Pioneer bajra ki kheti : पायोनियर बाजरा एक नई किस्म का बाजरा है जो खासतौर पर हरे चारे के लिए उगाया जाता है। यह बाजरा जानवरों के लिए बहुत पौष्टिक होता है और इसे कम पानी और कम मेहनत में उगाया जा सकता है। यह बाजरा जल्दी बढ़ता है और 40 से 50 दिन में ही कटाई के लिए तैयार हो जाता है। इसकी पत्तियाँ हरी और मुलायम होती हैं, जो जानवरों को बहुत पसंद आती हैं। उत्तर भारत के किसान अपने पशुओं को चारा के रुप मे खिलाने के लिए इस किस्म के बाजरे की खेती खूब की जाती है |
पायोनियर बाजरा क्यों है फायदेमंद?
पायोनियर बाजरा (Pioneer bajra ki kheti) हरे चारे के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि इसमें प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं। यह जानवरों की सेहत के लिए अच्छा होता है और दूध देने वाले पशुओं के लिए तो यह वरदान की तरह है। इसके अलावा, यह बाजरा कम पानी में भी अच्छी पैदावार देता है, जो सूखे वाले इलाकों के लिए बहुत उपयोगी है। इसे उगाने में खाद और कीटनाशक भी कम लगते हैं, जिससे किसानों की लागत कम होती है। एक बार बुआई केबाद सिंचाई के समय ही खाद डाली जताई है |
पायोनियर की बुआई
पायोनियर बाजरा उगाना बहुत आसान है। इसे बरसात के मौसम में या सिंचित खेतों में लगाया जा सकता है। बीज बोने से पहले खेत की अच्छी तरह जुताई कर लें और खाद डाल दें। बीज को 15 से 20 सेमी की दूरी पर बोएं और हल्की सिंचाई करें।40 से 50 दिन में यह बाजरा कटाई के लिए तैयार हो जाएगा। (Pioneer bajra ki kheti) कटाई के बाद इसे सीधे जानवरों को खिलाया जा सकता है या सुखाकर भविष्य के लिए स्टोर किया जा सकता है।
बाजरे में सिंचाई
पायोनियर बाजरे (Pioneer bajra ki kheti) में शुरू में जब तक बाजरा एक फीट का न हो जाए सिंचाई नहीं करनी चाहिए ,और जब बाजरा 3 फिट का हो जाए तब लगातार हर 4 थे 5वें दिन पर सिंचाई करनी चाहिए ,क्योकि बढती गर्मी से चारा को तरोताजा रखा जाता है नही तो यह पशुओ को नुकसान भी कर सकता है
पायोनियर बाजरा किसानों के लिए सहारा
आज के समय में जब पानी की कमी और जलवायु परिवर्तन की वजह से किसानों को फसल उगाने में दिक्कत हो रही है, पायोनियर बाजरा एक वरदान की तरह है। यह कम लागत में अच्छी पैदावार देता है और जानवरों के लिए पौष्टिक चारा मुहैया कराता है। गाँव के किसान इस बाजरे को उगाकर न सिर्फ अपने जानवरों की सेहत सुधार सकते हैं, बल्कि इससे अतिरिक्त आमदनी भी कमा सकते हैं। कुछ किसान भाई शहरो में अपने चारे को बेच सकते हैं क्योकि शरो में अधिकांश लोग चारा नही बो पाते हैं जगह की कमी की वजह से ,तो किसान भाईचारा को सीधे बाज़ार में भी भेज सकते हैं |
पायोनियर बाजरा (Pioneer bajra ki kheti) हरे चारे के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह किसानों और पशुपालकों दोनों के लिए फायदेमंद है। अगर आप भी अपने जानवरों को स्वस्थ रखना चाहते हैं और कम लागत में अच्छी पैदावार लेना चाहते हैं, तो पायोनियर बाजरा जरूर उगाएं। यह आपके खेत और पशुओं दोनों के लिए एक वरदान साबित होगा।
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