मूंग की आई नई किस्म, सिर्फ 60 दिन में होगी तैयार, कमाएंगे दुगुना मुनाफा!

मूंग की खेती करने वाले किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। अब मूंग की ऐसी नई किस्म तैयार की गई है, जो न सिर्फ कीट और रोगों से बचेगी, बल्कि गर्मी और खरीफ दोनों मौसम में अच्छी पैदावार देगी। इस नई किस्म का नाम है RVS-181, और इसे कृषि वैज्ञानिकों ने खास तौर पर मध्य भारत की जलवायु को ध्यान में रखकर बनाया है। ये किस्म कम पानी और कम समय में ज्यादा मुनाफा देने वाली है। आइए, जानते हैं कि ये नई मूंग की किस्म किसानों के लिए क्यों खास है और इसे कैसे उगाना है।

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कीट और रोगों से आजादी

मूंग की खेती में अक्सर किसानों को कीट और रोगों की मार झेलनी पड़ती है। मारुका कीट फलियों को चट कर जाता है, तो फ्यूजेरियम विल्ट रोग पौधों में फफूंदी लगा देता है, जिससे पत्तियों पर काले धब्बे पड़ जाते हैं। पीला मोजेक रोग भी फसल को कमजोर कर देता है। लेकिन RVS-181 किस्म इन सब मुसीबतों से निजात दिलाने वाली है। ये किस्म मारुका कीट और फ्यूजेरियम विल्ट रोग के खिलाफ मजबूत है। साथ ही, पीला मोजेक रोग का असर भी इस पर बहुत कम होता है। यानी, अब किसानों को फसल की चिंता कम करनी पड़ेगी।

बंपर पैदावार का वादा

RVS-181 किस्म की सबसे खास बात है इसकी पैदावार। औसतन ये प्रति हेक्टेयर 9 से 10 क्विंटल मूंग दे सकती है। कुछ खेतों में तो 15 क्विंटल तक की पैदावार देखी गई है। इस मूंग के दाने मध्यम आकार के हैं, हरे रंग के, और चमक इतनी कि बाजार में अच्छा दाम मिले। ये किस्म 60 से 65 दिन में तैयार हो जाती है, जो किसानों के लिए समय और मेहनत दोनों बचाती है। गर्मी और खरीफ दोनों मौसम में इसे उगाया जा सकता है, बशर्ते खेत में पानी की थोड़ी-सी व्यवस्था हो।

मध्य भारत के लिए खास

ये नई मूंग की किस्म मध्य भारत की जलवायु के लिए बनाई गई है। मध्य प्रदेश और राजस्थान के उन इलाकों में, जहां पानी की उपलब्धता है, ये किस्म कमाल कर सकती है। इसे मध्य भारत के अलग-अलग हिस्सों में आजमाया गया है, और हर जगह से अच्छे नतीजे आए हैं। खासकर गर्मी के मौसम में, जब पानी कम होता है, ये किस्म कम संसाधनों में ज्यादा मुनाफा देती है। अगर आपके पास सिंचाई की सुविधा है, तो इस मूंग की खेती आपके लिए फायदे का सौदा हो सकती है।

बीज कब मिलेगा?

कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह बताते हैं कि RVS-181 किस्म के बीज किसानों को 2026 तक मिलने शुरू हो जाएंगे। अभी इसकी टेस्टिंग और बीज तैयार करने का काम चल रहा है। पहले न्यूक्लियर सीड बनाया जाएगा, फिर उससे ब्रॉडर और प्रोडक्शन सीड तैयार होंगे। ये प्रोडक्शन सीड ही किसानों के खेतों तक पहुंचेंगे। इस किस्म को राज्य बीज समिति ने मंजूरी दे दी है, और अब इसे केंद्र सरकार के पास भेजा जा रहा है। जैसे ही नोटिफिकेशन जारी होगा, बीज का वितरण शुरू हो जाएगा।

किसानों के लिए सुनहरा मौका

मूंग की ये नई किस्म किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। कम समय में तैयार होने वाली, रोग और कीट से सुरक्षित, और अच्छी पैदावार देने वाली इस किस्म से खेती का मुनाफा बढ़ सकता है। अगर आप मूंग की खेती करते हो या करने की सोच रहे हो, तो 2026 में इस बीज का इंतजार जरूर करना। तब तक अपने खेत की मिट्टी की जांच करवा लें, ताकि बुवाई के समय कोई कमी न रहे। सही समय पर सही देखभाल के साथ ये मूंग आपके खेतों में सोना उगाएगी।

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  • Shashikant

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