Pashuon Ko Garmi Se Bachane Ke Desi Nushkhe : पशुपालन गाँव की रीढ़ है, और गर्मी का मौसम शुरू होते ही पशुओं को गर्मी से बचाना हर पशुपालक की सबसे बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है। फरवरी खत्म हो रहा है, और अब सूरज की तपिश बढ़ने वाली है। गाय, भैंस और बकरी जैसे पशुओं को अगर सही देखभाल मिले, तो वो गर्मी में भी स्वस्थ रहेंगे और दूध का उत्पादन कम नहीं होगा। हमारे पुरखों के देसी नुस्खे आज भी कारगर हैं, जो कम खर्च में गर्मी में पशु देखभाल को आसान बनाते हैं। आइए, इन नुस्खों को देसी अंदाज में समझें और अपने पशुओं को तंदुरुस्त रखें।
छाया और हवा का इंतजाम
गर्मी में पशुओं को सबसे ज्यादा राहत छाया से मिलती है। पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए बाड़े में नीम, पीपल या बरगद के पेड़ों की छाया का इंतजाम करें। अगर पेड़ न हों, तो टाट या छप्पर से छत बनाएँ। हवा का बहाव भी जरूरी है, इसलिए बाड़े को खुला रखें। गाँव में लोग कहते हैं, “पशु को ठंडक मिले, तो दूध की बरसात होगी।” छाया और हवा से पशुओं का तनाव कम होता है, और वो गर्मी में भी चैन से रहते हैं। ये सबसे आसान देसी नुस्खा है।
पानी का भरपूर प्रबंध
गर्मी में पशु देखभाल के लिए पानी से बड़ा कोई दोस्त नहीं। दिन में कम से कम 3-4 बार साफ और ठंडा पानी पिलाएँ। गाय-भैंस को रोज 60-80 लीटर पानी चाहिए, और बकरी को 5-10 लीटर। पानी में थोड़ा गुड़ या नमक मिला दें, इससे पशु ज्यादा पिएँगे और कमजोरी दूर होगी। पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए बाड़े में पानी का हौद रखें, ताकि वो जब चाहें पी सकें। गर्मी में पानी की कमी से दूध कम हो सकता है, तो इसकी पूरी तैयारी रखें।
चारे में ठंडक का तड़का
गर्मी में हरा चारा पशुओं के लिए अमृत है। पशुपालन में चारे का सही चुनाव बहुत मायने रखता है। ज्वार, बाजरा या मक्का का हरा चारा दें, जो आसानी से पच जाता है। सूखे चारे में थोड़ी गीली खली मिलाएँ। देसी नुस्खे में नीम की पत्तियाँ भी शामिल करें – इसे चारे में थोड़ा-थोड़ा मिलाने से पशुओं का पेट ठंडा रहता है और कीटाणु दूर रहते हैं। दिन में दो बार चारा दें, और दोपहर की तपती गर्मी में कम खिलाएँ। इससे पशु स्वस्थ रहेंगे।
देसी दवाएँ और नहलाना
पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए नहलाना बेस्ट है। सुबह-शाम ठंडे पानी से पशुओं को नहलाएँ, खासकर गाय और भैंस को। इससे उनकी त्वचा ठंडी रहती है और गर्मी का असर कम होता है। देसी नुस्खे में पुदीने की पत्तियाँ पीसकर पानी में मिलाएँ और उससे नहलाएँ – ये ठंडक देता है। अगर पशु कमजोर लगे, तो गुड़ और सौंफ का पानी पिलाएँ। ये पुराना तरीका पशुओं को ताकत देता है और गर्मी से लड़ने में मदद करता है।
बाड़े की साफ-सफाई
गर्मी में पशु देखभाल में बाड़े की सफाई का बड़ा रोल है। गर्मी में गोबर और गंदगी से कीड़े-मकोड़े बढ़ते हैं, जो पशुओं को बीमार कर सकते हैं। रोज बाड़ा साफ करें और नीम का धुआँ करें। इससे मक्खियाँ और कीटाणु भागते हैं। फर्श पर चूना बिछाएँ, ये ठंडक देता है और गंध भी कम करता है। साफ-सुथरा बाड़ा पशुओं को गर्मी में चैन देगा।
अपना तजुर्बा: पशुओं का साथ, कमाई का रास्ता
कई पशुपालकों से बात करके पता चला कि देसी नुस्खे गर्मी में पशुओं की जान बचाते हैं। एक भाई ने बताया कि नीम की पत्तियाँ और गुड़ का पानी देने से उसकी गाय का दूध कम नहीं हुआ। दूसरे ने कहा कि नहलाने और छाया का इंतजाम करने से पशु खुश रहे। ये छोटे-छोटे तरीके पशुपालन को आसान बनाते हैं और मुनाफा बढ़ाते हैं। गर्मी में थोड़ी मेहनत, और पशु सालभर आपका साथ देंगे।
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