Mango Farming Tips: सहारनपुर का आम अपनी मिठास के लिए देश-विदेश में मशहूर है, लेकिन इन दिनों बागवानों के सामने एक बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। पेड़ पर लगे आम फट रहे हैं, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा है। इस परेशानी से निपटने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र, सहारनपुर के प्रभारी प्रोफेसर डॉ. आई.के. कुशवाहा ने कुछ आसान और कारगर उपाय बताए हैं। ये उपाय गाँव के छोटे-बड़े हर बागवान के लिए फायदेमंद हैं और उनकी फसल को बचा सकते हैं।
आम फटने की वजह क्या है
किसानों की सबसे बड़ी परेशानी है कि पेड़ पर लगे आम अचानक फटने लगते हैं। ऐसा होने के कई कारण हो सकते हैं। कभी मौसम में अचानक बदलाव, जैसे बारिश या गर्मी का ज़्यादा होना, फल फटने का कारण बनता है। कई बार पेड़ों को ज़रूरत से ज़्यादा या कम पानी मिलने से भी ये दिक्कत आती है। कीटों और बीमारियों का हमला भी फलों को नुकसान पहुँचाता है। लेकिन सबसे बड़ा कारण है पेड़ों में पोषक तत्वों की कमी। खासकर कैल्शियम, बोरान और जिंक की कमी से आम का छिलका कमज़ोर हो जाता है। जब फल बड़ा होता है, तो अंदर का दबाव छिलके को फाड़ देता है, और आम फट जाता है।
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पेड़ों को दें पोषक तत्वों की ताकत
सहारनपुर के कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी प्रोफेसर डॉ. आई.के. कुशवाहा ने बताया कि अच्छे फल के लिए पेड़ों में पोषक तत्वों का होना बहुत ज़रूरी है। अगर आपके आम के बाग में 10 साल से पुराने पेड़ हैं, तो एक आसान तरीका अपनाएँ। 250 ग्राम बोरान, 250 ग्राम नीला थोथा, 250 ग्राम जिंक सल्फेट और 500 ग्राम चूना लें। इन सबको सड़ी हुई गोबर की खाद में मिलाएँ। अब पेड़ के तने से डेढ़ से दो मीटर दूर एक गड्ढा खोदें और इस मिश्रण को उसमें डाल दें। ये तरीका पेड़ों को ताकत देता है और फल फटने की समस्या को काफी हद तक रोकता है। गाँव के बागवान इस देसी नुस्खे को अपनाकर अपनी फसल बचा सकते हैं।
बोरान का छिड़काव है कारगर
अगर आपके बाग में आम फटने की समस्या ज़्यादा है, तो छिड़काव का तरीका सबसे आसान और असरदार है। जब आम का फल छोटा हो और बढ़ना शुरू करे, तब 2 ग्राम बोरान को एक लीटर पानी में मिलाकर पेड़ों पर छिड़काव करें। हर 10 दिन में ऐसा करें और कुल तीन से चार छिड़काव करें। ये तरीका फल के छिलके को मज़बूत करता है, जिससे अंदर का दबाव छिलके को फाड़ नहीं पाता। प्रोफेसर कुशवाहा बताते हैं कि जिन बागों में बोरान, जिंक और कैल्शियम की कमी होती है, वहाँ फल फटने की दिक्कत ज़्यादा दिखती है। अगर लगातार दो साल तक इस छिड़काव को किया जाए, तो फसल की क्वालिटी बेहतर हो जाती है और फल फटने की समस्या लगभग खत्म हो जाती है।
बागवानों के लिए खास सलाह
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि फल फटने से बचाने के लिए पेड़ों की देखभाल में छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। पानी देने का सही समय और मात्रा रखें, ताकि पेड़ों को न ज़्यादा पानी मिले और न ही कम। कीटों और बीमारियों से बचाव के लिए समय-समय पर पेड़ों की जाँच करें। बोरान और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व न सिर्फ़ फल को फटने से बचाते हैं, बल्कि आम की मिठास और चमक को भी बढ़ाते हैं। इन आसान तरीके को अपनाकर अपनी फसल को बचा सकते हैं और बाज़ार में अच्छा दाम पा सकते हैं।
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