किसान भाई, आप लोग सब्जियों की खेती किए हैं,गर्मी शुरू होते ही तोरई, लौकी, करेला, भिंडी, कद्दू, और खीरा जैसी सब्जियों की खेती में कीड़ों की परेशानी बढ़ जाती है। ये कीड़े पत्तियों को चट कर जाते हैं, फूलों को खराब करते हैं, और फल कमजोर हो जाते हैं। चाहे लौकी की बेल हो या भिंडी का पौधा, गर्मी में कीड़े सबको निशाना बनाते हैं। लेकिन सही कीटनाशक चुनें, तो न सिर्फ कीड़ों से छुटकारा मिलेगा, बल्कि पौधों की ग्रोथ भी बढ़िया होगी। तो चलिए, जानते हैं कि इन सब्जियों के लिए गर्मी में कौन से कीटनाशक सही हैं।
प्राकृतिक कीटनाशक : नीम का कमाल
गर्मी में तोरई, करेला, और खीरे के पौधों को कीड़ों से बचाने के लिए नीम सबसे आसान और सुरक्षित है। नीम का तेल गाँव में हर जगह मिल जाता है। 5 मिलीलीटर नीम तेल को 1 लीटर पानी में मिलाएं और शाम को पौधों पर छिड़कें। ये सुंडी, चेपा, और सफेद मक्खी को भगाता है। लौकी और कद्दू की बेलों पर भी ये अच्छा काम करता है। नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर ठंडा करें और छिड़काव करें, भिंडी के पौधों को ताकत मिलती है। ये सस्ता तरीका पौधों की ग्रोथ बढ़ाने में भी मदद करता है।
जैविक कीटनाशक : बीटी और ट्राइकोडर्मा
अगर कीड़े बेकाबू हो जाएं, तो जैविक कीटनाशक आजमाएं। बीटी (बैसिलस थुरिंजिएंसिस) तोरई और भिंडी पर सुंडी और लार्वा को खत्म करता है। 2 ग्राम बीटी पाउडर को 1 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें। करेला और खीरे के लिए भी ये कारगर है। दूसरा है ट्राइकोडर्मा, ये मिट्टी में डालने की चीज है। प्रति एकड़ 2-3 किलो ट्राइकोडर्मा को गोबर की खाद में मिलाकर लौकी और कद्दू की जड़ों के पास डालें। ये फंगस और कीड़ों से बचाता है, और जड़ें मजबूत होने से ग्रोथ बढ़ती है।
रसायनिक कीटनाशक
जब कीड़ों का हमला बढ़ जाए, तो रसायनिक कीटनाशक भी काम आते हैं। इमिडाक्लोप्रिड, भिंडी और खीरे पर चेपा और सफेद मक्खी के लिए अच्छा है, 10 मिलीलीटर को 10 लीटर पानी में मिलाएं। मोनोक्रोटोफॉस, तोरई, लौकी, और करेला पर फल छेदक कीड़ों को खत्म करता है, 20 मिलीलीटर प्रति 10 लीटर पानी में डालें। कद्दू की बेलों पर भी ये असरदार है। ये कीटनाशक कीड़ों को जल्दी भगाते हैं और पौधों को बढ़ने का मौका देते हैं। लेकिन कम डालें, ज्यादा इस्तेमाल से पत्तियाँ पीली पड़ सकती हैं।
ग्रोथ बढ़ाने के आसान टिप्स
कीटनाशक के साथ ग्रोथ बढ़ाने के लिए कुछ बातें करें। गर्मी में तोरई, लौकी, और कद्दू को हर 4-5 दिन में हल्का पानी दें। भिंडी और करेले को हफ्ते में दो बार सिंचाई करें। प्रति एकड़ 5-6 टन गोबर की खाद डालें, खीरे की बेलें तेजी से बढ़ती हैं। नीम की खली (2-3 किलो प्रति एकड़) मिट्टी में मिलाएं, ये कीड़ों को रोकती है और पौधों को ताकत देती है। फूल आने पर 10 ग्राम बोरॉन को 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें, तोरई और भिंडी में फल ज्यादा लगते हैं। ये तरीके कीटनाशक के असर को बढ़ाते हैं।
सही समय और तरीका
कीटनाशक का छिड़काव सुबह जल्दी या शाम को करें, जब धूप तेज न हो। गर्मी में दोपहर का छिड़काव लौकी और कद्दू की पत्तियों को नुकसान पहुँचा सकता है। हवा तेज हो तो रुकें, वरना दवा उड़ जाएगी। हर 10-15 दिन में छिड़काव करें—तोरई और करेले पर कीड़े जल्दी लगते हैं। नीम और बीटी को बार-बार इस्तेमाल करें, पर रसायनिक कीटनाशक हफ्ते में एक बार से ज्यादा न डालें। छिड़काव के बाद 2-3 दिन पानी दें, ताकि खीरा और भिंडी की ग्रोथ बढ़े।
सावधानियाँ और सुझाव
कीटनाशक डालते वक्त मुँह और हाथ ढकें। बच्चों को खेत से दूर रखें। रसायनिक दवाओं की सही मात्रा डालें, ज्यादा डालने से करेला और तोरई के फूल झड़ सकते हैं। पहले नीम जैसे प्राकृतिक तरीके आजमाएं, फिर रसायन का सहारा लें। गाँव के कृषि केंद्र से सलाह लें, वहाँ सही दवा मिलेगी। ऑनलाइन इंडिया मार्ट से भी कीटनाशक मंगा सकते हैं। खेत में कीड़ों की निगरानी रखें, ताकि सही वक्त पर कदम उठाएं।
ये भी पढ़ें – खरीफ सीजन में उगाएं ये बेस्ट फसलें, कम समय में तिजोरी भर जाएगी नोटों से
2 thoughts on “गर्मी में सब्जियों पर कौन सा कीटनाशक सही रहेगा, जिससे सब्जियों की सेहत और ग्रोथ बनी रहे”