किसान भाइयों, अब आपके लिए बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में राष्ट्रीय एकीकृत बागवानी मिशन योजना शुरू कर दी है। ये योजना सोमवार से लागू हो गई है, यानी अप्रैल 2025 से आपको इसका फायदा मिलना शुरू हो जाएगा। पहले ये सिर्फ 45 जिलों में थी, मगर अब अलीगढ़, बागपत, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, शामली, अमरोहा जैसे 30 नए जिले भी इसमें शामिल हो गए हैं। उद्यान विभाग के मेरठ मंडल के उप निदेशक विनीत कुमार बताते हैं कि ये स्कीम आपकी आय बढ़ाने के लिए लाई गई है। छोटे किसानों को भी अब बड़ा सहारा मिलेगा। चलिए, इसके बारे में पूरा हिसाब-किताब समझते हैं।
सभी 75 जिलों में नई शुरुआत
2025-26 के लिए बड़ा बदलाव हुआ है। पहले 45 जिलों में एकीकृत बागवानी मिशन था और बाकी में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना चलती थी। अब पूरे यूपी के 75 जिलों में ये योजना लागू हो गई है। इसका मतलब है कि हर गाँव का किसान इसका फायदा उठा सकता है। पुरानी गाइडलाइन 2014-15 की लागतों पर थी, मगर अब समय के साथ अनुदान बढ़ाया गया है। आपकी माँग थी कि स्कीम में बदलाव हो, सो सरकार ने वो बात मान ली। नई तकनीक और फसलों को भी इसमें जोड़ा गया है, ताकि आप बाजार की माँग के हिसाब से खेती कर सकें।
अनुदान में बढ़ोतरी, छोटे किसानों को राहत
इस योजना में अनुदान राशि बढ़ा दी गई है। मशरूम उत्पादन के लिए पहले एक बड़ी यूनिट की लागत 20 लाख तक थी, जिसमें 40 फीसदी अनुदान मिलता था। अब लागत 30 लाख कर दी गई है और 40 फीसदी अनुदान बरकरार है। खास बात ये है कि छोटे किसानों के लिए भी रास्ता खुला है।
अगर आप 200 वर्ग फीट (20×10 फीट) में मशरूम यूनिट लगाना चाहते हैं और उसकी लागत 2 लाख है, तो आपको 1 लाख का अनुदान मिलेगा। पहले छोटे स्तर पर ये सुविधा नहीं थी। पॉली हाउस या ग्रीन हाउस की लागत 40 लाख से ज्यादा होती थी, मगर अब छोटे पैमाने पर भी उद्यान विभाग मदद करेगा। अपने खेत का कागज और आधार तैयार रखिए, ताकि आवेदन में देरी न हो।
नई तकनीक और फेंसिंग का सहारा
बाजार की माँग को देखते हुए योजना में बदलाव किए गए हैं। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद जैसे एनसीआर इलाकों में हाइड्रोपोनिक खेती की डिमांड बढ़ी है। अब इस तकनीक को भी स्कीम में शामिल कर लिया गया है। साथ ही फेंसिंग (तारबंदी) का भी इंतजाम है। आप अपने बाग या खेत को सुरक्षित करने के लिए प्रति किसान 1000 मीटर तक तारबंदी करा सकते हैं और इसके लिए अनुदान पा सकते हैं। ये सुविधा फसल को जानवरों से बचाने में बड़ी मदद करेगी। लोकल लकड़ी या तार का इस्तेमाल करिए, ताकि खर्चा कम हो और फायदा ज्यादा।
योजना का लाभ कैसे उठाएँ
अगर आपको योजना की जानकारी चाहिए या कोई दिक्कत हो, तो अपने जिला उद्यान विभाग में जाइए। वहाँ से सारी मदद मिलेगी। ऑनलाइन आवेदन के लिए जल्द ही पोर्टल खुलेगा। शासन से हर जिले के लिए लक्ष्य तय होगा, फिर उसी के हिसाब से आवेदकों को फायदा दिया जाएगा। विनीत कुमार कहते हैं कि जितने भी किसान आवेदन करेंगे, कोशिश होगी कि सबको शामिल किया जाए। अगर आवेदन ज्यादा हुए, तो अतिरिक्त बजट माँगा जाएगा। जिला उद्यान अधिकारी से पहले ही बात कर लीजिए, ताकि आपको सही फसल और तकनीक की जानकारी मिल जाए।
किन फसलों पर मिलेगा अनुदान
इस स्कीम में आप मशरूम के अलावा हर तरह की फल-सब्जियाँ उगा सकते हैं। आलू, अदरक, लिची, स्ट्रॉबेरी, शहद, शिमला मिर्च, टमाटर जैसी फसलों के लिए अनुदान मिलेगा। आयुर्वेदिक औषधियाँ उगाने का भी मौका है। सरकार न सिर्फ पैसा देगी, बल्कि तकनीकी सहयोग भी करेगी। छोटे स्तर पर शुरू करिए, जैसे 200 वर्ग फीट में मशरूम या हाइड्रोपोनिक सब्जियाँ। बाजार की डिमांड के हिसाब से फसल चुनिए और कमाई बढ़ाइए।
तो भाइयों, यूपी के 75 जिलों में शुरू हुई ये योजना आपकी जेब भरने का बड़ा मौका है। अप्रैल 2025 से अनुदान लेना शुरू करिए। मशरूम, फल, सब्जियाँ या औषधियाँ उगाइए, और खेती को मुनाफे का धंधा बनाइए। अभी से तैयारी कर लीजिए, ताकि मौका हाथ से न निकले।
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