May Mein Kaun si sabji Lagayen: किसान भाइयों, अगर आप रबी फसलों की कटाई के बाद खेत को खाली नहीं छोड़ना चाहते और कम समय में अच्छी कमाई करना चाहते हैं, तो मई का महीना सब्ज़ी की खेती के लिए सबसे सही है। इस मौसम में लौकी, करेला, भिंडी, टमाटर, बैंगन, कद्दू, मिर्च और गोभी जैसी सब्ज़ियाँ उगाकर आप बिना नुकसान के मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। इन सब्ज़ियों की माँग बाजार में सालभर रहती है, और इन्हें तैयार होने में ज्यादा समय नहीं लगता।
किसान धान, गेहूं, गन्ने के साथ-साथ सब्ज़ी की खेती बड़े स्तर पर करते हैं। कई बार मौसम की मार से नुकसान होता है, लेकिन सही समय पर सही सब्ज़ियों की खेती से आप इस जोखिम को कम कर सकते हैं। माधोपुर के कृषि वैज्ञानिकों ने मई के लिए कुछ खास सब्ज़ियों और उनकी उन्नत किस्मों की सलाह दी है। आइए, जानें कि मई में सब्ज़ी की खेती कैसे करें और मुनाफा कैसे बढ़ाएँ।
मई में सब्ज़ी की खेती क्यों फायदेमंद
मई का महीना रबी और खरीफ फसलों के बीच का समय है, जब खेत खाली रहते हैं। इस दौरान सब्ज़ी की खेती करके आप खेत का सही इस्तेमाल कर सकते हैं। भिंडी, बैंगन, टमाटर, लौकी जैसी सब्ज़ियाँ गर्मी के मौसम में अच्छे से बढ़ती हैं और 45-60 दिन में तैयार हो जाती हैं। इनकी माँग स्थानीय मंडियों से लेकर बड़े शहरों तक रहती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि मई में इन सब्ज़ियों की खेती से नुकसान की संभावना बहुत कम है, क्योंकि मौसम इनके लिए अनुकूल होता है। सही किस्मों और देखभाल के साथ आपकी फसल बाजार में अच्छा दाम लाएगी।
भिंडी की उन्नत किस्में और खेती
भिंडी की खेती मई में सबसे ज्यादा फायदेमंद है, क्योंकि ये गर्मी में तेजी से बढ़ती है। पूसा सावनी, पंजाब पद्मनी, आर्का भय, और आर्का अनामिका जैसी उन्नत किस्में चुनें। ये किस्में ज्यादा पैदावार देती हैं और कीटों से कम प्रभावित होती हैं। खेत को गोबर की खाद और नीम की खली से तैयार करें। बीज को बोने से पहले 6-8 घंटे गोमूत्र में भिगोएँ, इससे अंकुरण तेज होता है। पंक्तियों में 30 सेंटीमीटर की दूरी पर बीज बोएँ। हर हफ्ते हल्का पानी दें और खरपतवार हटाएँ। 45-50 दिन में भिंडी तोड़ने लायक हो जाएगी, और बाजार में 30-50 रुपये प्रति किलो तक बिकेगी।
बैंगन की शानदार किस्में
बैंगन की खेती भी मई में अच्छा मुनाफा देती है। स्वर्ण शक्ति, स्वर्ण श्री, स्वर्ण मणि, स्वर्ण श्यामली, और स्वर्ण प्रतिभा जैसी उन्नत किस्में चुनें। ये किस्में बड़े और चमकदार फल देती हैं, जो बाजार में खूब पसंद किए जाते हैं। खेत में गोबर की खाद और वर्मी कम्पोस्ट डालें। पौधों को 60 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाएँ। अगर पत्तियों पर कीट दिखें, तो नीम तेल को पानी में मिलाकर छिड़कें। फूल आने पर जीवामृत डालें, जिसमें गोमूत्र, गोबर, और गुड़ मिला हो। 50-60 दिन में बैंगन तैयार हो जाएगा, और इसका दाम 20-40 रुपये प्रति किलो तक मिल सकता है।
टमाटर की खेती और किस्में
टमाटर की खेती मई में शुरू करने से गर्मियों के अंत तक अच्छी फसल मिलती है। आर्का सम्राट और काशी विशेष जैसी उन्नत किस्में चुनें, जो गर्मी में अच्छी पैदावार देती हैं। खेत को गोबर की खाद और राख से तैयार करें। बीज को 6 घंटे भिगोकर नर्सरी में बोएँ, फिर 25-30 दिन बाद पौधों को खेत में लगाएँ। पौधों को बाँस के सहारे बाँधें, ताकि वो गिरें नहीं। हर 10 दिन में जीवामृत डालें। अगर फफूंद दिखे, तो लहसुन और हल्दी का घोल छिड़कें। 60-70 दिन में टमाटर तैयार हो जाएगा, और बाजार में 25-50 रुपये प्रति किलो तक बिकेगा।
लौकी, करेला, कद्दू और मिर्च की खेती
लौकी, करेला, कद्दू, और मिर्च की खेती भी मई में शुरू करने से जल्दी मुनाफा देती है। इनके बीज को 10-12 घंटे गोमूत्र में भिगोएँ, फिर पंक्तियों में बोएँ। खेत में नीम की खली और गोबर की खाद डालें। लौकी और कद्दू की बेलों को लकड़ी या बाँस के सहारे चढ़ाएँ। करेला और मिर्च में कीटों से बचाव के लिए नीम का अर्क छिड़कें। इन सब्ज़ियों को 45-60 दिन में तोड़ना शुरू कर सकते हैं। बाजार में लौकी 15-30 रुपये, करेला 30-50 रुपये, कद्दू 10-25 रुपये, और मिर्च 40-60 रुपये प्रति किलो तक बिकती है। इनकी माँग हमेशा रहती है, इसलिए नुकसान का डर कम है।
खीरा और गोभी की खेती
खीरा और गोभी भी मई में उगाई जा सकती हैं। खीरे के बीज को 6-8 घंटे भिगोकर खेत में बोएँ। गोभी के लिए नर्सरी में पौध तैयार करें, फिर 25-30 दिन बाद खेत में लगाएँ। दोनों के लिए गोबर की खाद और वर्मी कम्पोस्ट इस्तेमाल करें। खीरे में फफूंद से बचाव के लिए ऐलोवेरा और हल्दी का घोल छिड़कें। गोभी में कीटों के लिए नीम तेल का छिड़काव करें। खीरा 40-50 दिन में और गोभी 60-70 दिन में तैयार हो जाती है। बाजार में खीरा 20-40 रुपये और गोभी 15-30 रुपये प्रति किलो बिकती है।
मई में खेती की सावधानियाँ
मई में सब्ज़ी की खेती करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें। खेत को अच्छे से जोतें और गोबर की खाद डालें। बीज या पौधों को सही दूरी पर लगाएँ, ताकि पौधे स्वस्थ बढ़ें। गर्मी में पानी का संतुलन बनाए रखें, लेकिन ज्यादा पानी देने से बचें। कीटों और फफूंद से बचाव के लिए नीम, गोमूत्र, और लहसुन के देसी घोल का इस्तेमाल करें। अगर मौसम बहुत गर्म हो, तो पौधों को छाया देने के लिए जाल का इस्तेमाल करें। सही समय पर फसल तोड़ें, ताकि बाजार में ताज़ा सब्ज़ियाँ बिकें और अच्छा दाम मिले।
कम समय, ज्यादा कमाई
मई में सब्ज़ी की खेती आपके खेत को खाली रहने से बचाती है और कम समय में अच्छी कमाई देती है। भिंडी, बैंगन, टमाटर, लौकी जैसी सब्ज़ियाँ जल्दी तैयार होती हैं और बाजार में इनकी माँग कभी कम नहीं होती। उन्नत किस्में जैसे पूसा सावनी, आर्का सम्राट, और स्वर्ण शक्ति चुनें, और देसी नुस्खों जैसे गोमूत्र, नीम, और जीवामृत का इस्तेमाल करें। इन उपायों से आपकी फसल न सिर्फ़ नुकसान से बचेगी, बल्कि बाजार में सबसे ज्यादा दाम भी लाएगी। अपने स्थानीय कृषि केंद्र से संपर्क करें और अपनी सब्ज़ी की खेती को मुनाफे का सौदा बनाएँ।
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