जानिये पोमेलो प्रजाति के फल की खेती के बारे में, हर साल कमाइए 5 लाख

Pomelo Cultivation : किसान भाइयों, खेती करने का मतलब है अपने खेत से ताजी और फायदेमंद चीजें उगाना, जो घर में खाने और बाज़ार में बेचने दोनों के काम आए। पोमेलो फ्रूट ऐसा ही एक खास फल है, जो नींबू की फैमिली से आता है और देखने में बड़े अंगूर जैसा लगता है। इसे भारत में “चकोतरा” भी कहते हैं। इसका स्वाद हल्का मीठा और रसीला होता है, जो खाने में मज़ा देता है। इसकी खेती से न सिर्फ सेहत को फायदा होता है, बल्कि बाज़ार में अच्छी कमाई भी हो सकती है। पोमेलो गर्म और नम जगहों में अच्छा उगता है। आइए जानते हैं कि इसे अपने खेत में कैसे उगाएं और इसका पेड़ कहाँ से लें।

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पोमेलो फ्रूट क्या है?

पोमेलो नींबू की प्रजाति का सबसे बड़ा फल है। ये दक्षिण-पूर्व एशिया से आया है। इसका छिलका मोटा और हल्का पीला या हरा होता है, और अंदर का गूदा मीठा-खट्टा होता है। गाँव में इसे उगाना फायदेमंद है, क्यूंकि ये ज्यादा देखभाल नहीं माँगता और 5-7 साल में फल देना शुरू कर देता है। इसे ताजा खा सकते हैं या जूस और जैम बनाने में इस्तेमाल कर सकते हैं। खेत में इसे लगाकर आप लंबे वक्त तक कमाई का रास्ता बना सकते हैं।

खेत को तैयार करें

पोमेलो की खेती के लिए खेत में ऐसी जगह चुनें जहाँ धूप अच्छी पड़े और पानी जमा न हो। दोमट या रेतीली मिट्टी इसके लिए सबसे अच्छी है, जिसका pH 6 से 7.5 के बीच हो। खेत को जोत लें और उसमें गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट डाल दें। हर गड्ढे में 10-15 किलो खाद डालें। गड्ढे 3 फीट गहरे और 3 फीट चौड़े बनाएं, और पेड़ों के बीच 20-25 फीट की दूरी रखें, क्यूंकि ये बड़ा पेड़ बनता है। मिट्टी को भुरभुरा करने के लिए हल चलाएं। बारिश से पहले खेत तैयार करें, ताकि पौधे अच्छे से जम जाएं।

पौधा लगाने का तरीका

पोमेलो को तैयार पौधे से लगाना आसान है। नर्सरी से 1-2 फीट लंबा पौधा लें। गड्ढे में पौधा रखें, जड़ों को मिट्टी से अच्छे से दबाएं और हल्का पानी डाल दें। अगर बीज से शुरू करना हो, तो ताजा बीज लें और 24 घंटे पानी में भिगोकर 2-3 इंच गहरा बो दें। बारिश का मौसम (जून-जुलाई) लगाने का सबसे अच्छा वक्त है। पहले हफ्ते रोज पानी दें, ताकि जड़ें मिट्टी से जुड़ जाएँ। पौधों को सीधा रखने के लिए लकड़ी का सहारा दे सकते हैं।

पानी और खाद का ध्यान

पहले साल पोमेलो को नियमित पानी चाहिए। हफ्ते में 2-3 बार पानी दें, लेकिन मिट्टी को गीला न रखें। बड़े पेड़ को गर्मी में 100-150 लीटर पानी हर दिन चाहिए। ड्रिप इरिगेशन से पानी की बचत होती है। जैविक खेती के लिए गोबर की खाद, नीम की खली या वर्मी कंपोस्ट हर 4-6 महीने में डालें। रासायनिक खाद से बचें। खरपतवार को हाथ से निकालें और पेड़ के चारों तरफ घास डाल दें, इससे मिट्टी नम रहेगी।

पोमेलो का पेड़ कहाँ मिलेगा?

पोमेलो का पेड़ ढूंढना गाँव में थोड़ा मुश्किल हो सकता है, मगर कुछ जगहों से इसे आसानी से लिया जा सकता है। अपने नजदीकी नर्सरी में जाकर पूछें, क्यूंकि कई नर्सरियाँ इसे रखती हैं। अगर वहाँ न मिले, तो सरकारी बागवानी केंद्र या कृषि विभाग से संपर्क करें, वहाँ सस्ते में पौधे मिल जाते हैं। ऑनलाइन भी ऑर्डर कर सकते हैं, कई वेबसाइट्स पर पोमेलो के पौधे 200-500 रुपये में मिलते हैं। गाँव में कोई पहले से उगा रहा हो, तो उससे पौधा या बीज माँग लें। पौधा लेते वक्त देखें कि वो हरा-भरा और तंदुरुस्त हो।

फल कब मिलेंगे और फायदा

पोमेलो का पेड़ 5-7 साल में फल देना शुरू करता है। एक पेड़ से सालाना 75-100 फल मिल सकते हैं। फल नवंबर से मार्च तक तैयार होते हैं। छिलका हल्का पीला होने पर फल तोड़ लें। बाज़ार में पोमेलो 50-70 रुपये किलो बिकता है। एक हेक्टेयर से 15-20 टन पैदावार हो सकती है, यानी अच्छी कमाई का रास्ता है। इसे ताजा बेचें या जूस-जैम बनाकर बेच सकते हैं।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

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