किसानों के लिए फसलों की सेहत और पैदावार बढ़ाना हमेशा एक बड़ी चुनौती रही है। ऐसे में इफ्को का पोटेशियम सल्फेट उर्वरक 0:0:50 एक वरदान साबित हो रहा है। इसमें 17% सल्फर शामिल है, जो इसे सभी प्रकार की फसलों के लिए उपयुक्त बनाता है। 3 जुलाई 2025, शाम 6:00 PM IST को बरसात की शुरुआत के साथ यह उर्वरक और भी उपयोगी हो जाता है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कैसे इस उर्वरक का प्रयोग फसलों की गुणवत्ता, पोषण क्षमता, रोग प्रतिरोधकता, और उत्पादन में जबरदस्त बढ़ोतरी ला सकता है, साथ ही इसका सही इस्तेमाल कैसे करें।
पोटेशियम सल्फेट 0:0:50 की खासियत
इफ्को का पोटेशियम सल्फेट 0:0:50 एक 100% पानी में घुलनशील उर्वरक है, जिसमें 50% पोटैशियम और 17% सल्फर होता है। यह उर्वरक नाइट्रोजन और क्लोराइड से मुक्त है, जो इसे मिट्टी और फसलों के लिए सुरक्षित बनाता है। पोटैशियम फसलों की जड़ों को मजबूती देता है, फूल और फलों के विकास को बढ़ावा देता है, जबकि सल्फर क्लोरोफिल निर्माण और प्रोटीन संश्लेषण में मदद करता है। बरसात में इसकी जल्दी घुलनशीलता फसलों को तुरंत पोषण देने में कारगर है, जो पैदावार को दोगुना कर सकती है।
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फसलों पर लाभ
इस उर्वरक का प्रयोग करने से फसलों की गुणवत्ता में निखार आता है। फल चमकदार, बड़े, और स्वादिष्ट बनते हैं, जो बाजार में अच्छी कीमत दिला सकते हैं। पोषण क्षमता बढ़ने से फसलों में प्रोटीन और विटामिन की मात्रा बढ़ती है, जो उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद है। रोग प्रतिरोधकता बढ़ने से फफूंदी, कीट, और सूखे जैसे संकटों से फसलें सुरक्षित रहती हैं। उत्पादन में 20-30% तक की बढ़ोतरी देखी गई है, जो छोटे किसानों के लिए मुनाफे का नया रास्ता खोलती है।
उपयोग की विधि
IFFCO Potassium Sulfate 0:0:50 का इस्तेमाल करना बेहद आसान है। इसे 5 से 10 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। बरसात के मौसम में इसे फूल आने से पहले और फल बनने के दौरान 15 दिन के अंतराल पर 1-2 बार इस्तेमाल करें। अगर ड्रिप सिंचाई का उपयोग हो, तो प्रति एकड़ 2-3 किलोग्राम उर्वरक पानी में घोलकर दें। छिड़काव सुबह जल्दी या शाम को करें, जब धूप तेज न हो, ताकि पत्तियाँ जलने से बचें। मिट्टी और फसल की जरूरत के अनुसार खुराक को समायोजित करें।
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कौन सी फसलें ले सकती हैं लाभ?
यह उर्वरक धान, गेहूँ, मक्का, सरसों, आलू, टमाटर, बैंगन, और फलों जैसे आम, केला, और अंगूर जैसी सभी फसलों के लिए उपयुक्त है। तिलहनी फसलों जैसे सरसों और मूंगफली के लिए सल्फर खास फायदा पहुँचाता है, जबकि फलदार पेड़ों में यह फलों का आकार और चमक बढ़ाता है। बरसात में सब्जियों की पैदावार बढ़ाने के लिए यह उर्वरक आदर्श है।
आर्थिक और पर्यावरणीय फायदे
इस उर्वरक से किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी, क्योंकि बेहतर गुणवत्ता और पैदावार बाजार में अच्छी कीमत दिलाएगी। रासायनिक उर्वरकों की तुलना में यह मिट्टी की सेहत को नुकसान नहीं पहुँचाता, बल्कि सल्फर मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है। पर्यावरण के लिए यह सुरक्षित है, क्योंकि यह क्लोराइड मुक्त है और मिट्टी में नमक जमा नहीं होने देता।
इस उर्वरक का उपयोग बढ़ने से बिहार, उत्तर प्रदेश, और पंजाब जैसे राज्यों में जैविक और संतुलित खेती को बढ़ावा मिलेगा। अगर उर्वरक की मात्रा ज्यादा हो जाए, तो पत्तियों पर जलन हो सकती है। इसे रोकने के लिए सही माप और परीक्षण जरूरी है। अगर फसल में पीलापन दिखे, तो मिट्टी की जाँच करवाएँ और पोषण संतुलन बनाएँ। स्थानीय कृषि विशेषज्ञ से सलाह लेकर इसे प्रयोग करें।
इफ्को का पोटेशियम सल्फेट 0:0:50 उर्वरक किसानों के लिए एक शानदार उपाय है, जो फसलों की गुणवत्ता, पोषण, और उत्पादन को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। 3 जुलाई 2025 की बरसात इसकी शुरुआत के लिए सही समय है। सही मात्रा और देखभाल से आप अपनी फसल को स्वस्थ और मुनाफे का स्रोत बना सकते हैं। आज से शुरू करें और अपने खेत को सोने की खान बनाएँ!
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