राजस्थान से लेकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश और गुजरात तक इस साल सरसों का रकबा रिकॉर्ड तोड़ रहा है। सरकारी आँकड़ों के अनुसार नवंबर में ही 70 लाख हेक्टेयर से ज्यादा पर बुवाई पूरी हो चुकी है। लेकिन हर तरफ से एक ही चिंता आ रही है कि पहली सिंचाई का सही समय आ गया है और पानी कैसे डालें। कृषि विश्वविद्यालयों और ICAR के वैज्ञानिक साफ चेतावनी दे रहे हैं कि बुवाई के 20-35 दिन के अंदर सही तरीके से पहला पानी नहीं दिया तो जड़ें कमजोर रह जाएँगी, सफेद रोली और अल्टरनेरिया जैसे रोग लग जाएँगे और तेल की मात्रा भी 2-3 प्रतिशत तक घट जाएगी।
नतीजा प्रति एकड़ 4-5 क्विंटल का सीधा नुकसान है, यानी मौजूदा 6500-7000 रुपये प्रति क्विंटल भाव पर 25-35 हजार रुपये की चपत। अभी मौका है, इन 5 जरूरी बातों को आज ही अपनाएँ, फिर मार्च में मुस्कुराते हुए फसल काटेंगे।
पहली सिंचाई का सही समय
राजस्थान, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बुवाई के 20-35 दिन बाद पानी देना चाहिए। पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात में 35 से 45 दिन बाद और पंजाब व उत्तरी हरियाणा में 35 से 40 दिन बाद। खेत में सुबह 9-10 बजे अगर पत्तियाँ हल्की मुरझाई हुई दिखें या मिट्टी में उंगली डालने पर 4-5 इंच तक सूखी लगे तो समझ लें कि पहला पानी देने का सही वक्त आ गया है।
पानी कितना और कैसे डालें
सरसों को भिगोना नहीं, सिर्फ नम करना है। इतना पानी दें कि मिट्टी चार से 6 इंच तक गीली हो जाए और उसके बाद तुरंत निकास शुरू हो जाए। ज्यादा पानी रुकने से जड़ें साँस नहीं ले पातीं, सफेद रोली और झुलसा रोग तेजी से फैलता है और फूल कम बनते हैं। सबसे अच्छा समय दोपहर 11 बजे से शाम 4 बजे तक का है। सुबह या रात में पानी देने से ठंडक बढ़ती है और रोग बढ़ जाते हैं।
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पहली सिंचाई के साथ जिप्सम और जिंक जरूर डालें
पहली सिंचाई के साथ ही 50 से 60 किलो जिप्सम प्रति एकड़ पानी के साथ बहा दें। इससे सल्फर की कमी दूर होती है और तेल की मात्रा 2-3 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। अगर बुवाई में जिंक नहीं डाला था तो 5 किलो जिंक सल्फेट 35 प्रतिशत प्रति एकड़ डाल दें। इससे फूल और फलियाँ ज्यादा बनती हैं।
पानी के बाद रोगों से बचाव का स्प्रे तुरंत करें
पानी देने के 2-3 दिन बाद मैनकोजेब 75% डब्ल्यूपी 400-500 ग्राम प्रति एकड़ या प्रोपिकोनाजोल 25% EC 200 ML प्रति एकड़ पानी में घोलकर छिड़क दें। ये सफेद रोली, अल्टरनेरिया और झुलसा रोग को पूरी तरह रोक देंगे। एक बार स्प्रे कर लिया तो 20-35 दिन तक फसल सुरक्षित रहेगी।
अगली सिंचाइयों का आसान प्लान
दूसरी सिंचाई फूल आने से ठीक पहले यानी बुवाई के 60-70 दिन बाद और तीसरी सिंचाई फलियाँ बनने के समय यानी 85-90 दिन बाद कर दें। उसके बाद आमतौर पर जरूरत नहीं पड़ती, जब तक बहुत सूखा न हो। हर बार हल्का पानी ही दें, भारी सिंचाई बिल्कुल न करें।
इस साल सरसों के दाम अच्छे चल रहे हैं और तेल मिलों की डिमांड भी जोरदार है। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रख लिया तो 20-22 क्विंटल प्रति एकड़ आराम से निकल आएगा। अभी खेत पर नजर रखें और पहली सिंचाई का सही टाइम न गँवाएँ।
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