Moist Cucumber Cultivation: अगर आप कम जमीन और कम लागत में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो तर ककड़ी की खेती आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकती है। यह एक ऐसी फसल है जिसे कम समय और मेहनत में तैयार करके अच्छी कीमत पर बेचा जा सकता है। इस लेख में हम तर ककड़ी की खेती से जुड़ी हर जानकारी देंगे, ताकि आप कम समय में अधिक आमदनी कमा सकें।
कम लागत और जमीन से ज्यादा मुनाफा
भारत में अधिकांश छोटे किसान सीमित संसाधनों के साथ खेती करते हैं। ऐसे में तर ककड़ी की खेती एक शानदार विकल्प है क्योंकि यह न केवल कम लागत वाली फसल है, बल्कि जल्दी तैयार होने वाली फसल भी है। इसका उपयोग सलाद और सब्जी दोनों रूपों में होता है, जिससे इसकी बाजार में हमेशा मांग बनी रहती है।
ककड़ी की खेती का समय और तरीका
ककड़ी की खेती में समय का बहुत महत्व है। अगर किसान 10 फरवरी तक इसकी बुआई कर लें, तो फसल 35-40 दिनों में तैयार हो जाती है। इस समय पर तैयार फसल बाजार में अधिक कीमत पर बिकती है।
ककड़ी की खेती के लिए खेत को अच्छी तरह से तैयार करना जरूरी है। इसके लिए खेत में तीन फीट चौड़े और एक फीट ऊंचे बेड बनाए जाते हैं। इन बेड्स पर मल्चिंग और ड्रिप इरीगेशन का उपयोग करना फसल की बेहतर वृद्धि के लिए फायदेमंद होता है।
बीज और किस्मों का चयन
ककड़ी की खेती के लिए सही किस्म का चयन करना जरूरी है। कुछ लोकप्रिय किस्मों में पंजाब लोंगमेलन 1, अर्का शीतल, एस्पिरिट, यूरेका, निम्बू खीरा, और करनल सिलेक्शन शामिल हैं। एक एकड़ खेत में लगभग ₹400 के बीज पर्याप्त होते हैं।
खाद और उर्वरक का उपयोग
तर ककड़ी की खेती के लिए जैविक और रासायनिक खाद दोनों का उचित उपयोग जरूरी है। तीन-चार ट्रॉली गोबर खाद का उपयोग किया जा सकता है। साथ ही, मिट्टी की जरूरत के अनुसार बेसल डोज डालें। नमी वाली मिट्टी और 32-40 डिग्री सेल्सियस तापमान फसल के लिए सबसे अनुकूल होता है।
ककड़ी की फसल को सूक्ष्म कीड़ों और रोगों से बचाने के लिए मिट्टी में फॉराड और नीम खली मिलाएं। पौधों पर कीड़े लगने पर कीटनाशक पाउडर या घोल का छिड़काव करें।
निराई-गुड़ाई
फसल की अच्छी वृद्धि के लिए खेत में खरपतवार न बढ़ने दें। समय-समय पर निराई-गुड़ाई करें ताकि फसल को पूरा पोषण मिले।
तुड़ाई और बिक्री
ककड़ी की फसल 40-50 दिनों में तैयार हो जाती है। तुड़ाई के समय इस बात का ध्यान रखें कि फसल की गुणवत्ता उच्च हो। अच्छी गुणवत्ता वाली ककड़ी की बाजार में अधिक कीमत मिलती है। शोरूम और मॉल में भी इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है।
मंडी भाव और बाजार में मांग
ककड़ी की कीमत ₹30 से ₹50 प्रति किलो तक होती है। यह न केवल मंडियों में बिकती है, बल्कि शोरूम और मॉल में भी बेची जाती है। यहां इसकी मांग लगातार बढ़ रही है।
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