Kusum C Yojana: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव किसानों को बिजली का बोझ कम करने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कुसुम सी योजना को बड़े जोर-शोर से लागू कर रहे हैं। इस योजना के तहत सोलर पंप पर 90% तक सब्सिडी दी जा रही है, जिससे किसान कम लागत में खेती के लिए बिजली पा सकते हैं। साथ ही, अगले 8 दिनों में प्रदेश में कृषि मेलों का आयोजन होने जा रहा है, जहाँ किसानों को उन्नत तकनीक और योजनाओं की जानकारी मिलेगी। आइए जानते हैं कि कुसुम सी योजना क्या है, इसका फायदा कैसे लें, और ये किसानों की जिंदगी कैसे बदल रही है।
कुसुम सी योजना का मकसद
मध्य प्रदेश में खेती के लिए बिजली आज सबसे बड़ी जरूरत है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि कुसुम सी योजना का लक्ष्य किसानों को बिजली में आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत सोलर पंप लगाने की लागत का 90% सरकार वहन करती है, और किसान को सिर्फ 10% राशि देनी होती है। इससे न सिर्फ बिजली का खर्च बचता है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता। भोपाल के किसान रमेश भैया, जो पिछले साल इस योजना से सोलर पंप लगवाए, बताते हैं कि अब उनकी बिजली का बिल शून्य हो गया है, और खेती की लागत आधी हो गई।
सोलर पंप पर 90% सब्सिडी
Kusum C Yojana के तहत मध्य प्रदेश में 3 हॉर्स पावर (HP) से लेकर 7.5 HP तक के सोलर पंपों के लिए पंजीयन शुरू हो गया है। उदाहरण के लिए, 5 लाख रुपये कीमत वाले सोलर पंप के लिए किसान को सिर्फ 50,000 रुपये देने होंगे। बाकी 4.5 लाख रुपये की गारंटी सरकार लेती है। पंजीयन के लिए किसान को 10% राशि जमा करानी होगी। सरकार ने इस साल लगभग 1 लाख किसानों को सोलर पंप देने का लक्ष्य रखा है। जिन किसानों ने पहले पंजीयन कराया था, उन्हें पहले पंप मिलेंगे, फिर नए पंजीकृत किसानों को। ये सोलर पंप उन किसानों के लिए खास हैं, जिनके पास बिजली कनेक्शन नहीं है या जो मौजूदा कनेक्शन हटाने को तैयार हैं।
पंजीयन और आवेदन प्रक्रिया
कुसुम सी योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (MPUVNL) की वेबसाइट या स्थानीय कृषि विभाग कार्यालय के जरिए पंजीयन करना होगा। आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज हैं: आधार कार्ड, खेत के दस्तावेज (खसरा-खतौनी), बैंक पासबुक, और बिजली कनेक्शन की जानकारी (अगर है तो)। पंजीयन के लिए 10% राशि (जैसे 3 HP पंप के लिए 19,000 रुपये) जमा करानी होगी। आवेदन स्वीकृत होने के बाद सोलर पंप की स्थापना सरकार और ठेकेदार मिलकर करेंगे। कुछ किसानों ने बताया कि पंजीयन प्रक्रिया आसान है, और स्थानीय कार्यालय में कर्मचारी मदद करते हैं।
कृषि मेलों का आयोजन
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया है कि अगले 8 दिनों में मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में उन्नत कृषि मेलों का आयोजन होगा, जिनका शुभारंभ 3 मई को मंदसौर से होगा। इन मेलों में किसानों को सोलर पंप, उन्नत बीज, आधुनिक कृषि उपकरण, और जैविक खेती की जानकारी दी जाएगी। ये मेले किसानों की आय बढ़ाने और नई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे। उज्जैन के एक किसान ने X पर लिखा कि ऐसे मेले उनके लिए नई उम्मीद ला रहे हैं, क्योंकि वो योजनाओं को समझकर सही समय पर लाभ ले सकते हैं।
सोलर पंप और जैविक खेती का फायदा
कुसुम सी योजना से सोलर पंप लगाने के बाद किसान बिजली के बिल से मुक्त हो जाते हैं। ये पंप दिन में सौर ऊर्जा से चलते हैं, जिससे सिंचाई आसान और सस्ती हो जाती है। साथ ही, अगर किसान वर्मीकंपोस्ट जैसे जैविक खाद का इस्तेमाल करें, तो फसल की क्वालिटी बढ़ती है और बाजार में ज्यादा दाम मिलता है। रमेश भैया ने बताया कि सोलर पंप और जैविक खेती ने उनकी सालाना कमाई को 30% तक बढ़ा दिया। सरकार का लक्ष्य अगले तीन साल में हर साल 10 लाख सोलर पंप लगाना है, जिससे किसान न सिर्फ बिजली उपभोक्ता, बल्कि बिजली उत्पादक बन सकें।
किसानों के लिए सलाह
कुसुम सी योजना का लाभ लेने के लिए जल्दी पंजीयन करें, क्योंकि सीमित सोलर पंप उपलब्ध हैं। अपने नजदीकी कृषि या ऊर्जा विभाग कार्यालय से संपर्क करें। सोलर पंप के लिए कम से कम 1 हेक्टेयर जमीन और पानी का स्रोत होना चाहिए। अगर आपके पास बिजली कनेक्शन है, तो उसे हटाने की सहमति देनी होगी। जैविक खेती को अपनाएं, ताकि लागत कम हो और मुनाफा ज्यादा। मेलों में जाकर नई तकनीकों और योजनाओं की जानकारी लें।
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