दिवाली के पावन पर्व पर मध्य प्रदेश के किसान भाइयों को एक ऐसा उपहार मिला है, जो उनकी खेती को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि अब सोलर पंप लगवाने के लिए किसानों को कुल लागत का केवल 10 फीसदी ही चुकाना पड़ेगा, बाकी 90 फीसदी राशि राज्य सरकार देगी। पहले यह अनुपात 40:60 था, लेकिन अब यह बदलाव छोटे किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। खास बात यह है कि 3 हॉर्स पावर वाले बिजली कनेक्शन पर निर्भर किसान भी 5 हॉर्स पावर के सोलर पंप का लाभ ले सकेंगे। इससे खेतों में सिंचाई आसान होगी और बिजली बिल की फिक्र हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।
सोलर पंप से बनेगी ऊर्जा की स्वतंत्रता
मुख्यमंत्री ने किसान सम्मेलन में साफ कहा कि सोलर पंप योजना से किसान अपने खेतों और घरों की बिजली खुद पैदा कर सकेंगे। अब बिजली के बिलों की चिंता न रहेगी, क्योंकि सूरज की रोशनी से सब कुछ संभव हो जाएगा। यादव जी ने जोर देकर बताया कि 32 लाख सोलर पंप वितरित करने का लक्ष्य है, जिसमें से अतिरिक्त बिजली बनाकर किसान सरकार को बेच भी सकेंगे। यह कदम न केवल खेती को सस्ता बनाएगा, बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। मध्य प्रदेश जैसे राज्य में जहां धूप भरपूर मिलती है, वहां सोलर ऊर्जा किसानों की आत्मनिर्भरता का सबसे बड़ा हथियार बनेगी। छोटे जोत वाले भाई अब बिना ज्यादा खर्च के आधुनिक सिंचाई अपना सकेंगे।
किसानों को मिलेगी तत्काल मदद
दिवाली की इस सौगात के साथ मुख्यमंत्री ने अन्य घोषणाएं भी कीं, जो किसानों के दर्द को कम करेंगी। अब फसल नुकसान की खबर मिलते ही सर्वे का इंतजार किए बिना मुआवजा सीधे बैंक खातों में भेजा जाएगा। पहले महीनों लग जाते थे, लेकिन अब तुरंत राहत मिलेगी। इसके अलावा, गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2600 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, और इसे और बढ़ाने की योजना पर काम चल रहा है। सोयाबीन जैसी फसलों के नुकसान का पैसा भी किसानों के खातों में पहुंच चुका है। ये कदम दिखाते हैं कि सरकार किसानों की हर छोटी-बड़ी परेशानी को समझ रही है और व्यावहारिक समाधान दे रही है।
नदी जोड़ो योजना से बढ़ेगा सिंचाई क्षेत्र
मध्य प्रदेश सरकार का एक बड़ा लक्ष्य है सिंचाई का रकबा 100 लाख हेक्टेयर तक ले जाना। इसके लिए नदी जोड़ो अभियान को तेज किया जा रहा है, ताकि हर खेत तक पानी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिरिक्त फसलों के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स लगाई जाएंगी, जिससे किसान अपनी उपज सड़कों पर न फेंकें बल्कि अच्छे दाम पर बेच सकें। वर्तमान में सिंचाई क्षेत्र 52 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुका है, जो एक उपलब्धि है। ये प्रयास न केवल पैदावार बढ़ाएंगे, बल्कि किसानों की कमाई को स्थिर बनाएंगे। छोटे किसानों के लिए यह योजना वरदान जैसी है, क्योंकि पानी की कमी अब इतिहास बन जाएगी।
किसानों की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म
डॉ. मोहन यादव ने भावुक होकर कहा कि किसान धूप-बारिश-ओलों का सामना करके अन्न पैदा करते हैं, उनकी सेवा से बड़ा कोई पुण्य नहीं। धनतेरस पर यह घोषणा उसी समर्पण का प्रतीक है। मध्य प्रदेश के अलावा बिहार जैसे राज्यों के किसान भी ऐसी योजनाओं की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अगर आप भी सोलर पंप का लाभ लेना चाहते हैं, तो जल्दी से स्थानीय कृषि विभाग या आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन करें। यह न केवल खेती को मजबूत करेगी, बल्कि पूरे गांव को समृद्ध बनाएगी। आने वाले दिनों में और ऐसी सौगातें मिलेंगी, यही कामना है।
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