How do you germinate gourd seeds fast ? : किसान साथियों , करेला एक ऐसा सब्जी है जो गाँव में हर घर में खाया जाता है और बाजार में भी अच्छा बिकता है। लेकिन इसे बोने का सही तरीका पता हो, तो जमाव बढ़िया होगा और फसल भी खूब आएगी। गर्मी और बरसात का मौसम इसके लिए सबसे सही है, और थोड़ी समझदारी से आप अपने खेत को करेले से भर सकते हैं। साथ ही, कौन सी किस्म बेस्ट रहेगी, वो भी बताऊँगा। आइए, समझें कि करेले की बुआई कैसे करें और फायदा कैसे कमाएँ।
खेत को तैयार करने का आसान ढंग
करेले की बुआई के लिए खेत को पहले अच्छे से तैयार करना पड़ता है। फरवरी-मार्च का महीना इसके लिए बढ़िया है। खेत की जुताई कर लें, ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए। फिर गोबर की सड़ी खाद डाल दें, करीब 8-10 गट्ठर प्रति बीघा। दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे अच्छी है, लेकिन पानी का निकास ठीक रखें, वरना बीज सड़ सकते हैं। गाँव में मिट्टी को ताकत देने के लिए थोड़ा नीम का खाद भी मिला सकते हैं। खेत में मेड़ें बना लें, ताकि बेल को फैलने की जगह मिले और पानी सही से लगे।
बीज बोने का देसी नुस्खा
करेले के बीज को सही तरीके से बोना बहुत जरूरी है, ताकि जमाव अच्छा हो। बीज को पहले रातभर पानी में भिगो दें, इससे अंकुर जल्दी निकलता है। फिर मेड़ पर 2-3 फीट की दूरी पर छोटे गड्ढे करें और हर गड्ढे में 2-3 बीज डाल दें। ऊपर से हल्की मिट्टी डालकर ढक दें और थोड़ा पानी छिड़क दें। 5-7 दिन में अंकुर निकल आएँगे। अगर जमाव कम हो, तो एक हफ्ते बाद फिर से बीज डाल सकते हैं।आप चाहे तो करेले के बीज को अपने घर के पास जहाँ कचरे का घुर होता है वहाँ भी गाड़ दें तो जमाव अच्छा होगा।
देखभाल का गाँव वाला तरीका
करेले की बेल को बढ़िया जमाव और उत्पादन के लिए थोड़ा ध्यान चाहिए। शुरू में हफ्ते में दो बार पानी दें, बरसात में ये जरूरत कम हो जाती है। जब बेल 1-2 फीट की हो जाए, तो बाँस या लकड़ी का सहारा बना दें, ताकि वो फैल सके। गाँव में नीम के तेल का पानी छिड़कें, इससे कीड़े-मकोड़े दूर रहते हैं। खेत में घास निकले तो उसे हाथ से उखाड़ दें। गोबर का घोल हर 15 दिन में डालें, इससे बेल को ताकत मिलेगी। ऐसा करने से करेले की बेल हरी-भरी रहेगी और फल भी खूब लगेंगे।
बेस्ट किस्म कौन सी चुनें
करेले की कई किस्में हैं, लेकिन गाँव के लिए कुछ खास किस्में बढ़िया हैं। पूसा दो मौसमी एक अच्छी किस्म है, जो साल में दो बार फल देती है और बीमारी से कम प्रभावित होती है। कल्याणपुर बारहमासी भी बढ़िया है, ये लंबे वक्त तक फल देती है और स्वाद में अच्छी होती है। अगर बाजार में बेचना हो, तो पूसा हाइब्रिड चुन सकते हैं, इसके फल चमकदार और बड़े होते हैं। गाँव में ये किस्में आसानी से मिल जाती हैं और उत्पादन भी ढेर सारा देती हैं। अपनी मिट्टी और मौसम के हिसाब से चुनें, लेकिन इनमें से कोई भी आपको निराश नहीं करेगी।
उत्पादन और कमाई का हिसाब
करेले की बेल 40-50 दिन में फल देना शुरू करती है। अगर जमाव अच्छा हुआ, तो एक बीघे से 50-70 क्विंटल करेला निकल सकता है। बाजार में 20-40 रुपये किलो भाव मिलता है, यानी 1-1.5 लाख रुपये की कमाई हो सकती है। फल को हरा और मुलायम रहते तोड़ लें, इससे वजन भी अच्छा रहता है। गाँव में बचे हुए फल को सुखाकर अचार बनाएँ या बीज निकालकर अगली बुआई के लिए रखें। ये देसी तरीका दोहरा फायदा देगा। मेहनत करें, तो करेला आपकी मेहनत का पूरा जवाब देगा।
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