जामुन की खेती से कमाएं 3 लाख! जानिए उन्नत किस्में और आसान तरीका

Jamun Ki Kheti: किसान भाइयों, जामुन की व्यावसायिक खेती किसानों के लिए मुनाफे का खजाना बन रही है। कम लागत, मंडी में तगड़ी माँग, और लंबे समय तक कमाई ने इसे बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड जैसे राज्यों में लोकप्रिय कर दिया है। नई उन्नत किस्में और वैज्ञानिक तरीके इस खेती को और आसान बना रहे हैं। अगर आप अपने खेत को जामुन के बाग में बदलकर लाखों कमाना चाहते हैं, तो इसकी उन्नत किस्मों, खेती के गुर, और मुनाफे की राह समझ लीजिए।

Table of Contents

जामुन के लिए जलवायु और मिट्टी

जामुन की फसल गर्म और नम जलवायु में शानदार फल देती है, जो इसे बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, और दक्षिण भारत के लिए मुफीद बनाती है। गर्मी और मानसून दोनों इसके लिए अच्छे हैं। मिट्टी में दोमट, बलुई, या हल्की काली मिट्टी सबसे बेहतर काम करती है। मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 8 के बीच होना चाहिए, और पानी की निकासी बढ़िया होनी चाहिए। बिहार के समस्तीपुर में एक किसान ने दोमट मिट्टी में जामुन लगाया और छठे साल में 2.5 लाख रुपये का मुनाफा कमाया। सही जलवायु और मिट्टी आपके बाग को मंडी की शान बनाएगी।

जामुन की उन्नत किस्में जो ज्यादा मुनाफा देती हैं

गोकर्ण

जामुन की गोकर्ण किस्म किसानों के लिए सोने का सौदा है। इसके फल बड़े, रस से भरपूर, और स्वाद में लाजवाब होते हैं। मंडी में इसकी तगड़ी माँग रहती है, और 80-100 रुपये प्रति किलो के दाम मिलते हैं। यह किस्म गर्मी और नमी दोनों में अच्छी पैदावार देती है। मध्य प्रदेश के एक किसान ने गोकर्ण से एक एकड़ में 4,000 किलो फल बेचकर 3 लाख रुपये कमाए। गोकर्ण की मिठास और आकार इसे होटल और जूस कंपनियों का पसंदीदा बनाते हैं। इस किस्म को चुनकर आप अपने बाग को मुनाफे का खजाना बना सकते हैं।

राजामुन्ना

राजामुन्ना जामुन की वह किस्म है, जो गहरे बैंगनी रंग और मीठे स्वाद के लिए जानी जाती है। यह जल्दी तैयार होती है, जिससे किसान तेज़ी से मंडी में बिक्री शुरू कर सकते हैं। मंडी में इसके 60-90 रुपये प्रति किलो के दाम मिलते हैं। छत्तीसगढ़ के एक किसान ने राजामुन्ना लगाकर पाँचवें साल में 2 लाख रुपये का मुनाफा कमाया। यह किस्म रोगों के खिलाफ मज़बूत है और कम देखभाल में भी लहलहाती है। राजामुन्ना आपके बाग को जल्दी मुनाफे की राह पर ले जाएगी।

सेंटर जामुन

सेंटर जामुन बीज रहित होने की वजह से मंडी में चमक बिखेरती है। इसके फल रसीले और खाने में आसान होते हैं, जिससे होटल, जूस कंपनियां, और प्रोसेसिंग यूनिट इसे 100-150 रुपये प्रति किलो खरीदती हैं। उत्तर प्रदेश के एक किसान ने सेंटर जामुन से एक एकड़ में 3.5 लाख रुपये कमाए। यह किस्म गर्म जलवायु में भी अच्छी पैदावार देती है और ट्रांसपोर्ट के दौरान खराब नहीं होती। सेंटर जामुन आपके बाग को प्रीमियम मुनाफे का रास्ता दिखाएगी।

धौधिया जामुन

बिहार और झारखंड में धौधिया जामुन देसी स्वाद का बादशाह है। इसके फल मध्यम आकार के, मीठे, और रसीले होते हैं, जो स्थानीय मंडियों में 50-70 रुपये प्रति किलो बिकते हैं। यह किस्म कम लागत और देखभाल में उगाई जा सकती है, जो छोटे किसानों के लिए वरदान है। बिहार के मुजफ्फरपुर में एक किसान ने धौधिया से 1.8 लाख रुपये का मुनाफा कमाया। देसी बाजारों में इसकी माँग कभी कम नहीं होती। धौधिया आपके खेत को स्थानीय मंडी का सितारा बनाएगी।

मुनाफे की नींव

जामुन की खेती में सही शुरुआत मुनाफे की गारंटी देती है। पौधों को 8×8 मीटर की दूरी पर लगाएँ, ताकि हवा और धूप अच्छे से मिले। जुलाई-अगस्त का मानसून रोपाई के लिए सबसे अच्छा समय है। पहले साल में प्रति पौधा 10-15 किलो गोबर खाद, नीम खली, और जैविक उर्वरक डालें। शुरुआत में हर 10-15 दिन पर सिंचाई करें, और गर्मी में ही पानी दें। झारखंड के एक किसान ने ड्रिप सिस्टम से 25 प्रतिशत ज़्यादा फल पाए। खेत की गहरी जुताई और खरपतवार साफ रखें। यह मेहनत 5-6 साल में पेड़ों को फल देने लायक बनाएगी।

रोग और कीटों से जंग

जामुन में रोग कम लगते हैं, लेकिन दीमक, तना छेदक, और फल खाने वाले कीड़े परेशान कर सकते हैं। नीम तेल का छिड़काव हर 15-20 दिन में करें। गोमूत्र या लहसुन-नीम का घोल भी कीटों को भगाता है। महाराष्ट्र के एक किसान ने नीम तेल से फल खराब होने से बचाया और 95 प्रतिशत फसल मंडी तक पहुँचाई। जैविक कीटनाशक सस्ते हैं और फल की क्वालिटी बनाए रखते हैं। नियमित निगरानी और साफ-सफाई आपके बाग को कीटों से बचा रखेगी।

मंडी की राह

जामुन का पेड़ 5-6 साल में फल देना शुरू करता है, और एक पेड़ से 50-80 किलो फल मिलते हैं। एक एकड़ में 60-70 पेड़ लगाए जा सकते हैं, यानी 3,000-5,000 किलो जामुन। मंडी में जामुन 50-150 रुपये प्रति किलो बिकता है, जिससे एक एकड़ से 1.5-3 लाख रुपये का मुनाफा हो सकता है। बिहार के एक किसान ने सेंटर जामुन और धौधिया से 2.8 लाख रुपये कमाए। जूस, सिरका, और कैंडी जैसे प्रोसेस्ड प्रोडक्ट बनाने से दाम और बढ़ते हैं। FPO या किसान उत्पादक कंपनियों से जुड़कर बड़े खरीदारों तक पहुँचें। यह रास्ता आपके जामुन को मंडी में चमकाएगा।

ये भी पढ़ें- केले की खेती पर सरकार दे रही ₹45,000 की सब्सिडी, जानिए कैसे उठाएं फायदा

Author

  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

    View all posts

Leave a Comment