किसानों की नई ‘मीठी’ क्रांति शुरू, लेकिन क्या आप जानते हैं इस योजना का असली फायदा किसे मिलेगा?

National Beekeeping and Honey Mission: भारत सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (NBHM) शुरू किया है। ये केंद्र प्रायोजित योजना 2020-21 से चली आ रही है और अब 2025-26 तक बढ़ा दी गई है। कुल बजट 500 करोड़ रुपये का है, जो राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (NBB) द्वारा लागू हो रहा है। योजना का मुख्य मकसद मधुमक्खी पालन को वैज्ञानिक तरीके से बढ़ावा देना है, ताकि गुणवत्ता वाला शहद और अन्य उत्पाद जैसे मोम, रॉयल जेली, प्रोपोलिस व बी वेनम का उत्पादन हो सके। ग्रामीण किसानों, भूमिहीन मजदूरों और महिलाओं के लिए ये योजना रोजगार का नया द्वार खोल रही है।

योजना का आधार, परागण से कमाई तक का चक्र

मधुमक्खी पालन कृषि का अभिन्न हिस्सा है। ये छोटे जीव फसलों के परागण में मदद करते हैं, जिससे धान, गेहूं, सरसों और बागवानी फसलों की पैदावार 20 से 30 फीसदी तक बढ़ जाती है। NBHM इसी को लक्ष्य बनाकर लाई गई है। शुरुआत में तीन साल की योजना थी, लेकिन बजट उपयोग कम होने पर अवधि बढ़ा दी गई। योजना खेतिहर और गैर-खेतिहर परिवारों को जोड़ती है। समन्वित खेती के सिद्धांत पर आधारित ये प्रणाली पारंपरिक एक फसली खेती को बहु-फसली बनाती है। इसमें पशुपालन, मछली पालन, अनाज उत्पादन और बागवानी सब शामिल होते हैं। मधुमक्खियां इस चक्र को पूरा करती हैं, क्योंकि वे फूलों से शहद तो बनाती ही हैं, साथ ही पर्यावरण संतुलन भी बनाए रखती हैं।

ये भी पढ़ें – अब मधुमक्खी पालन पर मिलेगा 50% अनुदान! सरकार ने दी योजना को मंजूरी, जानें कैसे मिलेगा लाभ

NBHM के मुख्य उद्देश्य, किसानों की आय में इजाफा

योजना का केंद्र बिंदु किसानों की आय दोगुनी करना है। NBB के माध्यम से गुणवत्ता न्यूक्लियस स्टॉक विकसित किया जा रहा है, जो मधुमक्खी बीज का मजबूत स्रोत बनेगा। इस स्टॉक को कई गुना बढ़ाकर वितरित किया जाएगा। शहद निकालने के बाद प्रसंस्करण, भंडारण, कोल्ड स्टोरेज, ब्रांडिंग और मार्केटिंग की सुविधाएं विकसित हो रही हैं। शहद उत्पादन वाले जिलों में आधुनिक गुणवत्ता नियंत्रण लैब लगाई जा रही हैं, ताकि उत्पाद शुद्धता की जांच हो सके। ब्लॉकचेन तकनीक और ट्रेसिबिलिटी सिस्टम से शहद के स्रोत की पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। ऑनलाइन पंजीकरण के लिए आईटी टूल्स का इस्तेमाल हो रहा है। सभी संभावित क्षेत्रों में शहद कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं, जो बड़े स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा देंगे।

महिलाओं का सशक्तिकरण, मधुमक्खी पालन से नई उड़ान

NBHM में महिलाओं को विशेष स्थान दिया गया है। स्व-सहायता समूहों (SHG), किसान उत्पादक संगठनों (FPO) और मधुमक्खी सहकारी समितियों के जरिए उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है। कई महिलाएं अब घर-घर में मधुमक्खी बॉक्स लगाकर स्वावलंबी बन रही हैं। ये न सिर्फ आर्थिक आजादी देता है, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय लाभ भी पहुंचाता है। योजना अद्यतन तकनीकों को अपनाने के लिए कौशल विकास पर जोर देती है, जैसे आधुनिक हाइव, बीमारी नियंत्रण और उच्च गुणवत्ता शहद उत्पादन। इससे अन्य उत्पादों का भी बाजार बढ़ेगा। घरेलू और निर्यात बाजार में शुद्ध शहद की मांग बढ़ रही है, जो मधुमक्खी पालकों को कारोबार विस्तार का मौका देगी।

ये भी पढ़ें – योगी सरकार दे रही फ्री मधुमक्खी पालन ट्रेनिंग, 16 सितंबर तक करें आवेदन

उपलब्धियां, मीठे फलों की झलक

2025 तक NBHM ने हजारों किसानों को ट्रेनिंग दी है। गुणवत्ता स्टॉक बढ़ा है और कई जिलों में प्रसंस्करण यूनिट शुरू हो चुकी हैं। निर्यात में वृद्धि हुई है, खासकर यूरोप और अमेरिका में। महिलाओं के समूहों ने सैकड़ों सहकारी बनाए हैं, जो शहद ब्रांडिंग कर रहे हैं। योजना से फसल परागण बढ़ने से कुल कृषि उत्पादन में सुधार आया है। हालांकि चुनौतियां हैं, जैसे जागरूकता की कमी और मौसमी प्रभाव, लेकिन NBB के प्रयासों से ये दूर हो रही हैं।

योजना से लाभ लेने के लिए स्थानीय कृषि कार्यालय या NBB वेबसाइट पर रजिस्टर करें। ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा लें, जहां फ्री उपकरण और बीज मिलेंगे। छोटे स्तर से शुरू करें – 5-10 बॉक्स से सालाना 50-100 किलो शहद संभव है। अनुदान 50 फीसदी तक है। 2025-26 में लक्ष्य 5 लाख नए पालक जोड़ना है। NBHM से कृषि क्षेत्र विविधीकरण होगा। आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय लाभ मिलेंगे। ग्रामीण भारत में मीठी क्रांति लाकर किसानों की आय बढ़ेगी। योजना का विस्तार जारी रहेगा, ताकि हर गांव में शहद की मिठास फैले।

ये भी पढ़ें – खेत में मधुमक्खी पालन से फसल का उत्पादन 40% बढ़ाएं, शहद से करें अतिरिक्त कमाई

Author

  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

    View all posts

Leave a Comment