अब खेत की मेड़ों से भी होगी कमाई! सरकार की इस योजना का तुरंत उठाएं लाभ

रेशम की खेती अब किसान भाइयों के लिए कमाई का नया रास्ता बन रही है। इसी को बढ़ावा देने के लिए रेशम विभाग ने सिल्क समग्र-2 योजना शुरू की है। इसमें आपको शहतूत के पौधे, ट्रेनिंग, और कई तरह की सब्सिडी मिलेगी। आप ऑनलाइन आवेदन करके इस योजना का हिस्सा बन सकते हैं। रेशम विभाग का मकसद है कि आप रेशम बनाकर अपनी जेब भरें और खुशहाली लाएँ। अगर आपके पास आधा एकड़ खेत है, तो आप शहतूत के पौधे लगाकर इस योजना का फायदा उठा सकते हैं।

छह तरह की सब्सिडी आपके लिए

इस योजना में आपको छह तरह की मदद मिलेगी। पहले साल में शहतूत के पौधे लगाने, पानी की व्यवस्था, और ट्रेनिंग के लिए पैसा मिलेगा। दूसरे साल में रेशम के कीड़े पालने का घर बनाने, उपकरण लेने, और रेशम को साफ करने के लिए सब्सिडी दी जाएगी। गाँव में कई भाई इस तरह की मदद से अपनी खेती को आगे बढ़ा रहे हैं। शहतूत के पौधे लगाने के बाद अगर वो हरे-भरे रहते हैं, तो आपको 5,175 रुपये दो हिस्सों में मिलेंगे। कीट पालन का घर बनाने के लिए 55,500 रुपये दो किस्तों में और 27,000 रुपये अलग से मिलेंगे। साथ में पानी का इंतज़ाम और कीट पालन के औज़ार भी दिए जाएँगे।

बढ़िया ट्रेनिंग से बड़ा मुनाफा

आपको रेशम पालने की ऐसी ट्रेनिंग मिलेगी, जो बड़े-बड़े शहरों जैसे मैसूर या पश्चिम बंगाल में होती है। ये ट्रेनिंग इतनी पक्की होगी कि आप नई तकनीक से रेशम बनाकर मुनाफा कमा सकेंगे। गाँव में कई किसान भाई इस ट्रेनिंग के बाद अपनी फसल को दोगुना कर रहे हैं। ये मौका है कि आप भी सीखें और कमाई का नया रास्ता बनाएँ।

शहतूत कैसे लगाएँ?

आधे एकड़ में आप 600 शहतूत के पौधे लगा सकते हैं। पौधे से पौधे की दूरी 6×6 फीट रखें। अगर आपके पास ज़्यादा ज़मीन है, तो खेत की मेड़ों पर भी पौधे लगा सकते हैं। दो एकड़ तक शहतूत लगाने की छूट है, लेकिन कम से कम 600 पौधे तो होने ही चाहिए। अगर आपके पास छह एकड़ ज़मीन है, तो शहतूत के बीच में मौसमी सब्जियाँ जैसे भिंडी या मूली उगा सकते हैं। इससे रेशम के साथ-साथ सब्जियों से भी जेब भर जाएगी।

आवेदन कैसे करें?

इस योजना का फायदा लेने के लिए आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक, और खेती के कागज़ात साथ रखें। रेशम विभाग की वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरें। अगर ऑनलाइन में दिक्कत हो, तो अपने नज़दीकी रेशम विभाग के दफ्तर में जाकर पूछ सकते हैं। वहाँ लोग आपकी मदद करेंगे। आवेदन के बाद अधिकारी आपके खेत देखेंगे और सब्सिडी सीधे खाते में डाल देंगे।

रेशम से जेब भरेगी

शहतूत से रेशम बनाना कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस योजना से आप इसे बड़े स्तर पर कर सकते हैं। सरकार का साथ है, ट्रेनिंग है, और सब्सिडी है बस आपकी मेहनत चाहिए। आधे एकड़ से शुरू करके आप साल में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। तो देर न करें, इस योजना में शामिल हों और अपनी खेती को नया रंग दें।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और मैंने संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं Krishitak.com का संस्थापक और प्रमुख लेखक हूं। पिछले 3 वर्षों से मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाएं, और ग्रामीण भारत से जुड़े विषयों पर लेखन कर रहा हूं।

    Krishitak.com के माध्यम से मेरा उद्देश्य है कि देशभर के किसानों तक सटीक, व्यावहारिक और नई कृषि जानकारी आसान भाषा में पहुँचे। मेरी कोशिश रहती है कि हर लेख पाठकों के लिए ज्ञानवर्धक और उपयोगी साबित हो, जिससे वे खेती में आधुनिकता और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकें।

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