IVRI की बड़ी कामयाबी! FMD से बचाव के लिए बनाए तीन टीके, करोड़ों पशुओं की जान बचेगी

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI), इज्जतनगर ने पशुपालकों के लिए बड़ी सौगात दी है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के 97वें स्थापना दिवस (16 जुलाई 2025) पर नई दिल्ली में तीन अत्याधुनिक वैक्सीन्स लॉन्च की गईं। इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, और ICAR के महानिदेशक डॉ. मांगी लाल जाट समेत कई दिग्गज मौजूद थे। ये वैक्सीन्स खुरपका-मुंहपका (FMD), पी.पी.आर., और कैनाइन पार्वोवायरस के खिलाफ हैं, जो पशुओं की सेहत और पशुपालकों की आय बढ़ाने में मदद करेंगी। आइए, इन वैक्सीन्स की खासियत जानें।

नेगेटिव मार्कर ट्राइवेलेंट FMD वैक्सीन

खुरपका-मुंहपका (FMD) पशुओं का एक खतरनाक और संक्रामक रोग है, जो हर साल भारत में करोड़ों रुपये का नुकसान करता है। IVRI ने डॉ. सुरेश एच. बसगौडनवर की अगुआई में एक नई ट्राइवेलेंट वैक्सीन बनाई है, जो भारतीय FMD वायरस स्ट्रेन्स (O, A, Asia-1) को टारगेट करती है। इस वैक्सीन की खासियत है इसका ‘नेगेटिव मार्कर’ (DIVA) फीचर, जो टीकाकृत और संक्रमित पशुओं में अंतर बता सकती है।

यह गैर-संरचनात्मक प्रोटीन (NSP) विलोपन तकनीक पर आधारित है, जो रोग उन्मूलन को सटीक बनाएगी। डॉ. बी.पी. श्रीनिवास, डॉ. मधुसूदन होसामणि, और डॉ. त्रिवेणी दत्त जैसे वैज्ञानिकों की मेहनत से बनी यह वैक्सीन FMD के खिलाफ लड़ाई में बड़ा कदम है। इससे पशुपालकों को नुकसान कम होगा और दूध-मांस उत्पादन बढ़ेगा।

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PPR मार्कर वैक्सीन

पेस्ट डेस पेटिट्स रूमिनेंट्स (PPR) यानी छोटे जुगाली करने वाले पशुओं (भेड़-बकरी) का एक घातक वायरस है, जिसे 2030 तक खत्म करने का वैश्विक लक्ष्य है। IVRI के मुक्तेश्वर परिसर ने डॉ. एस. चंद्रशेखर के नेतृत्व में एक पुनर्संयोजित PPR मार्कर वैक्सीन बनाई है। यह वैक्सीन टीकाकृत और संक्रमित पशुओं के एंटीबॉडीज में अंतर बता सकती है, जिससे रोग-मुक्त क्षेत्र घोषित करना आसान होगा। डॉ. मागेस्वरी आर., डॉ. डी. मुथुचेलवन, और डॉ. आर.पी. सिंह जैसे वैज्ञानिकों ने इसमें योगदान दिया। यह वैक्सीन PPR उन्मूलन के लिए भारत के प्रयासों को मजबूती देगी और भेड़-बकरी पालकों की आय बढ़ाएगी।

कैनाइन पार्वोवायरस वैक्सीन

कुत्तों में पार्वोवायरस एक गंभीर रोग है, जो दस्त और उल्टी का कारण बनता है। IVRI ने डॉ. विशाल चंदर और डॉ. गौरव कुमार शर्मा की अगुआई में भारतीय कैनाइन वायरस स्ट्रेन से बनी सजीव दुर्बलित वैक्सीन विकसित की है। यह सेल कल्चर तकनीक पर आधारित है और भारतीय फार्माकोपिया के मानकों पर खरी उतरती है। यह किफायती, सुरक्षित, और निर्यात योग्य वैक्सीन है, जो विदेशी टीकों पर निर्भरता खत्म करेगी। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम है। इस वैक्सीन से पालतू कुत्तों के मालिकों और ब्रीडर्स को बड़ी राहत मिलेगी।

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आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम

ये तीनों वैक्सीन्स भारत को पशु स्वास्थ्य में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम हैं। FMD वैक्सीन से गाय-भैंस पालकों को नुकसान कम होगा, PPR वैक्सीन से भेड़-बकरी पालकों की आय बढ़ेगी, और कैनाइन वैक्सीन से कुत्तों की सेहत सुधरेगी। ये वैक्सीन्स भारतीय स्ट्रेन्स पर आधारित हैं, जो इन्हें और प्रभावी बनाती हैं। साथ ही, ये निर्यात के लिए भी उपयुक्त हैं, जिससे भारत वैश्विक पशु वैक्सीन मार्केट में बड़ा खिलाड़ी बन सकता है। ICAR के 97वें स्थापना दिवस पर इन वैक्सीन्स का लॉन्च भारत के पशुपालन और अनुसंधान क्षेत्र की ताकत दिखाता है।

पशुपालकों के लिए सलाह

पशुपालक भाइयों, इन वैक्सीन्स का लाभ उठाने के लिए अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय या IVRI के क्षेत्रीय केंद्र (मुक्तेश्वर, बेंगलुरु, पुणे) से संपर्क करें। FMD और PPR वैक्सीन के लिए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NADCP) की जानकारी लें। कैनाइन वैक्सीन के लिए पशु चिकित्सकों से सलाह लें। ज्यादा जानकारी के लिए IVRI की वेबसाइट (ivri.nic.in) पर जाएँ। ये वैक्सीन्स आपके पशुओं को स्वस्थ रखेंगी और आपकी आय बढ़ाएँगी।

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  • Shashikant

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