भारत में आम को फलों का राजा यूं ही नहीं कहते। इसका स्वाद, रंग और खुशबू हर किसी को दीवाना बना देती है। हमारे देश में आम की सैकड़ों किस्में उगाई जाती हैं, लेकिन जब बात मुनाफे की आती है, तो आम्रपाली, दशहरी और अल्फांसो सबसे ज्यादा चर्चा में रहते हैं। ये तीनों किस्में किसानों के लिए खास हैं, लेकिन हर एक की अपनी खासियत और चुनौतियां हैं। तो चलिए, आज हम इन तीनों की तुलना करते हैं और देखते हैं कि खेती के लिए कौन सा आम आपके लिए सबसे फायदेमंद हो सकता है।
आम्रपाली आम
आम्रपाली आम हमारे किसान भाइयों के बीच खूब पसंद किया जाता है, खासकर उन लोगों में जो कम जमीन पर ज्यादा कमाई करना चाहते हैं। ये आम दशहरी और नीलम का मिश्रण है, जिसका स्वाद इतना मीठा है कि मुंह में रखते ही घुल जाता है। इसका गूदा रेशे-रहित और रसीला होता है, जो इसे खाने वालों का फेवरेट बनाता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसके पेड़। ये पेड़ बौने होते हैं, यानी ज्यादा लंबे-चौड़े नहीं फैलते। इससे कम जगह में ज्यादा पौधे लगाए जा सकते हैं, और एक एकड़ में आम की पैदावार बढ़ जाती है।
इसके पेड़ तीन-चार साल में ही फल देने लगते हैं, जो किसानों के लिए जल्दी मुनाफे का रास्ता खोलता है। जैविक खेती करने वाले भाइयों के लिए भी ये किस्म अच्छी है, क्योंकि इसे ज्यादा केमिकल की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन एक बात का ध्यान रखना पड़ता है। आम्रपाली जल्दी खराब हो जाता है। अगर आपका बाजार दूर है या निर्यात करना है, तो इसे जल्दी और सावधानी से पहुंचाना पड़ता है। फिर भी, लोकल बाजार में इसकी डिमांड इतनी है कि अच्छा दाम मिल ही जाता है।
दशहरी आम
अगर आप उत्तर प्रदेश या उसके आसपास के किसान हैं, तो दशहरी आम का नाम सुनते ही आंखों में चमक आ जाती होगी। ये आम अपनी खास सुगंध और लंबे, पतले आकार के लिए जाना जाता है। इसका स्वाद इतना लाजवाब है कि लोग इसे खाने के लिए तरसते हैं। चाहे लोकल बाजार हो या विदेशी, दशहरी की डिमांड हमेशा बनी रहती है। इसकी खेती से किसान भाई अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं, क्योंकि इसका दाम बाजार में अच्छा मिलता है।
दशहरी के पेड़ को फल देने में थोड़ा वक्त लगता है, यानी पांच-छह साल। लेकिन एक बार फल शुरू हुआ, तो फिर हर साल अच्छी कमाई होती है। इसकी खेती में थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। कीट और रोगों से बचाने के लिए समय-समय पर दवाइयों का छिड़काव और देखभाल जरूरी है। अगर आप इसे सही तरीके से मैनेज कर लें, तो ये आम आपके लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बन सकता है। खासकर उन किसानों के लिए जो अपने खेतों की अच्छी देखभाल कर सकते हैं।
अल्फांसो आम
अल्फांसो को तो वाकई आमों का राजा कहते हैं। महाराष्ट्र और कर्नाटक के किसान इसे हापुस के नाम से भी जानते हैं। इसका रंग सुनहरा, खुशबू गजब और स्वाद ऐसा कि एक बार खाओ तो बार-बार खाने का मन करे। यही वजह है कि विदेशों में इसकी डिमांड आसमान छूती है। अगर आप निर्यात के बाजार में उतरना चाहते हैं, तो अल्फांसो आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। इसकी कीमत इतनी अच्छी मिलती है कि एक बार फसल तैयार हुई, तो मुनाफा कई गुना हो जाता है।
लेकिन अल्फांसो की खेती हर किसी के बस की बात नहीं। इसके लिए खास जलवायु चाहिए, जो महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे इलाकों में मिलती है। साथ ही, इसमें शुरुआती निवेश भी ज्यादा लगता है। पेड़ों की देखभाल, सही समय पर पानी, खाद और कीटनाशक का इस्तेमाल, सब कुछ बारीकी से करना पड़ता है। अगर आप ये मेहनत कर सकते हैं और आपके पास निर्यात का रास्ता है, तो अल्फांसो आपके लिए धन की बरसात कर सकता है।
कौन सा आम चुनें?
अब सवाल ये है कि इन तीनों में से कौन सा आम आपकी खेती के लिए सबसे अच्छा है? ये आपके खेत, बजट और बाजार पर निर्भर करता है। अगर आपके पास कम जमीन है और आप जल्दी मुनाफा चाहते हैं, तो आम्रपाली आपके लिए बेस्ट है। अगर आप थोड़ा इंतजार कर सकते हैं और अच्छी देखभाल कर सकते हैं, तो दशहरी आपको लोकल और विदेशी दोनों बाजारों में अच्छा दाम दिलाएगा। और अगर आप बड़े पैमाने पर खेती और निर्यात का सोच रहे हैं, तो अल्फांसो से बेहतर कुछ नहीं।
हर किस्म की अपनी खासियत है, बस आपको अपनी जरूरत और संसाधनों को समझना है। सही किस्म चुनकर और मेहनत करके आप आम की खेती से अच्छी कमाई कर सकते हैं। अपने खेत की मिट्टी, पानी और बाजार की जानकारी लेकर सही फैसला लें, और आम की खेती को अपनी कमाई का जरिया बनाएं।
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