महाराष्ट्र में खेती किसानों की जान है, लेकिन बिजली की कमी और डीजल पंप का खर्चा उनकी कमर तोड़ देता है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने मागेल त्याला सौर कृषि पंप योजना (magel tyala krishi pump yojana) शुरू की है। इस योजना में सौर पंप पर 90% तक सब्सिडी मिलती है, जिससे बिजली का बिल खत्म होता है और खेती का मुनाफा बढ़ता है। 30 अप्रैल 2025 तक ये योजना 1 लाख सौर पंप लगाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। आइए जानते हैं कि ये योजना क्या है, इसका फायदा कैसे लें, और ये किसानों की जिंदगी कैसे बदल रही है।
सौर पंप क्यों जरूरी
महाराष्ट्र के कई गाँवों में बिजली की सप्लाई अनियमित है, और डीजल पंप चलाना जेब पर भारी पड़ता है। कोल्हापुर के किसान संतोष राव बताते हैं कि सौर पंप लगवाने के बाद उनका बिजली बिल जीरो हो गया, और दिन में खेतों को पानी देना आसान हो गया। X पर @MaharashtraAgri ने शेयर किया कि ये योजना पर्यावरण को बचाने के साथ-साथ किसानों को सस्ती और भरोसेमंद सिंचाई देती है। सौर पंप सूरज की रोशनी से चलते हैं, जिससे बिजली कटने की टेंशन खत्म होती है और डीजल का धुआँ पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचाता।
योजना की खासियत
मागेल त्याला सौर कृषि पंप योजना में सरकार सौर पंप की लागत का 90% तक खर्च उठाती है। सामान्य वर्ग के किसानों को सिर्फ 10% (लगभग 15,000-25,000 रुपये) और अनुसूचित जाति-जनजाति के किसानों को 5% (7,500-12,500 रुपये) देना होता है। बाकी राशि केंद्र और राज्य सरकार की सब्सिडी से दी जाती है। पंप के साथ 5 साल की मुफ्त मेंटेनेंस और इंश्योरेंस भी मिलता है। ये योजना 3 HP, 5 HP, और 7.5 HP सौर पंपों के लिए है, जिन्हें खेत के आकार के हिसाब से चुना जा सकता है। महाराष्ट्र सरकार ने तीन चरणों में 1 लाख पंप लगाने का लक्ष्य रखा है: पहले चरण में 25,000, दूसरे में 50,000, और तीसरे में 25,000 पंप।
कौन ले सकता है लाभ
इस योजना का फायदा लेने के लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी। किसान के पास कम से कम 2.5 एकड़ जमीन और पानी का भरोसेमंद स्रोत (कुआँ, बोरवेल, नदी) होना चाहिए। जिन क्षेत्रों में बिजली कनेक्शन नहीं है या बिजली की कमी से शेती में दिक्कत होती है, वहाँ के किसानों को प्राथमिकता मिलती है। 5 एकड़ से ज्यादा जमीन वाले किसान 5 HP या 7.5 HP पंप के लिए आवेदन कर सकते हैं।
लेकिन जिन किसानों ने पहले अटल सौर कृषि पंप योजना या मुख्यमंत्री सौर कृषि पंप योजना का लाभ लिया है, वो इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं। अगर पानी का स्रोत 60 मीटर से ज्यादा गहरा है या गाँव में पानी का अति-दोहन हुआ है, तो पंप नहीं मिलेगा।
आवेदन की आसान प्रक्रिया
सौर पंप के लिए आवेदन अब घर बैठे ऑनलाइन हो सकता है। इसके लिए www.mahadiscom.in पर जाएँ और Magel Tyala Saur Krishi Pump Yojana का ऑप्शन चुनें। फिर “Apply” पर क्लिक करें। यहाँ नाम, पता, मोबाइल नंबर, और जमीन की जानकारी भरें। जरूरी दस्तावेज, जैसे 7/12 उतारा, आधार कार्ड, और बैंक पासबुक, अपलोड करें। अगर जमीन कई मालिकों की है, तो 200 रुपये के स्टैंप पेपर पर NOC देनी होगी। अर्ज सबमिट करने के बाद आपको लाभार्थी क्रमांक (Beneficiary ID) SMS से मिलेगा, जिससे आप आवेदन की स्थिति चेक कर सकते हैं। X पर @Mahadiscom ने बताया कि CSC सेंटर पर भी आवेदन हो सकता है, और प्रक्रिया बहुत आसान है।
योजना के फायदे
इस योजना से किसानों को कई फायदे मिल रहे हैं। सौर पंप से बिजली और डीजल का खर्च खत्म हो जाता है, जिससे प्रति हेक्टेयर 10,000-15,000 रुपये की बचत होती है। पंप दिन में 8-10 घंटे चलता है, जिससे नियमित सिंचाई होती है और फसल की पैदावार 20-30% बढ़ती है। ये योजना पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि डीजल पंपों से होने वाला प्रदूषण रुकता है। 5 साल की मेंटेनेंस गारंटी से पंप की मरम्मत की चिंता नहीं रहती।
किसानों के लिए सलाह
इस योजना का लाभ लेने के लिए जल्दी आवेदन करें, क्योंकि सौर पंप सीमित संख्या में हैं। आवेदन से पहले आधार को बैंक खाते से लिंक करवाएँ। पानी का स्रोत और जमीन के कागजात तैयार रखें। अगर आप आदिवासी या दूरदराज के इलाके में रहते हैं, तो आपको प्राथमिकता मिल सकती है। सौर पंप लगने के बाद उसे बेचें या ट्रांसफर न करें, वरना कानूनी कार्रवाई हो सकती है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की 2,000 रुपये की किस्त को इस पंप के लिए इस्तेमाल करें। हेल्पलाइन नंबर 1912 या 19120 पर संपर्क करें।
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