उत्तर प्रदेश की सरकार ने पशुपालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और गोवंश संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नंद बाबा दुग्ध मिशन विकास योजना की शुरुआत की है। यह योजना पशुपालकों को आर्थिक लाभ प्रदान करने और उनकी समृद्धि सुनिश्चित करने का एक सशक्त माध्यम बन रही है। इस लेख में, हम इस योजना की विस्तृत जानकारी, इसके लाभ और पशुपालकों के लिए इसे अपनाने के फायदों पर चर्चा करेंगे।
नंद बाबा दुग्ध मिशन क्या है?
नंद बाबा दुग्ध मिशन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई एक विशेष योजना है, जिसका उद्देश्य पशुपालकों को आधुनिक सुविधाएं और आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत पशुपालकों को उन्नत नस्ल की गायें, चारा काटने की मशीनें और अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह योजना दूध उत्पादन क्षमता बढ़ाने और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक है।
चंदौली जिले के पशुपालकों के लिए लाभ
चंदौली जिले में इस योजना के तहत लाभार्थियों का चयन ई-लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। अभी पशुपालन विभाग द्वारा आवेदनों का सत्यापन किया जा रहा है। चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, जिला स्तरीय समिति लाभार्थियों का अंतिम चयन करेगी। इस योजना से चंदौली जिले के पशुपालकों को भी आर्थिक लाभ मिलेगा और उन्हें अपनी आय बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
इस योजना में लाभार्थियों को आर्थिक सहायता, बैंक ऋण, और उन्नत नस्ल की गायों की खरीद के लिए मदद दी जाएगी। लाभार्थियों को कुल लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, जबकि 35 प्रतिशत राशि बैंक ऋण के रूप में उपलब्ध होगी। योजना में भाग लेने के लिए लाभार्थियों के पास 0.2 एकड़ भूमि पशुबाड़ा निर्माण और 0.8 एकड़ भूमि चारा उत्पादन के लिए होना अनिवार्य है। साथ ही, तीन साल तक पशु बीमा करवाना भी जरूरी है।
इस योजना में साहिवाल, गिर, और थारपारकर जैसी उन्नत नस्ल की गायों को शामिल किया गया है। ये नस्लें उच्च गुणवत्ता वाले दूध उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं। इन गायों की मदद से पशुपालक अपनी आय बढ़ा सकते हैं और बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं।
नंदनी कृषक समृद्धि मिनी योजना
नंदनी कृषक समृद्धि मिनी योजना के तहत चंदौली जिले में चार इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। प्रत्येक इकाई में दस उन्नत नस्ल की गायें होंगी। इस योजना का उद्देश्य गोपालन व्यवसाय को बढ़ावा देना और पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाना है।
योजना के लाभ और उद्देश्य
यह योजना पशुपालकों को आर्थिक रूप से मजबूत करने और गोवंश संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। दूध उत्पादन क्षमता बढ़ने से न केवल पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय और स्थानीय बाजारों तक पहुंचने का भी अवसर मिलेगा। यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में मददगार साबित हो रही है।
योजना के लाभार्थियों का चयन ई-लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी है, जिससे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना नहीं है।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी का बयान
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. महेश चंद्र ने बताया कि जिले में नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत तीन विकास योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इन योजनाओं से पशुपालकों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ बेहतर संसाधन भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
पशुपालकों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन पत्र भरना होगा और आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे। चयनित लाभार्थियों को समय पर योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
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