काला नमक धान की खेती, बंपर कमाई का रास्ता, कतर ,दुबई,ऑस्ट्रेलिया,अमेरिका जैसे देशो में है खूब मांग

काला नमक धान, जिसे “बुद्धा राइस” या “यूपी का काला मोती” कहते हैं, उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में 2600 साल से उगाया जाता है। ये सुगंधित, पोषक चावल काली भूसी और सफेद दानों वाला होता है। बाजार में 120-300 रुपये/किलो (जैविक 500 रुपये/किलो) बिकता है। एक बीघा से 4-5 क्विंटल उपज और 30,000-48,000 रुपये मुनाफा मिलता है। GI टैग और ODOP योजना से इसकी माँग देश-विदेश में बढ़ी है। सिद्धार्थनगर, बस्ती, गोंडा में लोकप्रिय, ये खेती कम लागत (15,000-20,000 रुपये/बीघा) में शुरू हो सकती है। आइए जानें काला नमक धान की खेती कैसे करें।

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काला नमक धान की विशेषताएँ

काला नमक धान आयरन, जिंक, और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर है, जो मधुमेह, हृदय रोग, और कैंसर में लाभकारी है। इसकी तेज सुगंध और मुलायम दाने इसे बासमती से अलग बनाते हैं। 120-140 दिन में पकने वाली ये फसल छोटे-मध्यम दानों वाली होती है। उत्तर प्रदेश के 11 जिलों (सिद्धार्थनगर, बस्ती, गोंडा, बलरामपुर आदि) और नेपाल के तराई में उगाई जाती है। इसकी प्रजातियों में पारंपरिक काला नमक, KN-101, KN-103, कलाबाती, और काला धान शामिल हैं। जैविक खेती से दाम 50-70% बढ़ जाते हैं। निर्यात बाजार (कतर, ऑस्ट्रेलिया) में माँग बढ़ रही है।

खेत और मिट्टी की तैयारी

काला नमक धान के लिए दोमट, चिकनी मिट्टी (pH 5.5-7.5) बेस्ट है। खेत की गहरी जुताई करें और 1-2 टन गोबर खाद या 500 किलो वर्मी कम्पोस्ट प्रति बीघा डालें। खेत को समतल करें और जलनिकासी सुनिश्चित करें, क्योंकि ज्यादा पानी दानों की गुणवत्ता घटाता है। 2-3 फीट चौड़ी क्यारियाँ बनाएँ। जून-जुलाई (खरीफ) में बोआई करें, नर्सरी मई-जून में शुरू करें। मॉनसून का फायदा लेने के लिए समय पर तैयारी करें। छोटे किसान 0.5 बीघा से शुरू कर सकते हैं। सही तैयारी से उपज 20-30% बढ़ती है।

बीज और रोपण सही समय

उन्नत बीज (KN-101, KN-103, पारंपरिक काला नमक) ICAR, KVK, या विश्वसनीय नर्सरी से लें। प्रति बीघा 2-3 किलो बीज (300 रुपये/किलो) चाहिए। बीज को 12 घंटे पानी में भिगोएँ और जीवामृत (500 मिलीलीटर/किलो) से उपचारित करें। नर्सरी में 2-3 सेमी गहराई पर बीज बोएँ। 25-30 दिन बाद 45×30 सेमी दूरी पर पौधों को खेत में रोपें। रोपाई से पहले खेत में 5 सेमी पानी रखें। जुलाई में रोपाई करें ताकि फसल 120-140 दिन में पके। सही रोपण से पौधे मजबूत होते हैं, और उपज बढ़ती है।

देखभाल और सिंचाई का तरीका

काला नमक धान की देखभाल आसान है। रोपाई के बाद हर 5-7 दिन में 5 सेमी पानी दें। फूल और दाना बनने (60-90 दिन) के समय पानी की कमी न हो। ड्रिप सिस्टम से 20% पानी बचता है। हर 15 दिन में 20 किलो नाइट्रोजन और 10 किलो जिंक सल्फेट डालें। नीम तेल (5 मिलीलीटर/लीटर) हर 10-15 दिन में छिड़कें ताकि झोंका, गंधी बग से बचाव हो। खरपतवार हटाने के लिए 20-25 दिन बाद गुड़ाई करें। ज्यादा नाइट्रोजन से बचें, वरना रोग बढ़ते हैं। सही देखभाल से एक पौधा 40-50 दाने वाली बाली देता है।

कटाई और उत्पादन हिसाब किताब

कटाई 120-140 दिन बाद करें, जब 80% दाने सुनहरे हों। सुबह काटें ताकि नमी कम हो। एक बीघा से 4-5 क्विंटल धान मिलता है। उन्नत प्रजातियाँ (KN-101) 5-6 क्विंटल दे सकती हैं। धान को छाया में सुखाएँ और मंडी, चावल मिल, या ऑनलाइन (Amazon, IndiaMART) बेचें। जैविक काला नमक 500 रुपये/किलो तक बिकता है। भूसा 3,000-5,000 रुपये अतिरिक्त देता है। सही कटाई से नुकसान कम होता है, और दाने की गुणवत्ता बनी रहती है।

कमाई और मुनाफा

लागत 15,000-20,000 रुपये/बीघा (बीज, खाद, मजदूरी)। 4-5 क्विंटल धान 120 रुपये/किलो से 48,000-60,000 रुपये कमाई। मुनाफा 30,000-48,000 रुपये। जैविक खेती से 500 रुपये/किलो तक दाम। निर्यात (कतर, ऑस्ट्रेलिया) या BigBasket, Farmkart पर बिक्री से ज्यादा कमाई। बड़े स्तर (2-3 बीघा) पर 1-1.5 लाख रुपये सालाना मुनाफा संभव। GI टैग और ODOP योजना से मार्केटिंग आसान हो रही है।

सरकारी योजनाएँ

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) और ODOP से 40-60% सब्सिडी बीज, खाद, उपकरण पर। किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) से 3 लाख ब्याज-मुक्त लोन। सिद्धार्थनगर में काला नमक महोत्सव से ब्रांडिंग। स्थानीय कृषि विभाग से आवेदन करें।

स्वस्थ बीज चुनें। येलो वीन मोज़ेक वायरस (YVMV) और बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट से बचने के लिए KN-101, KN-103 प्रजातियाँ लें। ज्यादा नाइट्रोजन से बचें। KVK या ICAR से ट्रेनिंग लें। छोटे स्तर (0.5 बीघा) से शुरू करें। काला नमक धान की खेती कम लागत में बंपर कमाई देती है। GI टैग का फायदा उठाएँ और आय बढ़ाएँ।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

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