ग्रामीण विकास मंत्रालय की दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) ने महिलाओं को कृषि क्षेत्र में सशक्त बनाने के लिए एक क्रांतिकारी पहल शुरू की है – महिला किसान सशक्तीकरण परियोजना। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को खेती, गैर-काष्ठ वन उत्पाद (NTFP), मूल्य श्रृंखला विकास, जैविक खेती और पशुपालन के माध्यम से आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। योजना की टैगलाइन “खरी बात” महिलाओं की सशक्त आवाज को दर्शाती है, जहाँ ग्रामीण महिलाएँ अब सिर्फ खेतों की मजदूर नहीं, बल्कि उद्यमी और निर्णयकर्ता बन रही हैं। DAY-NRLM के अंतर्गत यह परियोजना लाखों महिला किसानों को स्वावलंबी बनाने का माध्यम बन रही है। आइए, सरल और सम्मानजनक भाषा में जानें कि यह योजना क्या है, कैसे कार्य करती है और महिलाओं के जीवन में कैसे बदलाव ला रही है।
योजना का परिचय: महिलाओं को कृषि में सशक्तिकरण
DAY-NRLM भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जो ग्रामीण गरीब परिवारों, विशेष रूप से महिलाओं को आजीविका के अवसर प्रदान करती है। इसके अंतर्गत महिला किसान सशक्तीकरण परियोजना महिलाओं को कृषि क्षेत्र में सशक्त करने के लिए डिज़ाइन की गई है। योजना का मुख्य फोकस खेती, गैर-काष्ठ वन उत्पाद (जैसे महुआ, आँवला, शहद), मूल्य श्रृंखला विकास (उत्पादन से बाजार तक), जैविक खेती और पशुपालन पर है। योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूह (SHGs) को प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता, तकनीकी मार्गदर्शन और बाजार संपर्क प्रदान किया जाता है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार, यह परियोजना महिलाओं को कृषि उद्यमिता की मुख्यधारा में ला रही है, जिससे उनकी आय में 50-100% वृद्धि हो रही है। योजना की ब्रांडिंग “खरी बात” महिलाओं की ईमानदार मेहनत और सशक्त आवाज को प्रतीक बनाती है।
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योजना की प्रमुख विशेषताएँ
महिला किसान सशक्तीकरण परियोजना (Mahila Kisan Sashaktikaran Yojana) महिलाओं को कृषि क्षेत्र में सशक्त करने के लिए बहुआयामी सहायता प्रदान करती है।
- खेती और जैविक उत्पादन: महिलाओं को जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें कीटनाशक मुक्त सब्जियाँ, फल और अनाज उगाने पर जोर है। SHGs को जैविक प्रमाणन और बाजार लिंकेज मिलता है।
- गैर-काष्ठ वन उत्पाद (NTFP): जंगलों से प्राप्त महुआ, आँवला, शहद, बांस आदि को संग्रहित, प्रोसेसिंग और विपणन के लिए सहायता। महिलाएँ NTFP से मूल्यवर्धित उत्पाद जैसे अचार, जूस, शहद पैकेजिंग बनाती हैं।
- मूल्य श्रृंखला विकास: उत्पादन से लेकर बाजार तक की पूरी चेन में सहायता – कोल्ड स्टोरेज, पैकेजिंग, ब्रांडिंग और ऑनलाइन बिक्री।
- पशुपालन का एकीकरण: दूध उत्पादन, मुर्गी पालन, बकरी पालन को जोड़ा गया है, जिससे महिलाओं की आय में विविधता आती है। योजना के तहत SHGs को ₹5-10 लाख तक का लोन, सब्सिडी और प्रशिक्षण मिलता है। अब तक लाखों महिलाएँ इससे जुड़ चुकी हैं।
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योजना कैसे कार्य करती है
DAY-NRLM के तहत राज्य स्तर पर SRLM (State Rural Livelihood Mission) योजना का कार्यान्वयन करती है।
- SHG गठन: गाँव में 10-15 महिलाओं का समूह बनाया जाता है।
- प्रशिक्षण: कृषि विशेषज्ञों द्वारा जैविक खेती, NTFP संग्रहण, पशुपालन और मूल्य श्रृंखला पर ट्रेनिंग।
- वित्तीय सहायता: बैंक लिंकेज, सब्सिडी और रिवॉल्विंग फंड।
- बाजार संपर्क: e-NAM, स्थानीय मंडी, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और FPOs से जुड़ाव।
- मॉनिटरिंग: डिजिटल ऐप्स से प्रगति ट्रैकिंग। उदाहरण के लिए, मध्य प्रदेश में महिलाएँ आँवला जूस बना रही हैं, जबकि ओडिशा में शहद उत्पादन। योजना ने महिलाओं को उद्यमी बनाया है।
महिलाओं को मिलने वाले लाभ
यह परियोजना महिलाओं के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है।
- आर्थिक सशक्तिकरण: आय में 2-3 गुना वृद्धि, कर्ज मुक्ति।
- सामाजिक सम्मान: घर और समाज में निर्णय लेने की क्षमता।
- स्वास्थ्य और पर्यावरण: जैविक खेती से स्वस्थ भोजन और पर्यावरण संरक्षण।
- पशुपालन से अतिरिक्त आय: दूध, अंडे से नियमित कमाई। महिलाएँ अब FPOs का नेतृत्व कर रही हैं, और उनकी सफलता की कहानियाँ प्रेरणादायक हैं।
योजना की सफलता और भविष्य
DAY-NRLM ने अब तक 10 करोड़ से अधिक महिलाओं को SHGs से जोड़ा है, जिसमें महिला किसान परियोजना प्रमुख है। योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है। भविष्य में डिजिटल मार्केटिंग और एक्सपोर्ट पर फोकस होगा।
यह योजना महिलाओं की सशक्त आवाज है। DAY-NRLM के तहत महिला किसान सशक्तीकरण परियोजना खेती, NTFP, मूल्य श्रृंखला, जैविक खेती और पशुपालन से महिलाओं को स्वावलंबी बना रही है। महिला किसान भाइयों, SHGs से जुड़ें और अपनी मेहनत का फल पाएँ। यह योजना ग्रामीण भारत की नारी शक्ति का प्रतीक है!
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