Haryana: MSP पर आज से खरीफ फसल खरीद की शुरुआत, सरकार ने 22 जिलों में अफसरों को दी जिम्मेदारी

Kharif Procurement: हरियाणा के लाखों किसानों की मेहनत अब फल देगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अगुवाई वाली सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2025-26 के तहत धान, बाजरा, ज्वार और बाकी खरीफ फसलों की सरकारी खरीद आज यानी 22 सितंबर से शुरू कर दी है। यह फैसला उन किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो इस मानसून में खेतों में पसीना बहाकर फसलें तैयार कर चुके हैं। पहले किसान संगठनों के सांकेतिक धरनों ने सरकार को हरकत में ला दिया, और अब मंडियों में हलचल बढ़ने लगी है। सीएम सैनी ने स्पष्ट कहा है कि किसानों को उनकी उपज का पूरा हक मिलेगा, बिना किसी चिंता के।

22 जिलों पर नजर

खरीद प्रक्रिया को बेदाग बनाने के लिए राज्य सरकार ने कमर कस ली है। हरियाणा के 22 जिलों में वरिष्ठ अफसरों को निगरानी और प्रबंधन की पूरी जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर एक किलो फसल का भी नुकसान न हो। फूड, वेयरहाउसिंग और मार्केटिंग विभाग के बीच तालमेल बिठाकर मंडियों में किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए खास इंतजाम किए गए हैं। मंडी में पहुंचते ही किसानों को एसएमएस अलर्ट मिलेगा, जिसमें उनकी फसल का गेट पास और खरीद केंद्र की जानकारी होगी। यह व्यवस्था न सिर्फ समय बचाएगी, बल्कि भुगतान को भी तेज करेगी।

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किसान आंदोलन ने तोड़ी सरकार की उदासी

पिछले कुछ दिनों में किसान संगठनों ने खरीफ फसलों की समय पर खरीद न होने पर चेतावनी दी थी। उनके धरनों और मांगों ने सरकार को झकझोर दिया, और जल्द ही यह घोषणा हो गई। सीएम सैनी ने खुद कहा कि किसानों की बिक्री की फिक्र खत्म हो जाए, क्योंकि एमएसपी पर खरीद की पूरी गारंटी है।

केंद्र सरकार ने भी खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में इजाफा किया है धान का भाव 2369 रुपये प्रति क्विंटल, बाजरा 2775 रुपये और ज्वार हाइब्रिड 3699 रुपये तक पहुंच गया है। यह बढ़ोतरी किसानों की लागत पर 50 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न सुनिश्चित करती है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या मंडियों में यह भाव वाकई मिलेगा, या फिर बिचौलियों का खेल शुरू हो जाएगा?

भुगतान और सुविधाओं का वादा

सरकार का फोकस साफ है किसानों को उचित दाम और आसानी। धान, बाजरा और ज्वार जैसी मुख्य फसलों की खरीद एमएसपी पर होगी, और मंडियों में समय पर भुगतान की सख्त व्यवस्था रहेगी। इसके अलावा, डिजिटल वजन मशीनें लगाई जा रही हैं ताकि कोई धांधली न हो। बारिश से फसल खराब न हो, इसके लिए गुणवत्ता वाले कवर और भंडारण की तैयारी है। मुख्यमंत्री ने हाल ही में एक समीक्षा बैठक में अफसरों को साफ हिदायत दी कि मंडियों में 24 घंटे इंस्पेक्टर ड्यूटी पर रहें, और लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।

यह कदम ग्रामीण हरियाणा के लिए एक नई शुरुआत जैसा लगता है, जहां खेती अब सिर्फ बोझ नहीं, बल्कि मुनाफे का जरिया बनेगी। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि सफलता तभी मिलेगी जब किसानों को प्रशिक्षण और बाजार तक बेहतर पहुंच मिले।

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  • Shashikant

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