रबी सीजन की बुवाई का सही समय शुरू हो चुका है। किसान भाई अपने खेतों को तैयार करने में जुटे हैं, और इस बीच राष्ट्रीय बीज निगम (एनएससी) ने एक शानदार ऑफर लाया है – गेहूं की GW-451 वैरायटी के 40 किलो बीज सिर्फ 1870 रुपये में उपलब्ध हैं। यह बीज ट्रुथफुल लेबल्ड (TL) हैं, जो उच्च गुणवत्ता और अच्छी पैदावार की गारंटी देते हैं।
मौसम में बदलाव और सिंचाई पानी की कमी को देखते हुए GW-451 जैसे रोग प्रतिरोधी और कम पानी में उगने वाले बीज की मांग बढ़ गई है। गुजरात से लेकर उत्तर भारत तक, यह वैरायटी छोटे-बड़े सभी किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। अगर आप इस रबी सीजन में गेहूं की खेती शुरू करने की सोच रहे हैं, तो यह बीज आपके खेतों को समृद्ध और आपकी जेब को मोटा कर सकता है।
GW-451 गेहूं की खासियत
GW-451 गेहूं की यह वैरायटी गुजरात के व्हीट रिसर्च स्टेशन, जूनागढ़ द्वारा विकसित की गई है, जो सौराष्ट्र क्षेत्र के लिए खास तौर पर उपयुक्त है। इसके दाने मोटे, सुनहरे और प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जो चपाती और आटे के लिए आदर्श हैं। यह वैरायटी कम पानी में भी अच्छी पैदावार देती है, और बुवाई के 110-115 दिन बाद तैयार हो जाती है।
NSC के अनुसार, प्रति हेक्टेयर 40-45 क्विंटल उपज संभव है, जो पारंपरिक वैरायटी से 10-15% ज्यादा है। सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पत्ती जंग (लीफ रस्ट), तना जंग (स्टेम रस्ट) और कर्नल बंट जैसे रोगों के खिलाफ मजबूत है, जो 2025 के बदलते मौसम में फायदा देती है। गुजरात में फरवरी-मार्च 2025 में सिंचाई पानी 10% कम हुआ है, लेकिन GW-451 की ड्रॉट टॉलरेंस इसे खास बनाती है।
बीज कैसे मंगवाएं
किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए NSC ने GW-451 के 40 किलो बीज पैक को ऑनलाइन उपलब्ध कराया है। mystore.in पर जाकर NSC गेहूं GW-451 सर्च करें, और 1870 रुपये में ऑर्डर करें। पैकेट पर QR कोड है, जिसे स्कैन करके भी खरीदारी हो सकती है। यह बीज प्रमाणित हैं, जो 85-90% अंकुरण दर देते हैं, और घर पर डिलीवर हो जाते हैं। NSC का यह कदम ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) के साथ जुड़ा है, जो 2023 से ग्रामीण इलाकों में बीज पहुंचाने को आसान बना रहा है।
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इस साल NSC ने अपनी पहुंच 20% बढ़ाई है, ताकि छोटे किसानों तक सस्ते बीज पहुंचें। एक 40 किलो पैक छोटे खेत के लिए काफी है, और प्रति हेक्टेयर 100-120 किलो बीज की जरूरत पड़ती है। बाजार में निजी बीज 2500-3000 रुपये प्रति 40 किलो बिकते हैं, लेकिन NSC का ऑफर किफायती है। जल्दी ऑर्डर करें, क्योंकि रबी सीजन की बुवाई का पीक टाइम चल रहा है।
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बुवाई का सही समय और तरीका
नवंबर की दूसरी सप्ताह GW-451 की बुवाई के लिए बेस्ट टाइम है, जब तापमान 20-25 डिग्री सेल्सियस रहता है। दोमट या रेतीली दोमट मिट्टी चुनें, जो अच्छी जल निकासी वाली हो। खेत की 2-3 बार गहरी जुताई करें और 8-10 टन गोबर की खाद मिलाएं। प्रति हेक्टेयर 100-120 किलो बीज लाइनों में बोएं, लाइनों के बीच 20-22 सेंटीमीटर दूरी रखें। बीजों को बुवाई से पहले कार्बेन्डाजिम (2-3 ग्राम प्रति किलो) से उपचारित करें, ताकि कंडवा रोग से बचाव हो।
पहली सिंचाई बुवाई के 20-25 दिन बाद करें, और कुल 4-5 सिंचाई पर्याप्त हैं, खासकर पानी की कमी वाले इलाकों में। नाइट्रोजन 120 किलो, फॉस्फोरस 60 किलो और पोटाश 40 किलो प्रति हेक्टेयर डालें। फूल आने और दाने भरने के समय खाद की टॉप ड्रेसिंग दें। कीटों से बचाव के लिए नीम का स्प्रे करें। सही देखभाल से फसल मार्च-अप्रैल में कटाई के लिए तैयार हो जाएगी। छोटे किसान ड्रिप इरिगेशन का इस्तेमाल करें, ताकि पानी बचे।
GW-451 गेहूं के फायदे
GW-451 गेहूं की मांग 2025 में 12% बढ़ी है, क्योंकि आटे की कीमतें ऊंची हैं और लोग गुणवत्ता वाला गेहूं चाहते हैं। इसके दाने मोटे और चपाती के लिए परफेक्ट हैं, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2600 रुपये प्रति क्विंटल से लेकर बाजार में 2800-3000 रुपये तक बिक सकते हैं। एक हेक्टेयर में खेती का खर्च 25-30 हजार रुपये आता है, लेकिन मुनाफा 1-1.5 लाख तक हो सकता है।
रोग प्रतिरोधकता से कीटनाशकों पर खर्च 20% कम होता है, और कम पानी में भी पैदावार होने से लागत बचती है। गुजरात में इस साल शुरुआती बुवाई 15% बढ़ी है, और GW-451 ने किसानों को अच्छे परिणाम दिए हैं। यह वैरायटी सस्टेनेबल खेती को बढ़ावा देती है, जो पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है।
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