पीली सरसों की लहरें खेतों में लहराने का वक्त आ गया है, जब बाजार में तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं। रबी सीजन में सरसों की खेती न सिर्फ कम लागत वाली है, बल्कि मुनाफे का भरोसेमंद जरिया भी। डायरेक्टोरेट ऑफ रेपसीड-मस्टार्ड रिसर्च (DRMR) की रुक्मणी (DRMR 1165-40) नाम की हाइब्रिड किस्म इस बार किसानों के लिए सबसे मजेदार विकल्प साबित हो रही है।
2020 में जारी यह किस्म राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के मैदानी इलाकों के लिए खास तौर पर तैयार की गई है। सिंचित और असिंचित दोनों खेतों में यह 9-10 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार देती है, जिसमें तेल की मात्रा 42 प्रतिशत तक रहती है। विशेषज्ञों का कहना है कि सही देखभाल से बाजार मूल्य 80-100 रुपये प्रति किलो मिलने पर एक एकड़ से 80 हजार तक की कमाई आसानी से हो सकती है।
रुक्मणी की ताकत
यह किस्म परिपक्वता में 135-140 दिन लेती है, जो सर्दी की बुआई के लिए परफेक्ट है। दाने मोटे और चमकदार होते हैं, जो तेल निकालने के समय ज्यादा रिकवरी देते हैं। DRMR के शोध बताते हैं कि यह किस्म सूखे या कम नमी वाले मौसम को भी झेल लेती है, इसलिए पानी की किल्लत वाले इलाकों में किसान भाई बेफिक्र रह सकते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने से अल्टरनेरिया या सफेद मक्खी जैसे कीटों का असर कम पड़ता है, जिससे दवाइयों का खर्च बचता है। तेल की ऊंची मात्रा से बाजार में प्रीमियम दाम मिलते हैं, क्योंकि सरसों का तेल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। छोटे किसान भी 1-2 एकड़ पर शुरू करके अच्छा फायदा कमा सकते हैं।
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बुवाई का आसान फॉर्मूला
सर्दी की सरसों के लिए नवंबर का पहला पखवाड़ा सबसे अच्छा समय है, जब तापमान 15-25 डिग्री रहता है। इससे फसल फरवरी-मार्च में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। दोमट या बलुई दोमट मिट्टी चुनें, जो अच्छी जल निकासी वाली हो। खेत को अच्छी तरह जोतकर भुरभुरा बनाएं, ताकि जड़ें आसानी से फैल सकें। बुवाई पंक्तियों में करें – कतारों के बीच 45-50 सेंटीमीटर दूरी रखें, और बीज दर 8-10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर हो। बीज को हल्के गर्म पानी में डुबोकर बोएं, ताकि शुरुआती रोग न लगें। कृषि विभाग की सलाह है कि पहली सिंचाई बुवाई के 20-25 दिन बाद करें, फिर जरूरत के मुताबिक 2-3 बार दें। ज्यादा पानी से बचें, वरना जड़ सड़न हो सकती है।
खाद का सही इस्तेमाल
सरसों की अच्छी पैदावार के लिए संतुलित खाद जरूरी है। बुवाई से पहले 10-15 टन सड़ी गोबर खाद मिलाएं, जो मिट्टी को उपजाऊ बनाएगी। डीएपी की 50 किलोग्राम प्रति एकड़ डालें, जो फॉस्फोरस देगी। यूरिया 20-25 किलोग्राम बुवाई पर और बाकी रोपाई के बाद दें। सबसे खास है सल्फर – 20-25 किलोग्राम प्रति एकड़ का इस्तेमाल तेल की मात्रा को 42 प्रतिशत तक पहुंचा देगा। ICAR की सिफारिश है कि सल्फर युक्त उर्वरक चुनें, क्योंकि सरसों तिलहन फसल है और तेल के लिए सल्फर जरूरी पोषक तत्व है। निराई-गुड़ाई समय पर करें, ताकि खरपतवार नुकसान न करें।
बीज कहां से लें?
रुक्मणी के प्रमित बीज राष्ट्रीय बीज निगम (NSC) की आधिकारिक ऑनलाइन वेबसाइट से आसानी से मिल जाएंगे। 1 किलोग्राम का पैकेट अभी 12 प्रतिशत छूट पर सिर्फ 175 रुपये में उपलब्ध है। ऑर्डर करने के लिए NSC पोर्टल पर किसान कोड डालें, एड्रेस भरें और पेमेंट करें 3-5 दिन में घर पहुंच जाएगा। स्थानीय कृषि केंद्रों या प्रमित डीलरों से भी पूछें, लेकिन NSC सबसे सस्ता और विश्वसनीय है। छूट का फायदा उठाकर बुवाई जल्दी करें, क्योंकि स्टॉक सीमित हो सकता है।
Grow DRMR 1165-40 variety of Mustard for high production and miximum oil extraction.
Order 1kg. Seed pack from NSC’s online store@ https://t.co/gZLeOHfBQh @ Rs.175/-only.
Or scan given QR code.#FarmSona @AgriGoI @ChouhanShivraj @mpbhagirathbjp @mkaurdwivedi @ONDC_Official pic.twitter.com/mJmcxbSh3j
— National Seeds Corporation Limited (@NSCLIMITED) November 15, 2025
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