Gucchi mushroom Farming : हिमालय के जंगलों में प्राकृतिक तौर पर उगने वाली गुच्छी मशरूम की कीमत सुनकर हर कोई चौंक जाता है – 25 से 30 हजार रुपये प्रति किलो! ये मशरूम औषधीय गुणों से भरा है और विदेशों तक निर्यात होता है। अब तक ये सिर्फ पहाड़ों के देवदार और कायल जंगलों में ही मिलता था, क्योंकि इसकी खेती की तकनीक नहीं थी। लेकिन अब खुशखबरी ये है कि सोलन के खुंब अनुसंधान निदेशालय (DMR) ने इसे ग्रीन हाउस में उगाने में सफलता पा ली है। बहुत जल्द आप इसे अपने खेतों में आम मशरूम की तरह उगा सकेंगे। ये खबर किसानों के लिए सोने की खान खोलने वाली है।
बीज और आकार पर शोध का कमाल
खुंब अनुसंधान निदेशालय, सोलन ने गुच्छी मशरूम को ग्रीन हाउस में तैयार करने के बाद इसके बीज और आकार पर शोध शुरू कर दिया है। DMR के विशेषज्ञ डॉ. अनिल कुमार बताते हैं कि अभी तक गुच्छी साढ़े छह हजार फीट ऊँचाई पर जंगलों में खुद-ब-खुद उगती थी। खेतों में उगाना नामुमकिन था, क्योंकि इसका बीज नहीं बन पाया था। अब ग्रीन हाउस में इसे उगाने की तकनीक कामयाब हो गई है, और बीज बनाने का शोध जोरों पर है। शोध पूरा होते ही निदेशालय किसानों को बीज देगा। ये तकनीक गुच्छी मशरूम को हर किसान के खेत तक ले जाएगी।
गुच्छी मशरूम की गुणवत्ता और फायदे
वैज्ञानिकों का कहना है कि गुच्छी में विटामिन डी, सी, आयरन, कॉपर, जिंक और फास्फोरस भरा हुआ है। ये गठिया, थायराइड, हड्डियों के रोग और दिमागी तनाव को दूर करने में मदद करती है। दिल की बीमारी से लड़ने और शरीर की चोट को जल्दी भरने में भी ये कमाल करती है। गाँव में लोग इसे हिमालय का खजाना कहते हैं। DMR की ग्रीन हाउस में उगाई गुच्छी की गुणवत्ता जंगल वाली गुच्छी से बराबर है। पिछले साल के शोध में बंपर पैदावार देखने को मिली। ये तकनीक गुच्छी मशरूम को हर घर तक पहुँचाने का सपना सच कर सकती है।
भारत बना गुच्छी मशरूम का सिरमौर
ग्रीन हाउस में गुच्छी मशरूम उगाने में सफलता के साथ भारत ने चीन, अमेरिका, फ्रांस और कनाडा जैसे देशों के साथ कदम मिला लिया है। DMR के निदेशक डॉ. वीपी शर्मा बताते हैं कि गुच्छी तैयार करने में भारत अब अग्रणी है। प्राकृतिक और ग्रीन हाउस वाली गुच्छी मशरूम की गुणवत्ता में कोई फर्क नहीं। बीज और आकार पर शोध पूरा होने के बाद ये तकनीक किसानों के लिए नया रास्ता खोलेगी। 30 हजार रुपये किलो वाला ये मशरूम अब खेतों में उगकर मुनाफे की बरसात कर सकता है।
ये भी पढ़ें –इस विधि से तैयार पौधे से होगी बैगन और टमाटर की जबरदस्त खेती ,पैसो की होगी बारिश