Pink oyster Mushroom Ki Kheti: गर्मी का मौसम आते ही खेतों में परंपरागत फसलें उगाना मुश्किल हो जाता है। तेज धूप और गर्मी की वजह से फसलें मुरझा जाती हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि किसान भाइयों की कमाई रुक जाए। अगर आप वैकल्पिक फसलों की ओर रुख करें, तो गर्मी भी आपके लिए मुनाफे का मौसम बन सकता है। ऐसा ही एक शानदार विकल्प है पिंक ऑयस्टर मशरूम की खेती। ये न सिर्फ आसान है, बल्कि कम लागत में अच्छी कमाई देती है। आइए जानते हैं कि कैसे आप इस मशरूम की खेती करके अपनी जेब भर सकते हैं।
पिंक ऑयस्टर मशरूम क्यों है खास
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के मशरूम विशेषज्ञ नन्हें लाल पटेल बताते हैं कि पिंक ऑयस्टर मशरूम की खेती छत्तीसगढ़ जैसे गर्म इलाकों के लिए वरदान है। ये मशरूम 32 से 36 डिग्री सेल्सियस तापमान में आसानी से उग जाता है, जो गर्मी के मौसम के लिए एकदम सही है। ये ऑयस्टर मशरूम की ही एक खूबसूरत गुलाबी किस्म है, जिसकी खेती का तरीका भी बाकी मशरूम जैसा ही है। बाजार में इसकी मांग अच्छी है, और ये देखने में जितना सुंदर है, उतना ही फायदेमंद भी।
मशरूम की खेती का आसान तरीका
पिंक ऑयस्टर मशरूम की खेती शुरू करना कोई मुश्किल काम नहीं। बस कुछ आसान कदमों का ध्यान रखना है। सबसे पहले, आपको भूसे की जरूरत होगी। भूसे को अच्छे से पानी में भिगो लें और फिर इसे उपचारित करें। इसके लिए भूसे को गर्म पानी में डालकर कीटाणुरहित कर सकते हैं। फिर भूसे को निथारकर थोड़ा सुखा लें, ताकि उसमें ज्यादा नमी न रहे।
अब भूसे में स्पॉन (मशरूम का बीज) मिलाएं। एक बैग में 80 से 90 ग्राम स्पॉन डालना काफी है। इसके बाद बैग को अच्छे से बंद करें और उसमें छोटे-छोटे छेद करें। इन बैगों को लटकन विधि से किसी हवादार जगह पर टांग दें। करीब 15 दिन में बैग के अंदर सफेदी दिखने लगेगी। ये इस बात का संकेत है कि मशरूम का विकास शुरू हो गया है।
इसके बाद पॉलीथिन हटाकर 3-4 दिन तक बैगों पर हल्का पानी छिड़कें। ध्यान रखें कि ज्यादा पानी न डालें। बस 20 दिन के अंदर आपकी मशरूम की फसल तैयार हो जाएगी। इसे तोड़कर बाजार में बेच सकते हैं।
कम लागत, ज्यादा मुनाफा
नन्हें लाल पटेल के मुताबिक, पिंक ऑयस्टर मशरूम की खेती में लागत बहुत कम आती है। सिर्फ एक किलो स्पॉन और 10 किलो भूसे से आप 7 से 8 किलो मशरूम पैदा कर सकते हैं। बाजार में इस मशरूम का दाम 120 से 200 रुपये प्रति किलो तक मिलता है। यानी एक बैग से 800 से 1500 रुपये तक की कमाई हो सकती है। अगर आप 50-100 बैग लगाते हैं, तो सोचिए कितना मुनाफा होगा! ये खेती न सिर्फ कम समय लेती है, बल्कि मेहनत भी कम लगती है।
गर्मी में क्यों है ये सही विकल्प
गर्मी में ज्यादातर फसलें पानी और देखभाल की मांग करती हैं, लेकिन पिंक ऑयस्टर मशरूम के साथ ऐसा नहीं है। इसे उगाने के लिए आपको खेत की जरूरत नहीं। बस एक छोटा सा कमरा, शेड या झोपड़ी काफी है। छत्तीसगढ़ जैसे गर्म और नम इलाकों में ये मशरूम बिना किसी खास इंतजाम के उग जाता है। साथ ही, इसे उगाने में पानी की खपत भी कम होती है। ये उन किसानों के लिए खास तौर पर फायदेमंद है, जो छोटी जोत वाले हैं या जिनके पास ज्यादा संसाधन नहीं हैं।
किसानों के लिए खास सलाह
पिंक ऑयस्टर मशरूम की खेती शुरू करने से पहले अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र या मशरूम प्रयोगशाला से संपर्क करें। वहां से अच्छी क्वालिटी का स्पॉन लें और खेती का सही तरीका सीखें। खेती के दौरान साफ-सफाई का खास ध्यान रखें, ताकि बैगों में फंगस न लगे। मशरूम को तोड़ने के बाद उसे तुरंत बाजार में बेचें, क्योंकि ये जल्दी खराब हो सकता है। अगर आपके इलाके में मशरूम की मांग कम है, तो इसे सुखाकर भी बेच सकते हैं।
नया मौका, नई कमाई
पिंक ऑयस्टर मशरूम की खेती गर्मी के मौसम में किसानों के लिए एक सुनहरा मौका है। ये न सिर्फ आपकी जेब भर सकता है, बल्कि खेती को और टिकाऊ भी बना सकता है। कम जगह, कम मेहनत और कम खर्च में इतना मुनाफा देने वाली फसल बहुत कम होती है। तो इस गर्मी में कुछ नया करने की सोच रहे हैं, तो पिंक ऑयस्टर मशरूम की खेती जरूर आजमाएं।
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