Pink Okra Farming: आपने हरी भिंडी तो खूब देखी होगी, जो हर गाँव के खेतों और बाजारों में आसानी से मिल जाती है। लेकिन क्या आपने कभी गुलाबी भिंडी के बारे में सुना है? जी हाँ, यह भिंडी न सिर्फ देखने में अनोखी और आकर्षक है, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। गाँव के किसान भाई अगर इसकी खेती करें, तो न सिर्फ अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं, बल्कि बाजार में अपनी अलग पहचान भी बना सकते हैं। आइए, जानते हैं कि गुलाबी भिंडी की खेती कैसे की जाती है और यह हरी भिंडी से कैसे बेहतर है।
गुलाबी भिंडी क्यों है खास
गुलाबी भिंडी का रंग इसे बाजार में सबसे अलग बनाता है। यह न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट है, बल्कि इसमें विटामिन्स और मिनरल्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है, जो शरीर को तंदुरुस्त रखने में मदद करती है। खासकर, यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में कारगर है। हरी भिंडी की तुलना में इसका पोषण मूल्य ज्यादा होता है, यही वजह है कि लोग इसे खरीदने के लिए अच्छी कीमत देने को तैयार रहते हैं। गाँव के बाजारों से लेकर शहरों तक, इसकी डिमांड दिन-ब-दिन बढ़ रही है। किसान भाई अगर इसे उगाएँ, तो उनकी जेबें भी भर सकती हैं।
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खेती का आसान तरीका
गुलाबी भिंडी की खेती करना कोई मुश्किल काम नहीं है। यह हरी भिंडी की तरह ही उगाई जाती है, बस कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना पड़ता है। इसके लिए बलुई दोमट या दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है, जो हमारे गाँवों में आसानी से मिल जाती है। एक एकड़ खेत में इसकी बुवाई के लिए करीब डेढ़ किलो बीज काफी होता है। खेत में पानी की निकासी का अच्छा इंतजाम होना चाहिए, वरना फसल खराब हो सकती है।
खाद के लिए गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट, या मुर्गी की खाद का इस्तेमाल करें। प्रति एकड़ 15-20 टन गोबर की खाद या 5-6 टन मुर्गी की खाद डालना सही रहता है। ध्यान रहे, ज्यादा उर्वरक डालने से भिंडी का रंग फीका पड़ सकता है, इसलिए संतुलन बनाए रखें।
कितना मुनाफा कमा सकते हैं
गुलाबी भिंडी की खेती से किसान भाई लखपति बन सकते हैं। इसकी दो खास किस्में, रेड बरगंडी और एमरेल्ड ओकरा, बाजार में खूब पसंद की जाती हैं। बुवाई के लिए बीज को 5-7 सेंटीमीटर गहराई में बोएँ। करीब 25-30 दिन बाद फूल आने शुरू हो जाते हैं, और 35 दिन बाद फल बनने लगते हैं। 55 दिन के आसपास फसल तैयार हो जाती है। एक एकड़ में 50-60 क्विंटल तक उपज मिल सकती है। अगर बाजार में इसका दाम 40 रुपये प्रति किलो भी मिले, तो 60 क्विंटल की फसल से 2.4 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है। यह हरी भिंडी से कहीं ज्यादा मुनाफा है।
किसानों के लिए सलाह
गुलाबी भिंडी की खेती शुरू करने से पहले अपने इलाके के बाजार में इसकी डिमांड जरूर चेक कर लें। क्योंकि इसकी कीमत हरी भिंडी से ज्यादा होती है, तो इसे बेचने के लिए शहर के बाजारों या होटलों से संपर्क करना फायदेमंद हो सकता है। खेती के दौरान मिट्टी की जाँच करवाएँ और सही समय पर पानी व खाद का इंतजाम करें। अगर आप अपने गाँव में इसकी खेती शुरू करते हैं, तो न सिर्फ आपकी कमाई बढ़ेगी, बल्कि दूसरे किसान भाई भी आपसे प्रेरणा लेंगे।
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