धतूरा, नीम, लहसुन, मिर्च, तम्बाकू से बनता है ये जैविक कीट रोधक, जो है फसलों के लिए सुरक्षा कवच

Organic Insecticides: खेती में कीटों और रोगों से बचाव करना एक बड़ी चुनौती है। किसान अक्सर रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग करते हैं, जिससे फसल की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और मिट्टी की उर्वरता भी कम हो जाती है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि प्राकृतिक तरीकों से भी कीटों को नियंत्रित किया जा सकता है? धतूरा, नीम, लहसुन, मिर्च और तम्बाकू जैसे घरेलू उपायों से प्राकृतिक कीटनाशक बनाया जा सकता है, जो फसलों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है।

प्राकृतिक कीटनाशक (Organic Insecticides) क्यों आवश्यक हैं?

रासायनिक दवाएं मिट्टी की उर्वरता को नुकसान पहुंचाती हैं और पर्यावरण को भी हानि होती है। जैविक कीटनाशक पर्यावरण के अनुकूल होते हैं और सस्ते भी पड़ते हैं। साथ ही, ये स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित होते हैं।सब्जियों का गिरता स्वाद भी एक चिंताजनक विषय बन गया है आज कल बाजार में हर समय रसायनों के प्रयोग किये जानी वाली सब्जियां बिक रही हैं इसीलिए जैविक कीटनाशक एक उपयोगी प्रयोग साबित होगा|

धतूरा

धतूरा एक विषैला पौधा है, लेकिन यह कीट नियंत्रण में बेहद प्रभावी होता है। इसके पत्तों और बीजों का उपयोग कीटनाशक के रूप में किया जाता है। धतूरे में मौजूद एल्कलॉइड्स कीटों को दूर रखते हैं।

नीम

नीम के पत्ते, बीज और तेल कीटनाशक के रूप में बेहद उपयोगी होते हैं। नीम तेल 150 से अधिक कीटों पर असरदार होता है। नीम का अजाडिरैक्टिन तत्व कीटों के प्रजनन को रोकता है।

लहसुन 

लहसुन में सल्फर युक्त यौगिक होते हैं, जो कीटों को दूर रखते हैं। लहसुन का रस एफिड्स, स्पाइडर माइट्स और कैटरपिलर पर असर करता है। इसे नीम के तेल के साथ मिलाकर उपयोग करने से प्रभावशीलता बढ़ती है।

मिर्च

मिर्च का उपयोग कीटनाशक स्प्रे बनाने में किया जाता है। मिर्च में मौजूद कैप्सैसिन कीटों को दूर भगाता है। यह विशेष रूप से टिड्डियों, एफिड्स और कैटरपिलर पर प्रभावी होता है।

तम्बाकू

तम्बाकू में निकोटिन होता है, जो कई कीटों को मारने में कारगर होता है। तम्बाकू के पत्तों को पानी में उबालकर स्प्रे के रूप में उपयोग किया जाता है। यह सफेद मक्खी, एफिड्स और थ्रिप्स के लिए प्रभावी होता है।

प्राकृतिक कीटनाशक (Organic Insecticides) बनाने की विधि

सामग्री: नीम की पत्तियां, धतूरा पत्ता, लहसुन, हरी मिर्च, तम्बाकू के पत्ते और पानी।

बनाने की विधि:

  1. सभी सामग्री को पीसकर पानी में मिलाएं।
  2. इस मिश्रण को 24 घंटे तक ढककर रखें।
  3. इसे छानकर फसल पर स्प्रे करें।
  4. इसे सप्ताह में एक बार उपयोग करें।

प्राकृतिक कीटनाशक (Organic Insecticides) के लाभ

ये रासायनिक अवशेष नहीं छोड़ते, जिससे फसल की गुणवत्ता बनी रहती है। मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखते हैं और कीट प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। ये किफायती होते हैं और किसान इसे घर पर बना सकते हैं।रासायनिक कीटनाशको से फसल उत्पादन में स्वाद की भी कमी हो जाती है ,जैसे धनिया ,गोभी,टमाटर ,प्याज,लहसुन ,आलू ,बैगन ,पालक,सोवा आदि के स्वाद में पहले से बहुत  अधिक परिवर्तन आ गया है ,भोजन बनाते समय बीएस ये सब्जियां नाम की रह गयी हैं वह  खुशबु गायब सी हो गई है इसी लिए लोग अब जैविक खेती की तरफ बढ़ रहे हैं ताकि भोजन स्वास्थ्य वर्धक हो स्वादपूर्ण हो | अप भी उपरोक्त तरीको से जैविक कीटनाशक बना क्र अपनी फसलो की सुरक्षा क्र सकते हैं |

खेती में प्राकृतिक तरीकों का उपयोग न केवल फसल की गुणवत्ता को बनाए रखता है, बल्कि पर्यावरण और किसानों के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। धतूरा, नीम, लहसुन, मिर्च और तम्बाकू से बना प्राकृतिक कीटनाशक न केवल कीटों को नियंत्रित करने में सहायक होता है, बल्कि यह रासायनिक दवाओं का एक सुरक्षित और किफायती विकल्प भी है। यदि किसान जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें, तो वे न केवल अपनी फसल की उत्पादकता बढ़ा सकते हैं, बल्कि स्वस्थ और सुरक्षित कृषि प्रणाली को भी बढ़ावा दे सकते हैं।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

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