मंडी में लुढ़का मक्का का भाव, MSP से नीचे खरीदी, किसानों की चिंता बढ़ी

Maize Mandi Rate: मक्का खेती करने वाले किसानों के लिए यह समय चुनौती भरा है। पिछले कई हफ्तों से देश की मंडियों में मक्के के दामों में भारी गिरावट देखी जा रही है। केंद्र सरकार ने खरीफ 2024-25 के लिए मक्के का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2400 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, लेकिन ज्यादातर मंडियों में भाव इससे काफी कम हैं। मध्य प्रदेश की सीहोर मंडी में 7 जुलाई 2025 को मक्के का न्यूनतम भाव 1751 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज हुआ, जो MSP से 650 रुपये कम है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की दिसंबर 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, देश की 16 मंडियों में मक्के का औसत भाव 2232 रुपये प्रति क्विंटल रहा, जो MSP से नीचे है। यह स्थिति किसानों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा रही है।

मध्य प्रदेश की मंडियों में मक्के का भाव

मध्य प्रदेश, जो मक्का उत्पादन में देश का दूसरा बड़ा राज्य है, वहां मंडी भाव किसानों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर रहे। नीचे दी गई तालिका में मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों के 7 जुलाई 2025 के भाव दिए गए हैं:

मंडी का नाम

न्यूनतम कीमत (रु./क्विंटल)

अधिकतम कीमत (रु./क्विंटल)

मॉडल प्राइस (रु./क्विंटल)

सिवनी

190019001915

सीहोर

175119011901

हरदा

200021772140

टिमरनी

205920852085

सेंधवा

200520052005

इंदौर

196619661966

अलीराजपुर

200020002000

सीहोर में सबसे कम 1751 रुपये और हरदा में सबसे ज्यादा 2177 रुपये प्रति क्विंटल भाव दर्ज हुआ। ज्यादातर मंडियों में भाव MSP से कम हैं, जिससे किसानों की कमाई पर असर पड़ रहा है।

अन्य राज्यों में मक्के का मंडी भाव

मक्के के दामों की गिरावट पूरे देश में देखी जा रही है। नीचे दी गई तालिका में अन्य राज्यों की प्रमुख मंडियों के भाव दिए गए हैं:

मंडी का नाम

न्यूनतम कीमत (रु./क्विंटल)

अधिकतम कीमत (रु./क्विंटल)

मॉडल प्राइस (रु./क्विंटल)

धर्मपुरी (तमिलनाडु)

180020002000

अलीराजपुर (मध्य प्रदेश)

200020002000

बबराला (उत्तर प्रदेश)

197020001990

मोडासा (गुजरात)

212522402240

रय्या (पंजाब)

145021202120

पलाकोडे (तमिलनाडु)

180020002000

पंजाब की रय्या मंडी में सबसे कम 1450 रुपये और गुजरात की मोडासा मंडी में सबसे ज्यादा 2240 रुपये प्रति क्विंटल भाव रहा। ये आंकड़े बताते हैं कि देशभर में मक्का MSP से नीचे बिक रहा है।

इथेनॉल और पोल्ट्री मांग बढ़ी, फिर भी नुकसान

इथेनॉल और पोल्ट्री फीड के लिए मक्के की मांग बढ़ी है, लेकिन कीमतें बढ़ने की जगह गिर रही हैं। सरकार इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा दे रही है, क्योंकि मक्के की खेती कम पानी में होती है और उत्पादन अच्छा है। देश के कुल इथेनॉल का 51 फीसदी मक्के से बनता है। पोल्ट्री उद्योग भी मक्के का बड़ा खरीदार है, लेकिन बिचौलियों की मौजूदगी से किसानों को सही दाम नहीं मिल पा रहे। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की दिसंबर 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, मक्के का औसत भाव 2232 रुपये प्रति क्विंटल रहा, जो MSP से कम है।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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