ये हैं अदरक की खेती की 3 सुपरहिट विधियाँ, आपको बना देंगी मालामाल

Ginger Farming Tips: किसान भाइयों, अदरक तो हमारे खेतों का वो हीरा है, जो खाने में स्वाद और सेहत में फायदा देता है। चाहे सब्जी में डालो, चाय में घोलो, या दवाई के लिए इस्तेमाल करो, अदरक हर जगह छा जाता है। बाजार में इसकी कीमत हमेशा अच्छी रहती है, और डिमांड कभी कम नहीं होती। यही वजह है कि आजकल ज्यादा से ज्यादा किसान अदरक की खेती की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन अच्छी पैदावार के लिए सही तरीके से बुवाई करना बहुत जरूरी है। हमारे देसी किसान भाइयों के लिए अदरक की बुवाई के तीन आसान तरीके हैं, जिनसे फसल लहलहाएगी और जेब भी भरेगी। तो चलिए, इन तरीकों को देसी अंदाज़ में समझते हैं।

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क्यारी विधि

अदरक की खेती का एक मशहूर तरीका है क्यारी विधि। इसमें खेत में 1.20 मीटर चौड़ी और 3 मीटर लंबी क्यारियां बनाई जाती हैं। इन क्यारियों को जमीन से 15-20 सेंमी ऊंचा रखा जाता है, ताकि पानी अच्छे से निकल जाए। हर क्यारी के चारों तरफ 50 सेंमी चौड़ी नाली बनाना जरूरी है, जिससे बारिश का पानी खेत में न रुके। क्यारी में अदरक के बीज (rhizomes) को 10 सेंमी गहराई पर और पौधों के बीच थोड़ी दूरी रखकर बोया जाता है। ये तरीका उन किसानों के लिए सबसे अच्छा है, जिनके पास ड्रिप सिंचाई की सुविधा है। इस विधि से पानी की बचत होती है, और फसल भी अच्छी निकलती है।

मेड़ विधि

अगर आपके पास ड्रिप सिंचाई नहीं है, तो मेड़ विधि आपके लिए बेस्ट है। इस तरीके में खेत में 60 सेंमी की दूरी पर हल्के गड्ढे बनाए जाते हैं। इन गड्ढों में पहले गोबर की खाद या जैविक खाद डाली जाती है, फिर 20 सेंमी की दूरी पर अदरक के बीज बोए जाते हैं। इसके बाद गड्ढों को मिट्टी से ढंककर मेड़ को थोड़ा ऊंचा कर दिया जाता है। ध्यान रहे कि बीज 10 सेंमी गहराई पर हों, ताकि अंकुरण अच्छा हो। इस विधि से खेती करने में मेहनत कम लगती है, और बारिश वाले इलाकों में भी ये अच्छा काम करती है। बस ये ध्यान रखें कि मेड़ ज्यादा ऊंची न हो, वरना बीज को पोषण नहीं मिलेगा।

समतल विधि

तीसरा तरीका है समतल विधि, जो हल्की ढलान वाली जमीन के लिए सबसे सही है। इस विधि में खेत को अच्छे से जोतकर समतल किया जाता है। फिर मेड़ों के बीच 30 सेंमी और पौधों के बीच 20 सेंमी की दूरी रखकर अदरक के बीज बोए जाते हैं। बीज को 10 सेंमी गहराई पर लगाना जरूरी है, ताकि वो अच्छे से अंकुरित हो। ये तरीका उन किसानों के लिए अच्छा है, जिनके खेत में पानी की निकासी ठीक है। इस विधि से खेती करने में खेत की देखभाल आसान रहती है, और पैदावार भी अच्छी मिलती है।

अदरक के लिए सही जलवायु और मिट्टी

अदरक की खेती के लिए सही मौसम और मिट्टी का होना बहुत जरूरी है। ये फसल गर्म और नम जलवायु में अच्छे से बढ़ती है। 20-30 डिग्री सेल्सियस का तापमान और 70-90% नमी इसके लिए बेस्ट है। बारिश वाले इलाकों में अदरक की खेती अपने आप अच्छी हो जाती है, लेकिन जिन किसानों के पास सिंचाई की सुविधा है, वो भी इसे आसानी से उगा सकते हैं। मिट्टी की बात करें, तो रेतीली दोमट मिट्टी अदरक के लिए सबसे अच्छी है। अगर आपके खेत में बलुई लाल या चिकनी मिट्टी है, तो भी ये फसल अच्छी हो सकती है। बस एक बात का ध्यान रखें कि एक ही खेत में बार-बार अदरक की खेती न करें, वरना पैदावार कम हो सकती है।

खेती शुरू करने से पहले ध्यान दें

अदरक की खेती शुरू करने से पहले खेत को अच्छे से तैयार करना जरूरी है। खेत को 3-4 बार जोतकर मिट्टी को भुरभुरा कर लें। गोबर की खाद या जैविक खाद डालें, ताकि मिट्टी में पोषण बढ़े। बुवाई के लिए स्वस्थ और रोगमुक्त अदरक की गांठें चुनें। इन गांठों को बुवाई से पहले 2-3 टुकड़ों में काटकर पानी में भिगो लें, ताकि अंकुरण तेजी से हो। बुवाई का सही समय फरवरी-मार्च का महीना है, जब मिट्टी में नमी रहती है। अगर आपके पास ड्रिप सिंचाई है, तो क्यारी विधि अपनाएं। अगर नहीं, तो मेड़ या समतल विधि भी अच्छी है।

किसानों के लिए सलाह

किसान भाइयों, अदरक की खेती आपके लिए सोने का अंडा दे सकती है। बाजार में इसकी कीमत हमेशा अच्छी रहती है, और मांग भी कभी कम नहीं होती। लेकिन अच्छी पैदावार के लिए सही बुवाई और खेत की देखभाल जरूरी है। बुवाई से पहले अपने नजदीकी कृषि केंद्र से अच्छे बीज और खेती की जानकारी ले लें। समय-समय पर खेत में खरपतवार हटाएं और पानी का ध्यान रखें। अगर मुमकिन हो, तो जैविक खाद और नीम के तेल का इस्तेमाल करें, ताकि फसल स्वस्थ रहे। एक बार फसल तैयार हो जाए, तो इसे सही समय पर निकालें और बाजार में अच्छी कीमत पर बेचें।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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