Malabar Neem ki kheti: खेती-किसानी में नई तकनीकों और वैज्ञानिक पद्धतियों के उपयोग से किसान अधिक लाभ कमा रहे हैं। ऐसे ही एक सफल किसान रविकांत पांडे ने मालाबार नीम की खेती कर महज 6 साल में 20 लाख रुपए से अधिक की कमाई कर ली। अगर आप भी खेती से मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो मालाबार नीम एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। आइए जानते हैं कि इस खेती से इतनी अधिक आमदनी कैसे संभव है।
मालाबार नीम क्या है?
मालाबार नीम (Melia Dubia) एक तेजी से बढ़ने वाला इमारती लकड़ी का पेड़ है, जिसे मुख्य रूप से फर्नीचर, प्लाईवुड, कागज उद्योग और दवा निर्माण में उपयोग किया जाता है। इसकी लकड़ी मजबूत और हल्की होती है, जिससे इसकी बाजार में भारी मांग बनी रहती है।
मालाबार नीम की खेती क्यों लाभदायक है?
यह पौधा तेजी से बढ़ता है और केवल 6 साल में पूरी तरह तैयार हो जाता है। इसकी खेती में लागत कम आती है और मुनाफा अधिक होता है। यह किसी भी प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है और इसकी देखभाल भी आसान होती है। बाजार में इसकी लकड़ी की भारी मांग है, जिससे किसानों को अच्छा लाभ मिल सकता है।
मालाबार नीम की खेती का तरीका
भूमि चयन और तैयारी
मालाबार नीम की खेती के लिए बलुई-दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। भूमि को अच्छी तरह जोतकर गड्ढों की खुदाई करनी होती है।
पौधरोपण की विधि
एक एकड़ भूमि पर लगभग 350 पौधे 10 फीट की दूरी पर लगाए जा सकते हैं। प्रति पौधा लगभग 30 रुपए की लागत आती है। कुल मिलाकर एक एकड़ में 10,500 रुपए की लागत से पौधरोपण किया जा सकता है।
पानी और खाद-रोग प्रबंधन
इसे अधिक पानी की जरूरत नहीं होती, लेकिन गर्मियों में सिंचाई आवश्यक होती है। जैविक और रासायनिक उर्वरकों का सही मात्रा में प्रयोग फायदेमंद होता है। मालाबार नीम पर विशेष कीटों का प्रभाव नहीं पड़ता लेकिन समय-समय पर जैविक कीटनाशकों का छिड़काव फायदेमंद रहता है।
350 पौधों से 21 लाख रुपए की कमाई कैसे संभव?
किसान रविकांत पांडे के अनुसार एक पेड़ से लगभग 10 क्विंटल लकड़ी प्राप्त होती है। मालाबार नीम की लकड़ी की बाजार में कीमत 600 रुपए प्रति क्विंटल है। एक पेड़ से 6,000 रुपए की कमाई हो सकती है। 350 पेड़ों से 21 लाख रुपए तक की आमदनी हो सकती है। इसकी लकड़ी प्लाईवुड, फर्नीचर, कागज उद्योग और निर्माण कार्यों में प्रयोग होती है। बड़े औद्योगिक शहरों में इसकी कीमत और मांग तेजी से बढ़ रही है।
भारत में मालाबार नीम की खेती को बढ़ावा
सरकार भी किसानों को इस खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। कई राज्यों में कृषि विभाग इसकी खेती के लिए सब्सिडी और तकनीकी मदद भी प्रदान कर रहा है। बिहार जैसे राज्यों में सफेदा और पोपुलर की खेती किसान भाई करते हैं पर उन्हें मुनाफा कम हो पाता है ऐसे में वे मालाबार निम की खेती कर सकते हैं |
क्या यह खेती अन्य पारंपरिक फसलों से अधिक फायदेमंद है?
हाँ, कम रखरखाव, कम लागत और अधिक मुनाफा इसे अन्य फसलों की तुलना में अधिक फायदेमंद बनाता है।
अगर आप भी खेती से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो मालाबार नीम की खेती एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। कम लागत, अधिक लाभ और तेजी से बढ़ने वाली इस फसल को अपनाकर किसान अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकते हैं। रविकांत पांडे जैसे किसानों की सफलता से यह साफ है कि अगर सही जानकारी और मेहनत हो तो खेती से लाखों की कमाई संभव है!Malabar neem ki kheti
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