भारत के कृषि क्षेत्र को मजबूत करने में पीएम-किसान योजना एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है। इस योजना के जरिए सरकार डिजिटल तकनीक और व्यापक जागरूकता अभियान के माध्यम से यह सुनिश्चित कर रही है कि हर पात्र किसान को लाभ मिले और उनकी आय में स्थिरता बनी रहे। आज, जब देश की अर्थव्यवस्था को किसानों की प्रगति से जोड़ा जा रहा है, यह योजना एक सशक्त समर्थन बनकर उभरी है। आइए, इस योजना के अब तक के शानदार प्रदर्शन, समावेशी प्रयासों, डिजिटल सुविधाओं, और इससे जुड़ी अन्य पहल जैसे कीटनाशक प्रशिक्षण और शिकायत निवारण प्रणाली को विस्तार से समझते हैं।
अब तक का शानदार प्रदर्शन
पीएम-किसान योजना के तहत सरकार ने अब तक 19 किस्तों में 3.69 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे किसानों के खातों में जमा की है। यह राशि छोटे और सीमांत किसानों के लिए नकदी संकट से उबरने और उनकी फसलों को बेहतर ढंग से संभालने में मददगार साबित हो रही है। हाल ही में, 24 फरवरी 2025 को जारी 19वीं किस्त के माध्यम से 10 करोड़ से अधिक किसानों को 23,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की गई। यह उपलब्धि सरकार के संकल्प को दर्शाती है कि कोई भी पात्र किसान योजना से वंचित न रहे। हर 4 महीने में दी जाने वाली ₹6,000 की सालाना राशि किसानों के लिए जीवनयापन और खेती के खर्चों को पूरा करने में सहायक है।
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समावेश और विस्तार के सतत प्रयास
(PM Kisan Scheme Saturation Campaign) योजना के तहत सभी पात्र किसानों को जोड़ने के लिए सरकार ने सेचुरेशन अभियान शुरू किया है, जिसमें राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। 15 नवंबर 2023 से शुरू हुई विकसित भारत संकल्प यात्रा (VBSY) के तहत 1 करोड़ से अधिक नए किसानों को योजना से जोड़ा गया है। यह अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में शिविरों और जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए किसानों तक पहुंच रहा है। इसके अलावा, नई सरकार की 100 दिनों की प्राथमिकता सूची में 25 लाख और किसानों को शामिल किया गया। सितंबर 2024 में लंबित स्व-पंजीकरण मामलों को हल करने के लिए विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें 30 लाख से अधिक किसानों के आवेदनों को स्वीकृति दी गई। ये कदम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि दूरदराज के इलाकों के किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकें।
डिजिटल सुविधाओं से आसान पहुंच
पीएम-किसान पोर्टल पर किसानों के लिए किसान कॉर्नर और Know Your Status जैसे उपयोगी फीचर उपलब्ध हैं, जो उनकी पात्रता और किस्त की स्थिति की जांच को सरल बनाते हैं। यह पोर्टल 24/7 उपलब्ध है, जहां किसान अपना आधार नंबर या पंजीकरण संख्या डालकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, स्थानीय कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर भी किसान अपनी जानकारी अपडेट कर सकते हैं और आवश्यक सहायता ले सकते हैं। डिजिटल भुगतान और आधार से लिंक खाते के जरिए राशि सीधे उनके पास पहुंच रही है, जो पारदर्शिता और गति को बढ़ाता है।
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सुरक्षित कीटनाशक उपयोग के लिए प्रशिक्षण
किसानों की सेहत और फसलों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सरकार कीटनाशकों के सुरक्षित उपयोग पर विशेष जोर दे रही है। इसके तहत विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें विशेषज्ञ किसानों को कीटनाशकों के सही उपयोग, खुराक, और स्वास्थ्य जोखिमों से बचाव की जानकारी देते हैं। स्थानीय स्तर पर कार्यशालाएं और डेमो सत्र आयोजित हो रहे हैं, जो किसानों को रासायनिक खतरों से बचाते हैं और जैविक विकल्पों को बढ़ावा देते हैं। यह पहल न केवल फसलों की पैदावार को बेहतर बनाती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देती है।
मजबूत शिकायत निवारण प्रणाली
यदि योजना से संबंधित कोई दिक्कत आती है, तो किसानों के लिए शिकायत मॉड्यूल एक सशक्त समाधान है। ये शिकायतें राज्य और जिला स्तर पर समयबद्ध तरीके से हल की जाती हैं, जिसमें अधिकतम 30 दिनों का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, CPGRAMS पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने की सुविधा भी उपलब्ध है, जो किसानों की समस्याओं को तेजी से अधिकारियों तक पहुंचाती है। इस प्रणाली से विश्वास बढ़ा है, और किसान अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं।
योजना का प्रभाव और भविष्य
पीएम-किसान योजना ने छोटे किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है। 10 करोड़ किसानों तक पहुंच इस बात का प्रमाण है कि सरकार का फोकस ग्रामीण विकास पर है। इस योजना से न केवल आय में वृद्धि हुई है, बल्कि खेती के लिए निवेश और तकनीक अपनाने में भी मदद मिली है। भविष्य में, सरकार का लक्ष्य और अधिक किसानों को जोड़ना और डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है, ताकि 2025 तक हर पात्र किसान लाभान्वित हो सके।
पीएम-किसान योजना आपके लिए एक सुनहरा अवसर है। सेचुरेशन अभियान के तहत अपने पंजीकरण को अपडेट करें और डिजिटल सुविधाओं का लाभ उठाएं। स्थानीय CSC या पोर्टल पर जाकर अपनी पात्रता जांचें और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लें। यह कदम न केवल आपकी आय बढ़ाएगा, बल्कि खेती को आधुनिक और टिकाऊ बनाएगा।
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