क्या इस राज्य में किसानो का कर्ज होगा माफ़, जाने मुख्यमंत्री ने क्या कहा विधानसभा में

महाराष्ट्र का मॉनसून सत्र 2025, जो तीन हफ्ते तक चला, 18 जुलाई को समाप्त हुआ। इस सत्र में 16 विधेयक पारित किए गए, लेकिन सबसे बड़ी खबर किसानों के लिए आई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सत्र के समापन पर पत्रकारों से बात करते हुए किसानों की लोन माफी के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और कृषि संकट को दूर करने के लिए दीर्घकालिक समाधान की बात कही। साथ ही, उन्होंने बताया कि राज्य में 93% मॉनसून बारिश हुई है, जिससे खरीफ की फसल अच्छी होगी। ये खबरें किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आई हैं। आइए, जानते हैं कि इस सत्र में किसानों के लिए क्या-क्या हुआ और ये उनके लिए क्यों महत्वपूर्ण है।

किसानों के लिए लोन माफी की प्रतिबद्धता

मुख्यमंत्री फडणवीस (Fadnavis on Farmer Loan Solution) ने सत्र में साफ कहा कि उनकी सरकार किसानों की लोन माफी के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। कर्ज का बोझ किसानों के लिए बड़ी समस्या रहा है, और लोन माफी इस बोझ को कम करने का एक तुरंत उपाय है। फडणवीस ने बताया कि सरकार ने कई बार पहले भी लोन माफी की योजनाएँ लागू की हैं, और इस बार भी इसे जल्द लागू करने की तैयारी है। यह कदम उन किसानों के लिए बड़ी राहत है, जो कर्ज के जाल में फँसे हैं और अपनी फसल का सही दाम नहीं पा रहे।

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लोन माफी से किसानों को तुरंत आर्थिक मदद मिलेगी, जिससे वे नई फसल के लिए बीज, खाद, और अन्य जरूरी चीजें खरीद सकेंगे। इससे उनकी खेती फिर से पटरी पर आएगी, और परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरेगी। फडणवीस ने कहा कि लोन माफी का लाभ छोटे और मझोले किसानों को प्राथमिकता से दिया जाएगा, जो सबसे ज्यादा कर्ज के दबाव में हैं।

दीर्घकालिक समाधान के लिए समिति

लोन माफी एक तात्कालिक उपाय है, लेकिन मुख्यमंत्री ने इस सत्र में एक बड़ा कदम उठाया। उन्होंने कृषि संकट को जड़ से खत्म करने और किसानों को कर्ज के जाल से हमेशा के लिए मुक्ति दिलाने के लिए एक विशेष समिति बनाने की घोषणा की। यह समिति किसानों की आय बढ़ाने, खेती को और फायदेमंद बनाने, और कर्ज की जरूरत को कम करने के लिए ठोस सुझाव देगी।

यह समिति कई अहम बिंदुओं पर काम करेगी, जैसे:

  • बाजार में बेहतर दाम: फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और मंडियों में बेहतर व्यवस्था।

  • आधुनिक तकनीक: ड्रिप इरिगेशन, जैविक खेती, और बेहतर बीजों का उपयोग।

  • सिंचाई सुविधाएँ: जलाशयों और नहरों का बेहतर प्रबंधन।

ये दीर्घकालिक कदम किसानों को आत्मनिर्भर बनाएँगे और कर्ज पर निर्भरता कम करेंगे। फडणवीस ने कहा कि यह समिति जल्द अपनी रिपोर्ट देगी, जिसके आधार पर सरकार बड़े कदम उठाएगी।

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93% मॉनसून बारिश, खरीफ फसल की उम्मीद

इस सत्र में फडणवीस ने एक और अच्छी खबर दी कि महाराष्ट्र में मॉनसून सीजन में अब तक 93% बारिश हो चुकी है। जलाशयों में पर्याप्त पानी है, जो खरीफ फसलों जैसे धान, मक्का, और बाजरा के लिए वरदान है। अच्छी बारिश से किसानों को सिंचाई की चिंता कम होगी, और फसल की पैदावार बढ़ेगी। इससे न सिर्फ उनकी आय बढ़ेगी, बल्कि बाजार में अनाज की कीमतें भी स्थिर रहेंगी।

यह खबर उन किसानों के लिए बड़ी राहत है, जो बारिश पर निर्भर हैं। फडणवीस ने कहा कि सरकार जलाशयों के पानी का सही प्रबंधन करेगी, ताकि सूखे की स्थिति में भी किसानों को पानी मिले। साथ ही, कृषि विकास योजना के तहत ड्रिप इरिगेशन और अन्य योजनाओं के लिए सब्सिडी दी जाएगी।

अन्य महत्वपूर्ण विधेयक

सत्र में 16 विधेयक पारित किए गए, जो न सिर्फ किसानों बल्कि पूरे राज्य के लिए फायदेमंद हैं। कुछ प्रमुख विधेयक हैं:

  • विशेष जन सुरक्षा विधेयक: वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए।

  • अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग: इसे वैधानिक दर्जा दिया गया।

  • नासिक कुंभ मेला प्राधिकरण: मेले के आयोजन को बेहतर बनाने के लिए।

  • गढ़चिरौली खनन प्राधिकरण: स्थानीय रोजगार बढ़ाने के लिए।

  • मकोका में मादक पदार्थ: नशे के कारोबार पर सख्ती।

इनके अलावा, 57,000 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांगें भी पारित की गईं, जो सड़क, स्कूल, अस्पताल, और सिंचाई जैसी परियोजनाओं के लिए इस्तेमाल होंगी। ये मांगें किसानों के लिए बुनियादी ढाँचे को बेहतर बनाएँगी।

मॉनसून सत्र 2025 ने किसानों के लिए कई बड़ी राहतें दीं। लोन माफी से तुरंत आर्थिक मदद मिलेगी, जबकि दीर्घकालिक समिति किसानों को कर्ज के जाल से हमेशा के लिए मुक्ति दिलाएगी। 93% बारिश और जलाशयों में पर्याप्त पानी से खरीफ फसल अच्छी होगी। अनुपूरक मांगों से सड़क, सिंचाई, और अन्य सुविधाएँ बढ़ेंगी, जो किसानों और आम लोगों के लिए फायदेमंद हैं।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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