का की फसल का सही दाम मिलेगा। बेकार पड़े फसल के छिलके और डंठल से भी पैसा बनेगा। गाँव में रोजगार बढ़ेगा, तो बाहर जाने की जरूरत कम होगी। सरकार का बोनस और MSP भी साथ में मिलेगा। कुल मिलाकर, खेती की मेहनत अब दोगुनी कमाई देगी।
अगर आप इथेनॉल के लिए फसल बेचना चाहते हैं, तो कुछ बातें ध्यान रखिए। चावल और मक्का साफ करके बेचिए, ताकि अच्छा दाम मिले। गन्ने को समय पर काटिए, जिससे रस की क्वालिटी बनी रहे। नजदीकी प्लांट से संपर्क कर लीजिए, ताकि ढुलाई का खर्चा बचे। सरकार की योजनाओं का फायदा उठाने के लिए पंचायत या कृषि अफसर से बात करिए।
तो भाइयों, गोरखपुर अब इथेनॉल का बड़ा ठिकाना बन रहा है। योगी सरकार की मेहनत से आपके खेत की फसल अब पेट्रोल पंप तक पहुँचेगी। थोड़ी समझदारी से इस मौके को भुनाइए, और खेती को नई ऊँचाई दीजिए।
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