राजस्थान सरकार ने ग्रामीण किसानों और पशुपालकों के लिए एक बड़ी राहत देते हुए “मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना” शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य पशुपालकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना और पशुपालन को प्रोत्साहित करना है। इसके तहत 21 लाख पशुओं का बीमा कराया जाएगा, जिससे किसानों को उनकी आजीविका में स्थिरता और सुरक्षा मिलेगी।
Mangla Pashu Bima Yojna योजना का परिचय
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत 21 लाख पशुओं का बीमा कराया जाएगा। इसमें गाय, भैंस, बकरी, भेड़ और ऊंट जैसे पशुओं को शामिल किया गया है। हर पशु का बीमा राशि 5 लाख रुपये तक होगी। इस योजना का लाभ उन किसानों को मिलेगा, जो पशुपालन और दुग्ध व्यवसाय से अपनी आजीविका चलाते हैं।
इस योजना के अंतर्गत किसान अधिकतम 2 दुधारू पशु (गाय या भैंस), 10 बकरियां, 10 भेड़ें, या 1 ऊंट का बीमा करा सकते हैं।
राजस्थान सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों को वित्तीय जोखिमों से बचाना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है। पशुपालन से जुड़े किसानों को किसी भी प्रकार की दुर्घटना या पशु की मौत की स्थिति में आर्थिक सहायता मिलेगी।
Mangla Pashu Bima Yojna का आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को MMPBY ऐप, वेब पोर्टल (mmpby.rajasthan.gov.in) या ई-मित्र केंद्रों पर आवेदन करना होगा। योजना की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 तक निर्धारित की गई है।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज हैं:
- जन आधार कार्ड
- आवेदक और पशु का फोटो
- जाति प्रमाण पत्र
- आधार से लिंक मोबाइल नंबर
- गोपाल क्रेडिट कार्ड या लखपति दीदी कार्ड (यदि हो)
- पशुओं के टैग नंबर
योजना की मुख्य बातें
राजस्थान सरकार ने इस योजना के तहत 400 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। बीमा प्रक्रिया पूरी तरह से मुफ्त है। एक बार बीमा हो जाने के बाद, पशु की बिक्री या उपहार देने पर पॉलिसी समाप्त हो जाएगी।
राजस्थान में पशुपालन का महत्व
राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में पशुपालन आजीविका का एक मुख्य साधन है। गाय, भैंस, ऊंट और बकरियां किसानों को दूध, ऊन और खाद जैसे उत्पादों से आय देती हैं। इसके साथ ही सरकार द्वारा गोबर और जैविक खाद खरीदने से किसानों की आय में और इजाफा हुआ है।
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